जबलपुर। सिवनी में जिला न्यायालय के लिए आवंटित जमीन के विरोध में अधिवक्ताओं द्वारा की गयी हड़ताल को मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता संघ ने अवैध घोषित किया. इसके बावजूद कुछ अधिवक्ताओं ने हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ऐसे अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना के नोटिस जारी किए हैं. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा ने नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.
सिवनी बार एसोसिएशन के खिलाफ पहले ही हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि सिवनी जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर अधिवक्ता 18 से 20 मार्च तक न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए हड़ताल पर चले गये थे. अधिवक्ताओं की हड़ताल के संबंध में संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने सिवनी बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों पर एक माह तक न्यायालय में पैरवी के लिए उपस्थित होने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा आगामी 3 साल तक किसी भी बार एसोसिएशन के चुनाव के लिए अपात्र घोषित कर दिया था. अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की तरफ से बताया गया कि उन्होंने हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
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अधिवक्ताओं के एक वर्ग ने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखी
मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने इस मामले में आवश्यक निर्देश भी जारी किए. इसके बावजूद अधिवक्ताओं के एक वर्ग ने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने के संबंध में चेतावनी दी है. हड़ताल जारी रखने के चेतावनी पत्र में 95 अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं. युगलपीठ ने पाया कि 95 में से 64 अधिवक्ताओं को चिह्नित किए गए हैं. युगलपीठ ने अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया सहित चिह्नित अधिवक्ताओं को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. युगलपीठ ने कहा है हस्ताक्षर करने वाले अन्य अधिवक्ता भी अगर चिह्नित होते हैं तो उनके खिलाफ भी अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. युगलपीठ ने अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष को निर्देशित किया है कि वे चिह्नित 64 अधिवक्ताओं के खिलाफ निलंबन सहित अन्य उचित आदेश पारित करें.