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खूंटी में पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार का आयोजन, पारंपरिक कारीगरों को बताए गये इसके फायदे - PM Vishwakarma Scheme seminar

PM Vishwakarma Scheme. खूंटी में पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें कई शिल्पकार, सुनार, लोहार, कुम्हार आदि उपस्थित हुए, जिन्हें इस योजना के बारे में जागरूक किया गया.

PM Vishwakarma Scheme
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 18, 2024, 7:33 AM IST

पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार का आयोजन

खूंटी : जिले के कन्या मध्य विद्यालय ऑडिटोरियम में शनिवार को पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह एमएसएमई कार्यक्रम भारत सरकार के कोकर औद्योगिक क्षेत्र द्वारा चलाया गया. कार्यक्रम में शिल्पकार, सुनार, लोहार, कुम्हार, बढ़ई, राजमिस्त्री, मूर्तिकार, दर्जी और खूंटी जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखिया प्रतिनिधि उपस्थित थे.

5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा लोन

अग्रणी बैंक प्रबंधक सनत कुमार दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर इस योजना का शुभारंभ किया था. अब विश्वकर्मा योजना से जुड़े कारीगरों को बैंकों के माध्यम से केवल 5 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े सभी पात्र लाभार्थियों के रोजगार में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को 15 हजार रुपये का टूलकिट भी उपलब्ध कराया जाएगा.

18 प्रकार के शिल्पकारों को मिल रहा लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना में कुल 18 प्रकार के शिल्पकारों को शामिल किया गया है. यह लाभ लोहार, सुनार, बढ़ई, ताला बनाने वाले, मछली जाल बनाने वाले, नाई और कुम्हार सहित पारंपरिक कारीगरों को दिया जाएगा. इसमें 5 से 7 दिन का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी और प्रशिक्षण के अंत में 15000 रुपये की ई-टूलकिट भी दी जाएगी. शिल्पकारों को डिजिटल पेमेंट में भी छूट दी जाएगी.

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी अनिकेत सचान ने कहा कि वर्तमान समय की मांग के अनुरूप पारंपरिक शिल्पकला में सुधार लाने की जरूरत है. कारीगरों के लिए बाजार की मांग के अनुरूप नये डिजाइनों में कलाकृतियां बनाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया. कार्यक्रम में सहायक निदेशक ज्योत्सना गुड़िया, रांची के प्रमोद कुमार, खूंटी के लघु एवं कुटीर विभाग के अतिन टोपनो, आशीष कुमार एवं जिले के लाभार्थी उपस्थित थे.

यह भी पढ़ें: साहिबगंज में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक सेमिनार का आयोजन, लाभुकों को दी गई जानकारी

यह भी पढ़ें: कोडरमा में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पांच दिवसीय सेमिनार का आयोजन, पारंपरिक कारीगरों को दी जा रही ट्रेनिंग

यह भी पढ़ें: गिरिडीह के बगोदर में विश्वकर्मा समाज का सम्मेलन, 18 फरवरी को रांची में अधिकार रैली का आयोजन

पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार का आयोजन

खूंटी : जिले के कन्या मध्य विद्यालय ऑडिटोरियम में शनिवार को पीएम विश्वकर्मा योजना को लेकर सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह एमएसएमई कार्यक्रम भारत सरकार के कोकर औद्योगिक क्षेत्र द्वारा चलाया गया. कार्यक्रम में शिल्पकार, सुनार, लोहार, कुम्हार, बढ़ई, राजमिस्त्री, मूर्तिकार, दर्जी और खूंटी जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखिया प्रतिनिधि उपस्थित थे.

5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा लोन

अग्रणी बैंक प्रबंधक सनत कुमार दुबे ने बताया कि प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर इस योजना का शुभारंभ किया था. अब विश्वकर्मा योजना से जुड़े कारीगरों को बैंकों के माध्यम से केवल 5 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े सभी पात्र लाभार्थियों के रोजगार में सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को 15 हजार रुपये का टूलकिट भी उपलब्ध कराया जाएगा.

18 प्रकार के शिल्पकारों को मिल रहा लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना में कुल 18 प्रकार के शिल्पकारों को शामिल किया गया है. यह लाभ लोहार, सुनार, बढ़ई, ताला बनाने वाले, मछली जाल बनाने वाले, नाई और कुम्हार सहित पारंपरिक कारीगरों को दिया जाएगा. इसमें 5 से 7 दिन का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी और प्रशिक्षण के अंत में 15000 रुपये की ई-टूलकिट भी दी जाएगी. शिल्पकारों को डिजिटल पेमेंट में भी छूट दी जाएगी.

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी अनिकेत सचान ने कहा कि वर्तमान समय की मांग के अनुरूप पारंपरिक शिल्पकला में सुधार लाने की जरूरत है. कारीगरों के लिए बाजार की मांग के अनुरूप नये डिजाइनों में कलाकृतियां बनाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया. कार्यक्रम में सहायक निदेशक ज्योत्सना गुड़िया, रांची के प्रमोद कुमार, खूंटी के लघु एवं कुटीर विभाग के अतिन टोपनो, आशीष कुमार एवं जिले के लाभार्थी उपस्थित थे.

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