जयपुर: राजधानी में शनिवार को इंजीनियरिंग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 'अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को सशक्त बनाना' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. आयोजन का उद्देश्य इंजीनियरिंग शिक्षा को बढ़ाने के साथ ही मुख्य इंजीनियरिंग उद्योग की उभरती मांगों के लिए छात्रों को बेहतर ढंग से तैयार करना है. एलएनएमआईआईटी जयपुर में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में प्रोफेसरों, उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों सहित प्रदेश भर से 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
एलएनएमआईआईटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट एचओडी मोहित मक्कड़ ने बताया कि सेमीनार में यह बताने की कोशिश की गई है कि किस तरह से धीरे-धीरे इंजीनियरिंग एजुकेशन बदल रही है. इंजीनियरिंग पढ़ाई, इंडस्ट्री और एकेडमी के बीच के गैप को कैसे कम किया जाए, इसको लेकर भी विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार रखें. ताकि इंजीनियरिंग एजुकेशन के बाद इंडस्ट्री में जाने पर बच्चों को कुछ अलग नहीं लगना चाहिए. इसमें गवर्नमेंट की पॉलिसीज के बारे में भी जानकारी दी गई है. इससे एक मजबूत इंजीनियर बनकर आगे जाएगा, जो इंडस्ट्री के बारे अच्छे से समझ सकेगा.
एएसएमई फाउंडेशन इंडिया, एलएनएमआईआईटी जयपुर और एएसएमई इंजीनियरिंग एजुकेशन डिवीजन के सहयोग से आयोजित यह सेमिनार शिक्षाविदों, संस्थान के कार्यकारी प्रबंधन के सदस्यों, प्राचार्यों, विभागों के प्रमुखों, मैकेनिकल और संबंद्ध इंजीनियरिंग विषयों के डीन और राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्लेसमेंट सेल के प्रमुखों के लिए एक मंच के रूप में साबित होगा. जहां एक साथ आकर और उभरते करियर के अवसरों का पता लगा सकें.
सेमिनार मुख्य इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उभरती नौकरियों और करियर के अवसरों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित रहा. वर्तमान प्लेसमेंट परिदृश्यों और शैक्षिक परिणामों के बारे में चर्चा की गई. जिसका लक्ष्य एक-दूसरे के अनुभवों से विचार करना और सीखना है. यह आयोजन अनुभवात्मक शिक्षण हस्तक्षेपों के माध्यम से इंजीनियरिंग शिक्षा को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना और रोडमैप विकसित करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करने वाला है. लोगों को पेशेवर रूप से पुरस्कृत करियर पथों की ओर छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए ज्ञान से लैस करने का प्रयास किया गया है. इससे मुख्य इंजीनियरिंग उद्योग को भी लाभ होगा.