नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर सहित अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सोमवार को पुलिस टीम ने अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ इलाके में गश्त किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की. इसके अलावा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद शाहीन इलाके में भी भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. इस दौरान पुलिस ने वहां फ्लैग मार्च किया.
वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि सीएए पर अधिसूचना जारी किए जाने के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. अर्धसैनिक बलों के साथ लगातार गश्त किया जा रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी पूरे मामले पर नजर बनाए रखे हुए हैं और लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की जा रही है. इसके लागू होने की संभावना को देखते हुए दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले की पुलिस पहले से ही तैयार थी. डीसीपी ने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही सोशल मीडिया पर कोई भ्रामक पोस्ट करें.
उधर, नोएडा में कमिश्नरेट पुलिस अलर्ट मोड पर है. इसी क्रम में तीनों जोन के डीसीपी ने सोमवार शाम को पुलिसबल के साथ अलग-अलग जगहों पर पैदल मार्च किया. साथ ही संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और इन इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है. कई जगहों पर पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में भी तैनात किया है और लोगों से सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया जा रहा है.
इस पर नोएडा के डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि शहर के कई हिस्से में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है. शहर को जोन और सुपरजोन में बांटा गया है. वहीं, सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं. अगर किसी ने माहौल खराब करने वाला वीडियो साझा किया या ऐसी टिप्पणी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सोशल मीडिया पर डीजीपी मुख्यालय से भी नजर रखी जा रही है. सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नोटिफिकेशन के बाद भी जनपद में सबकुछ सामान्य है. कानून और व्यवस्था संबंधी कहीं पर कोई भी परेशानी नहीं है. समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से लगातार संवाद स्थापित किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि साल 2020 में सीएए के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में लोग धरने पर बैठ गए थे. यह विरोध प्रदर्शन बाद में दंगे में बदल गया था, जिसमें करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. उस वक्त भारी विरोध की वजह से सीएए लागू नहीं हो पाया था, लेकिन केंद्र सरकार सीएए को लागू करने के अपने इरादे पर कायम थी.
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