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मदनपुर के जंगल में चार IED बरामद, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की साजिश की विफल - Naxali activity in Aurangabad

IED found in Aurangabad औरंगाबाद जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. मदनपुर थाना क्षेत्र स्थित पचरुखिया के जंगली इलाके में चार आईईडी बरामद किया गया. उसे जंगल में ही विस्फोट कराकर विनिष्ट कर दिया गया. पढ़ें, विस्तार से.

औरंगाबाद में आईईडी बरामद.
औरंगाबाद में आईईडी बरामद. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 10, 2024, 7:31 PM IST

औरंगाबाद में आईईडी बरामद. (ETV Bharat)

औरंगाबादः बिहार के औरंगाबाद जिला के मदनपुर थाना क्षेत्र स्थित पचरुखिया जंगल में सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने चार IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया. IED एक प्रकार का बम होता है. पुलिस ने इसे जंगल में ही विस्फोट कराकर नष्ट कर दिया. सुरक्षा बलों ने आईईडी को विनष्ट कर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. सुरक्षा बलों के आने की भनक पाकर नक्सली फरार हो गए.

जंगल में ही नष्ट किया गया बमः जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने IED लगा रखे थे. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (02) अमित कुमार ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर एरिया डॉमिनेशन एवं सर्च ऑपरेशन निरंतर जारी है. इसी क्रम में सूचना मिली कि नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश की जा रही है. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कार्रवाई कर चार शक्तिशाली बम बरामद किया गया. सतर्कता से आई.ई.डी. को जंगल में ही नष्ट कर दिया गया.

"नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने, सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने और ग्रामीणों में दहशत पैदा करने के लिए चार आईईडी बम लगाए थे. बरामद आईईडी बम बेहद शक्तिशाली थे. बम निरोधक दस्ता ने मौके पर ही विनष्ट कर दिया."- अमित कुमार, एसडीपीओ, औरंगाबाद सदर 2

चलाया जा रहा सर्च अभियानः अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि इलाके में पुलिस की सक्रियता के कारण नक्सलियों की गतिविधियां शिथिल पड़ी हुई हैं. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव को देखते हुए नक्सली अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए इस तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं. सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाकर उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया जा रहा है.

क्या होता है IED: यह भी एक तरह का बम होता है. IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए करता है. IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. नक्सली सड़क के किनारे IED को लगाते हैं, ताकि इसपर पांव पड़ते ही या फिर गाड़ी का पहिया चढ़ते ब्लास्ट हो जाए. IED ब्लास्ट में बहुत तेजी से घुआं निकलता है.

इसे भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, औरंगाबाद में सुरक्षा बलों ने 7 IED विस्फोटक को किया डिफ्यूज - Naxalites Planted Bombs

इसे भी पढ़ेंः औरंगाबाद में नक्सलियों ने पुलिस पर की फायरिंग, STF ने दो को दबोचा, 4 फरार

औरंगाबाद में आईईडी बरामद. (ETV Bharat)

औरंगाबादः बिहार के औरंगाबाद जिला के मदनपुर थाना क्षेत्र स्थित पचरुखिया जंगल में सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने चार IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया. IED एक प्रकार का बम होता है. पुलिस ने इसे जंगल में ही विस्फोट कराकर नष्ट कर दिया. सुरक्षा बलों ने आईईडी को विनष्ट कर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. सुरक्षा बलों के आने की भनक पाकर नक्सली फरार हो गए.

जंगल में ही नष्ट किया गया बमः जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने IED लगा रखे थे. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (02) अमित कुमार ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर एरिया डॉमिनेशन एवं सर्च ऑपरेशन निरंतर जारी है. इसी क्रम में सूचना मिली कि नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश की जा रही है. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कार्रवाई कर चार शक्तिशाली बम बरामद किया गया. सतर्कता से आई.ई.डी. को जंगल में ही नष्ट कर दिया गया.

"नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने, सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने और ग्रामीणों में दहशत पैदा करने के लिए चार आईईडी बम लगाए थे. बरामद आईईडी बम बेहद शक्तिशाली थे. बम निरोधक दस्ता ने मौके पर ही विनष्ट कर दिया."- अमित कुमार, एसडीपीओ, औरंगाबाद सदर 2

चलाया जा रहा सर्च अभियानः अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि इलाके में पुलिस की सक्रियता के कारण नक्सलियों की गतिविधियां शिथिल पड़ी हुई हैं. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव को देखते हुए नक्सली अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए इस तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं. सुरक्षा बलों द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाकर उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया जा रहा है.

क्या होता है IED: यह भी एक तरह का बम होता है. IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए करता है. IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. नक्सली सड़क के किनारे IED को लगाते हैं, ताकि इसपर पांव पड़ते ही या फिर गाड़ी का पहिया चढ़ते ब्लास्ट हो जाए. IED ब्लास्ट में बहुत तेजी से घुआं निकलता है.

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