बस्तर: नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों को घेरने के लिए फोर्स लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में सुकमा और बीजापुर के बार्डर एरिया में नया पुलिस कैंप खोला गया. कैंप सरहदी गांव गोल्लाकुंडा में शुरु हुआ है. फोर्स के मुताबिक इलाका हार्डकोर माओवादी हिड़मा का क्षेत्र माना जाता है. लंबे वक्त से हिड़मा यहां एक्टिव है. नक्सलियों का खौफ खत्म करने और इस इलाके में विकास का काम शुरु करने के लिए पुलिस ने ये कैंप स्थापित किया है.
गोल्लाकुंडा गांव में खुला कैंप: इलाके में कैंप खोलने का मकसद नक्सली हिड़मा और उसके साथियों पर दबाव बढ़ाना है. हिड़मा के बारे में कहा जाता है कि वो नक्सलियों के सबसे खूंखार बटालियन नंबर 1 का हार्डकोर माओवादी है. इसके साथ ही इस इलाके में बटालियन नंबर एक का दबदबा है और पामेड़ एरिया कमेटी के नक्सली भी सक्रिय हैं. ये इलाका सालों से नक्सलियों का सेफ जोन रहा है. कैंप स्थापित होने से नक्सलियों के मूवमेंट पर ब्रेक लगेगा.
हार्डकोर नक्सली हिड़मा का ये इलाका है. जवानों की मौजूदगी से नक्सलियों पर दबाव बढ़ेगा. नक्सल गतिविधियों पर भी लगाम लगेगी. लोगों के मन में सुरक्षा का भाव भी बढ़ेगा. इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना आसान होगा. विकास के काम में भी कैंप के होने से तेजी आएगी. :सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
बस्तर में खुले 25 पुलिस कैंप: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि गोल्लाकुंडा जैसे क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की उपस्थिति से नक्सलियों की पकड़ कमजोर होगी और उनके लॉजिस्टिक सपोर्ट नेटवर्क पर भी असर पड़ेगा. इस साल बस्तर क्षेत्र में कुल 25 से अधिक नए कैंप खोले गए हैं. इनमें दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में कैंप शामिल है.