नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में धारा 163 लागू की गई है. चेहल्लुम, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ईद मिलादुन्नबी, विश्वकर्मा पूजा, महाराजा अग्रसेन जयंती, गांधी जयंती और दशहरा समेत अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन और विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए धारा 163 लागू की गई है. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा धारा 163 लागू करने को लेकर आदेश जारी किया गया है.
जुलूस प्रदर्शन आदि पर रोक
अपर पुलिस आयुक्त द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के धरना, जुलूस प्रदर्शन आदि के लिए एकत्रित नहीं होंगे और न ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेंगे. वर्तमान में आयोजित परीक्षाओं के दृष्टिगत कार्यक्रमों में संयोजक डी०जे० का प्रयोग नियम समय सीमा के पश्चात किसी भी दशा में नहीं करेंगे. कोई भी जाति विशेष का व्यक्ति और व्यक्तियों का समूह अपने नगर, गांव, मौहल्ले और अन्य स्थानों पर जाकर कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेगा जिससे जातीय हिंसा व अन्य विवाद उत्पन्न होने की संभावना हो.
विवाह एवं शव यात्रा पर प्रतिबन्ध नहीं
आदेश में कहा गया है कि कमिश्नरेट गाजियाबाद में किसी भी गांव अथवा मौहल्ले में ऐसे व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जायेगा, जिसके जाने से उस क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना हो. कोई भी व्यक्ति सक्षम प्राधिकारी और संबंधित मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना कोई जुलूस, सभा, सम्मेलन, धरना प्रदर्शन तथा रैली आदि आयोजित नहीं करेगा. विवाह एवं शव यात्रा पर यह प्रतिबन्ध लागू नहीं होगा.
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अस्त्र-शस्त्र और सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक
कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार अस्त्र शस्त्र, विस्फोटक पदार्थ या ऐसी वस्तु जिनका प्रयोग आक्रमण किये जाने में किया जा सकता है यथा चाकू, भाला, बरछी, तलवार, छुरा आदि लेकर नहीं चलेगा और न ही इनको किसी स्थान पर एकत्रित करेगा और न ही इनका सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा. पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ कहा गया है परीक्षा केंद्र से न्यूनतम एक किलोमीटर की परिधि में फोटोकॉपिर और स्कैनर का संचालन परीक्षा अवधि में पूर्णता प्रतिबंधित किया जाए. आदेश के मुताबिक 14 अक्टूबर 2024 तक गाजियाबाद में धारा 163 प्रभावी रहेगी.
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