चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रकियाएं चल रही हैं. कपाट बंद होने की धार्मिक प्रक्रिया 'वैदिक पंच पूजा' का आज दूसरा दिन है. आज आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी विधि-विधान से बंद होंगे. इसके साथ ही आदिकेदारेश्वर भगवान को अन्नकूट भोग लगाया जाएगा.
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया जारी: वैदिक पंच पूजा के दूसरे दिन आज बृहस्पतिवार को श्री बदरीनाथ धाम में श्री आदि केदारेश्वर मंदिर में बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी अमरनाथ नंबूदरी द्वारा भगवान आदि केदारेश्वर को अन्नकूट (पके चावल) अर्पित किए जाएंगे. रावल जी की ओर से पूजा-अर्चना के साथ भगवान आदिकेदारेश्वर और नंदी पर चारों ओर से गरम चावल का लेपन किया गया जाता है. इस दौरान भगवान श्री आदि केदारेश्वर की विशेष पूजाएं होती हैं. अंत में शीतकाल के लिए श्री आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य जी के मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे.
बुधवार शाम बंद हुए गणेश मंदिर के कपाट: बता दें कि शुक्रवार 15 नवंबर को पंच पूजाओं के तीसरे दिन बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में खड्ग पुस्तक बंद होने के बाद बदरीनाथ मंडप में वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा. गौरतलब है कि पंच पूजाओं के पहले दिन बुधवार 13 नवंबर को को सायंकालीन अभिषेक पूजा के बाद श्री गणेश जी के कपाट बंद कर दिए गए हैं. वहीं बदरीनाथ धाम में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का आंकड़ा भी 13 लाख को पार कर गया है. अब तक 13 लाख 91 हजार 124 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर लिए हैं. 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे.
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