पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में सभी राजनीतिक दल जुट गया है. लेकिन बिहार में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस गठबंधन से कौन सा राजनीतिक दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग का मामला अभी तक उलझा हुआ है. जन विश्वास महारैली के बाद महागठबंधन के सभी घटक दल सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक राजद, कांग्रेस एवं वामपंथी दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा उसपर सहमति नहीं बनी है. लोजपा आर के नेता चिराग पासवान पर भी महागठबंधन की नजर है.
राजद के दावा जल्द सुलझ जाएगा मामलाः राजद महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है. 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को लीड करने की जिम्मेदारी राजद के कंधों पर ही है. आरजेडी का कहना है कि महागठबंधन में किसी तरीके का कोई विवाद नहीं है. राजद की प्रवक्ता मधु मंजरी का कहना है कि महागठबंधन के घटक दलों के शीर्ष नेतृत्व लगातार बातचीत कर रही है. जल्द ही सीट बंटवारे पर फैसला हो जाएगा. मधु मंजरी का कहना है कि बिहार के किसी भी गठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग का मामला नहीं सुलझा है.
"सभी राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है. कांग्रेस नाराज नहीं है. विधान परिषद के चुनाव में सबकी सहमति से प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बनी थी. यदि चिराग पासवान, महागठबंधन में शामिल होते हैं तो अच्छा होगा. दो-दो नौजवान एक साथ आते हैं तो यह बिहार के हित में होगा."- मधु मंजरी, राजद प्रवक्ता
क्या हो सकता है सीट शेयरिंग फॉर्मूलाः राजनीति जानकारों की मानें तो महागठबंधन में सीट फार्मूला लगभग तय कर लिया गया है. राजनीति विश्लेषक रवि उपाध्याय का कहना है कि राजद 25 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है. कांग्रेस को 8, माले को 4, सीपीआई को 2 एवं सीपीएम को 1 सीट देने का फॉर्मूला तैयार किया गया है. चिराग पासवान को लेकर महागठबंधन अभी भी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. यदि चिराग पासवान महागठबंधन में आते हैं तब नए सिरे से सीट बंटवारे का फार्मूला तय किया जाएगा. वैसी स्थिति में राजद, कांग्रेस एवं वामपंथी दलों की सीटों में कुछ कटौती होगी.
कहां फंस रहा पेच: महागठबंधन के सभी घटक दल भले ही यह दावा कर रहे हैं कि उनके यहां सब कुछ सही है. लेकिन, कई ऐसी सीट है जिन पर कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल दावा कर रहे हैं. बेगूसराय की सीट पर कांग्रेस का दावा है. कन्हैया कुमार को चुनाव लड़ाने की प्लानिंग है. वही बेगूसराय कभी वामपंथियों का गढ़ रहा है. 2019 लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार वाम दल के कैंडिडेट के तौर पर वहां से चुनाव लड़ चुके हैं. मधुबनी की सीट पर राजद और कांग्रेस दोनों दावा कर रहे हैं. पूर्णिया सीट पर राजद और कांग्रेस के बीच में मामला नहीं सुलझा है.
कांग्रेस के मन में कसकः कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी का कहना था कि जब घटक दल ज्यादा होते हैं तो स्वाभाविक है कि कुछ फैसला लेने में देरी होती है. उनका दावा है कि तीन से चार दिनों के अंदर महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला सुलझ जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने बिहार में 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का दवा एक बार फिर से दोहराया. उनका कहना था कि शीर्ष नेतृत्व ने इसकी जानकारी महागठबंधन के अन्य घटक दलों को भी दे दी है. बिहार विधान परिषद में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दिए जाने से असंतोष है. आसितनाथ तिवारी ने कहा कि महागठबंधन से ज्यादा NDA का मामला फंसा हुआ है.
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