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Exclusive : गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी की तर्ज पर राजस्थान में भी बनेंगे एक्सप्रेस-वे, तलाशी का काम शुरू - Expressways in Rajasthan

Expressways in Rajasthan, प्रदेश में नए एक्सप्रेस-वे की तलाश के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के नेतृत्व में टास्क फोर्स गठित की गई है. इसमें गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर नए एक्सप्रेस-वे तलाश किए जाएंगे, जिसके तहत राजस्थान को भारत की एक्सप्रेस-वे राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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राजस्थान में एक्सप्रेस वे के लिए रूट तलाशी शुरू
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 11:06 AM IST

Updated : Feb 10, 2024, 11:22 AM IST

जल्द राजस्थान में भी बनेंगे एक्सप्रेस वे

कोटा. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में नई सरकार गठित हुई है. चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने कई तरह के वादे संकल्प पत्र 2023 में किए थे. इन वादों को सरकार पूरा करने का प्रयास भी करती दिख रही है. इनमें ही एक वादा प्रदेश को एक्सप्रेस-वे की राजधानी बनाने का. इसके लिए भी नवगठित सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और सार्वजनिक निर्माण विभाग की मंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में नए एक्सप्रेस-वे की तलाश के लिए काम शुरू करवाया है. इसमें गुजरात और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर नए एक्सप्रेस-वे तलाश किए जाएंगे.

टास्क फोर्स का किया गया गठन : दरअसल, राज्य की नवगठित सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 5 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत राजस्थान को भारत की एक्सप्रेस-वे राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत एक टास्क फोर्स गठित की गई है, जो खुद सार्वजनिक विभाग के शासन सचिव संजीव माथुर के नेतृत्व में गठित की गई है. उनके अलावा इसमें 6 अन्य सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें एडिशनल सेक्रेटरी के चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हैं.

एक्सप्रेस-वे से कम खर्चे में ज्यादा दूरी तय : शासन सचिव संजीव माथुर के अनुसार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ही दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे निकाला है. इसके अलावा भारतमाला एक्सप्रेस-वे भी निकला है. राजस्थान सरकार की ओर से एक्सप्रेस-वे फिलहाल नहीं बनाए गए हैं, जबकि दूसरे प्रदेशों में एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने के लिए भी एक्सप्रेस-वे बनाए गए हैं. इनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित अन्य कई राज्य हैं, जहां पर एक्सप्रेस-वे बने हुए हैं. एक्सप्रेस-वे बनाए जाने से शहरों के बीच दूरी कम हो जाती है. साथ ही कम खर्चे में ज्यादा दूरी तय की जाती है.

इसे भी पढ़ें : Delhi Mumbai Expressway : मुकुंदरा में बन रही टनल में पानी का तेज रिसाव, एक तरफ खुदाई का काम बंद, नहीं पता चला Source

राज्य सरकार के अनुमोदन से होगा निर्माण शुरू : सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा के नेशनल हाईवे वृत के अधीक्षण अभियंता राजीव अग्रवाल का कहना है कि वे भी टास्क फोर्स में शामिल है. राज्य सरकार के आदेश अनुसार उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नए हाईवे तलाश कर उनकी फीजिबिलिटी चेक करेंगे. हम लोग एक्सप्रेस-वे को आईडेंटिफाई करेंगे व सरकार को पूरी जानकारी देंगे. सरकार के अनुमोदन के बाद इन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसमें अभी स्पेसिफिक संख्या का जिक्र नहीं हुआ है.

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राजस्थान में भी बनेंगे एक्सप्रेस वे

6 महीनों में ढूंढने हैं नए एक्सप्रेस, सभी होंगे ग्रीन फील्ड : एक्सप्रेस-वे खोजने वाली टास्क फोर्स टीम का नेतृत्व शासन सचिव पीडब्ल्यूडी संजीव माथुर करेंगे. टीम में एडिशनल सेक्रेटरी और चीफ इंजीनियर डीआर मेघवाल, चीफ इंजीनियर नेशनल हाईवे (पीपीपी) विकास दीक्षित, चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल मुकेश भाटी, अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे अनूप गहराने, अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे वृत जयपुर अनुपम गुप्ता और अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे वृत कोटा राजीव अग्रवाल को शामिल किया है. इन सभी अधिकारियों को 6 महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसके तहत नए एक्सप्रेस हाईवे ढूंढने हैं. ये सभी एक्सप्रेस हाईवे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाईवे होंगे.

इसे भी पढ़ें : SPECIAL : एलाइनमेंट के झोल में अटका अटल प्रोग्रेसिव-वे! दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे में मिलाने की बात से भी संशय

पीडब्ल्यूडी राजस्थान के शासन सचिव संजीव माथुर का कहना है कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश में अच्छे एक्सप्रेस-वे बने. इसके लिए हम पूरे राजस्थान से ही सर्वे करके पूरी रिपोर्ट लेंगे और यह सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. इसमें हम नए रूटों को चिन्हित करेंगे. जरूरत होने पर सरकार एक्सप्रेस-वे के रूट में कुछ बदलाव भी कर सकती है, जिसकी ज्यादा फीजिबिलिटी अच्छी रहेगी, उनका निर्माण सरकार पहले करवाएगी. इसके अलावा सरकार हमारे इस प्रस्ताव के बाद फेज वाइज या एक-एक करके एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करवाएगी.

इन बातों का ध्यान में रखकर होगा एक्सप्रेस-वे का चयन :

  1. ट्रैफिक की कैलकुलेशन को देखते हुए.
  2. दो बड़े इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ने के लिए.
  3. बड़े शहरों को सीधा कनेक्ट करने के लिए.
  4. टूरिस्ट प्लेसों का सर्किट बनाने के लिए.
  5. ड्राई पोर्ट से इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ने के लिए.
  6. हैवी ट्रैफिक वाले रूटों को जोड़ने के लिए.
  7. बड़े शहरों के बीच दूरी कम करने के लिए.
  8. राजधानी को दूसरे बड़े शहरों से जोड़ने के लिए.

जल्द राजस्थान में भी बनेंगे एक्सप्रेस वे

कोटा. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में नई सरकार गठित हुई है. चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने कई तरह के वादे संकल्प पत्र 2023 में किए थे. इन वादों को सरकार पूरा करने का प्रयास भी करती दिख रही है. इनमें ही एक वादा प्रदेश को एक्सप्रेस-वे की राजधानी बनाने का. इसके लिए भी नवगठित सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और सार्वजनिक निर्माण विभाग की मंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में नए एक्सप्रेस-वे की तलाश के लिए काम शुरू करवाया है. इसमें गुजरात और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर नए एक्सप्रेस-वे तलाश किए जाएंगे.

टास्क फोर्स का किया गया गठन : दरअसल, राज्य की नवगठित सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 5 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत राजस्थान को भारत की एक्सप्रेस-वे राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत एक टास्क फोर्स गठित की गई है, जो खुद सार्वजनिक विभाग के शासन सचिव संजीव माथुर के नेतृत्व में गठित की गई है. उनके अलावा इसमें 6 अन्य सदस्य भी शामिल हैं, जिनमें एडिशनल सेक्रेटरी के चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हैं.

एक्सप्रेस-वे से कम खर्चे में ज्यादा दूरी तय : शासन सचिव संजीव माथुर के अनुसार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ही दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे निकाला है. इसके अलावा भारतमाला एक्सप्रेस-वे भी निकला है. राजस्थान सरकार की ओर से एक्सप्रेस-वे फिलहाल नहीं बनाए गए हैं, जबकि दूसरे प्रदेशों में एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने के लिए भी एक्सप्रेस-वे बनाए गए हैं. इनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित अन्य कई राज्य हैं, जहां पर एक्सप्रेस-वे बने हुए हैं. एक्सप्रेस-वे बनाए जाने से शहरों के बीच दूरी कम हो जाती है. साथ ही कम खर्चे में ज्यादा दूरी तय की जाती है.

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राज्य सरकार के अनुमोदन से होगा निर्माण शुरू : सार्वजनिक निर्माण विभाग कोटा के नेशनल हाईवे वृत के अधीक्षण अभियंता राजीव अग्रवाल का कहना है कि वे भी टास्क फोर्स में शामिल है. राज्य सरकार के आदेश अनुसार उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नए हाईवे तलाश कर उनकी फीजिबिलिटी चेक करेंगे. हम लोग एक्सप्रेस-वे को आईडेंटिफाई करेंगे व सरकार को पूरी जानकारी देंगे. सरकार के अनुमोदन के बाद इन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसमें अभी स्पेसिफिक संख्या का जिक्र नहीं हुआ है.

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राजस्थान में भी बनेंगे एक्सप्रेस वे

6 महीनों में ढूंढने हैं नए एक्सप्रेस, सभी होंगे ग्रीन फील्ड : एक्सप्रेस-वे खोजने वाली टास्क फोर्स टीम का नेतृत्व शासन सचिव पीडब्ल्यूडी संजीव माथुर करेंगे. टीम में एडिशनल सेक्रेटरी और चीफ इंजीनियर डीआर मेघवाल, चीफ इंजीनियर नेशनल हाईवे (पीपीपी) विकास दीक्षित, चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल मुकेश भाटी, अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे अनूप गहराने, अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे वृत जयपुर अनुपम गुप्ता और अधीक्षण अभियंता नेशनल हाईवे वृत कोटा राजीव अग्रवाल को शामिल किया है. इन सभी अधिकारियों को 6 महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जिसके तहत नए एक्सप्रेस हाईवे ढूंढने हैं. ये सभी एक्सप्रेस हाईवे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाईवे होंगे.

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पीडब्ल्यूडी राजस्थान के शासन सचिव संजीव माथुर का कहना है कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश में अच्छे एक्सप्रेस-वे बने. इसके लिए हम पूरे राजस्थान से ही सर्वे करके पूरी रिपोर्ट लेंगे और यह सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. इसमें हम नए रूटों को चिन्हित करेंगे. जरूरत होने पर सरकार एक्सप्रेस-वे के रूट में कुछ बदलाव भी कर सकती है, जिसकी ज्यादा फीजिबिलिटी अच्छी रहेगी, उनका निर्माण सरकार पहले करवाएगी. इसके अलावा सरकार हमारे इस प्रस्ताव के बाद फेज वाइज या एक-एक करके एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू करवाएगी.

इन बातों का ध्यान में रखकर होगा एक्सप्रेस-वे का चयन :

  1. ट्रैफिक की कैलकुलेशन को देखते हुए.
  2. दो बड़े इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ने के लिए.
  3. बड़े शहरों को सीधा कनेक्ट करने के लिए.
  4. टूरिस्ट प्लेसों का सर्किट बनाने के लिए.
  5. ड्राई पोर्ट से इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ने के लिए.
  6. हैवी ट्रैफिक वाले रूटों को जोड़ने के लिए.
  7. बड़े शहरों के बीच दूरी कम करने के लिए.
  8. राजधानी को दूसरे बड़े शहरों से जोड़ने के लिए.
Last Updated : Feb 10, 2024, 11:22 AM IST
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