लखनऊ : सरोजनीनगर के बिजनौर थानाक्षेत्र में नूरनगर भदरसा स्थित राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का 9वां स्थापना दिवस गुरुवार को मनाया गया. मुख्य अतिथि के रूप में डीआईजी पीएसी मध्य किरीट राठौर शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत हवन पूजन के साथ की गई. मुख्य अतिथि डीआईजी पीएसी किरीट राठौर को एसडीआरएफ के जवानों ने सलामी दी. कार्यक्रम में डीआईजी पीएसी किरीट राठौर ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ के जवान हमेशा तैयार रहें.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ जैसी आपदाओं में फंसे लोगों को एसडीआरएफ ही उन्हें सकुशल बचाती है. इसके अलावा प्रदेश में अचानक आने वाली अन्य आपदाओं में फंसे लोगों की मदद करने में एसडीआरएफ की मुख्य भूमिका होती है. एसडीआरएफ प्रदेश में घटित होने वाली सभी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार है. चाहे वह आपदा बाढ़, आग, बिल्डिंग गिरना, केमिकल, बायोलोजिकल रिएक्शन के रूप में हो, आपदा मोचन बल हर आपदाआों में प्रदेश की जनता की मदद करती है.
6 हजार लोगों का किया रेस्क्यू : सतीश कुमार ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल का गठन 2015 में हुआ था, तब से लेकर अब तक हम लोग लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लोगों की जान बचा रहे है. अब तक लगभग 6000 से अधिक लोगों का रेस्क्यू एसडीआरएफ की टीम द्वारा किया जा चुका है. हजारों की संख्या में बाढ़ में फंसे हुए मवेसियों का भी रेस्क्यू हमारी टीम द्वारा किया गया है. बाढ़ के समय लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के साथ ही लोगों को भोजन, इलाज आदि की व्यवस्था भी हमारी टीम करती है.
कई फोर्स के साथ काम करना चैलेंजिंग : सेनानायक सतीश कुमार ने बताया कि जब कोई बड़ी घटना होती है तो वहां पर स्थानीय पुलिस फायर की टीम के अलावा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर होती है, तो सभी फोर्स के साथ कोऑर्डिनेशन बनाते हुए लीड करना अपने आप में चैलेंजिंग होता है. हम लोग सभी टीमों के साथ सामंजस्यता बनाते हुए आपदा में फंसे लोगों का रेस्क्यू करते है.
एसडीआरएफ द्वारा राहत और बचाव कार्य का का किया प्रदर्शन : इस दौरान एसडीआरएफ के जवानों द्वारा ध्वस्त इमारत में फंसे लोगों, रोप रेस्क्यू के माध्यम से बिल्डिंग में फंसे लोगों और बोरवेल रेस्क्यू व डॉग स्क्वायड द्वारा राहत और बचाव का प्रदर्शन भी किया गया. डीआईजी किरीट राठौर ने एसडीआरएफ जवानों के प्रदर्शन को इत्मीनान से बैठकर देखा और उन्हें शाबाशी दी.
अत्याधुनिक उपकरणों के बारे में ली जानकारी : किरीट राठौर ने एसडीआरएफ के पास वर्तमान में मौजूद आधुनिक उपकरणों में रिमोट संचालित लाइफ बॉय, जल में चलने वाले हल्के व भारी रबराइज्ड इन्फ्ले टेबल मोटर बोट, अंडरवाटर कम्युनिकेशन सेट, केमिकल लाइट स्टिक फार अंडरवाटर, अंडर वाटर हेडलैंप, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा व अन्य आधुनिक उपकरण की प्रदर्शनी देखी. प्रदर्शनी में एसडीआरएफ के सेनानायक आईपीएस डॉ. सतीश कुमार ने डीआईजी किरीट राठौर को उक्त उपकरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
आपदा मित्रों का भी होता है प्रशिक्षण : एसडीआरएफ के पास कुशल गोताखोर वह ट्रेंड प्रशिक्षक भी उपलब्ध हैं, जो रेस्क्यू कार्य के अतिरिक्त प्रदेश भर में स्कूल / कॉलेज के विद्यार्थियों, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लोगों, पुलिस के जवानों, लेखपालों व अन्य लोगों को आपदा मित्र के रूप में तैयार करते हैं.
कार्यक्रम समापन पर किरीट राठौर ने एसडीआरएफ जवानों को पुरस्कार भी वितरित किए. इस मौके पर एसडीआरएफ के उप सेनानायक हरेंद्र यादव सहित तमाम अधिकारी व एसडीआरएफ जवान भी मौजूद रहे.
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