नई दिल्ली: दिल्ली एम्स में बढ़ती बेतहाशा मरीजों की संख्या के कारण इन दिनों ओपीडी रात 11 तक संचालित की जा रही है. जिस मरीज का इलाज दूसरे प्राइमरी हेल्थ सेंटर में भी शुरू किया जा सकता है, लोग उसे भी लेकर यहां पहुंच रहे हैं. इसके चलके गंभीर समस्याओं से जूझ रहे मरीज को खासा परेशान होना पड़ रहा है. इसी को लेकर डॉक्टरों की एक टीम ने शनिवार को बताया कि किसी भी मरीज को बेहतर इलाज करने के लिए प्राइमरी हेल्थ केयर सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण होता है. जल्द एम्स में 'स्क्रीनिंग ओपीडी' शुरू होने जा रही है, जो रेफरल सिस्टम पर आधारित होगा.
इस दौरान डॉ. रीमा दादा ने बताया कि जिस मरीज को प्राइमरी या सेकेंडरी हेल्थ केयर की जरूरत है, उसे दूसरे अस्पताल में भेजा जाएगा, ताकि क्रिटिकल पेशेंट का समय पर इलाज संभव हो सके. इस वक्त रोजाना 20,000 से ज्यादा पेशेंट एम्स में इलाज के लिए आ रहे हैं. उनमें से अधिकतर मरीज ऐसे होते हैं, जिनका इलाज दूसरे अस्पताल में भी आसानी से और जल्दी हो सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में जो एम्स का प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर खुला है, वहां पर कई तरह की बीमारी की प्राथमिक जांच होती है. हमें प्राइमरी हेल्थ केयर को लेकर लोगों को जागरूक भी करना है.
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वहीं, एसोसिएट प्रो. डॉ मोहन बेरवा ने कहा कि पहले हेल्थ केयर सिस्टम में ज्यादातर मां और बच्चों के बीमारी पर ही बात की जाती थी, लेकिन अब हार्ट अटैक, कैंसर पेशेंट, डायबिटीज, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन के बारे में बात की जा रही है. कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को भी ट्रेन किया जा चुका है. उनके अन्य अलावा अन्य डॉक्टरों ने कहा कि आज की दिनचर्या के कारण लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं. वहीं लोगों में मानसिक तनाव भी आम होता जा रहा है. योग और अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है.
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