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सड़क हादसे में घायल स्कूटर सवार की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप

Road Accident in delhi: दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में एक हफ्ते पहले सड़क हादसे में घायल स्कूटी सवार की मौत हो गई. मामले में मृतक के परिजन पुलिस पर जांच के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगा रहें हैं और आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं.

सड़क हादसे में एक हफ्ते बाद स्कूटर सवार की मौत
सड़क हादसे में एक हफ्ते बाद स्कूटर सवार की मौत
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 29, 2024, 11:42 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के उत्तरी जिला सिविल लाइंस इलाके में कुछ दिनों पहले तेज रफ्तार गाड़ी ने ऑफिस जा रहे स्कूटर सवार को टक्कर मार दी थी. स्कूटर सवार का कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला, लेकिन इलाज के दौरान अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना परिवार ने पुलिस को दी. पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में केवल खानापूर्ती कर रही है.

मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले में तथ्यों की जांच नहीं कर रही है. हादसे का सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए मुस्तैद नहीं है. उत्तरी जिला के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया की 19 जनवरी को सुबह करीब 9 बजे सिविल लाइंस इलाके में चंदगीराम अखाड़े की रेड लाइट के पास सिविल लाइंस पुलिस को एक्सीडेंट की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को इलाज के लिए सिविल लाइंस स्थित ट्रामा सेंटर पहुंचाया.

हादसे में घायल शख्स का नाम हेमंत वर्मा (45) था, घायल स्कूटर से नोएडा ऑफिस जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ. हेमंत के बैग में पुलिस को एक पर्ची मिली जिसपर पड़ोसी दुकानदार का एड्रेस और उसका फोन नंबर लिखा हुआ था. पुलिस ने हादसे की जानकारी उस दुकानदार को दी. दुकानदार ने बताया की घायल अशोक विहार फेज 3 में परिवार के साथ रहता है. घटना की जानकारी मिलने के बाद घायल के परिजन भी अस्पताल पहुंचे. करीब एक सप्ताह तक अस्पताल में इलाज के बाद 26 जनवरी को घायल की मौत हो गई .

ये भी पढ़ें : दिल्ली में दोस्त पर चाकू से किया हमला, फिर मारी गोली, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की है और हेमंत की मौत हो गई. साथ ही मृतक के परिजनों ने बताया की मृतक नोएडा में प्राइवेट जॉब करता था. वह अपने परिवार के साथ अशोक विहार फेज-3 में रहता था. उसके परिवार में पत्नी पूनम (40) ओर दो बच्चे इशिता (15 साल) और रिशांत (12 साल) है. परिवार जब हादसे वाली जगह पहुंचा तो देखा की सड़क के किनारे टूटा हुआ हेलमेट भी पड़ा हुआ था.हेलमेट देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था की हादसा कितना भयानक था.परिजनों ने पुलिस को हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी दिया. उसके बाद भी पुलिस जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है.

परिवार का आरोप है कि हादसे के बाद जब 26 जनवरी को हेमंत की मौत हुई, घटना की सूचना सिविल लाइंस थाना पुलिस को दी गई. पुलिस ने हवाला दिया कि पुलिस गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में व्यस्त है और उनकी गुहार को टालती रही. अब परिजन पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि पुलिस मामले कि गंभीरता से जांच करे और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे.

ये भी पढ़ें : गाजियाबाद में मामूली झगड़े के बाद पति ने पत्नी को छत से फेंका, मौत

नई दिल्ली : दिल्ली के उत्तरी जिला सिविल लाइंस इलाके में कुछ दिनों पहले तेज रफ्तार गाड़ी ने ऑफिस जा रहे स्कूटर सवार को टक्कर मार दी थी. स्कूटर सवार का कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला, लेकिन इलाज के दौरान अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई. घटना की सूचना परिवार ने पुलिस को दी. पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में केवल खानापूर्ती कर रही है.

मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले में तथ्यों की जांच नहीं कर रही है. हादसे का सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए मुस्तैद नहीं है. उत्तरी जिला के डीसीपी मनोज कुमार मीणा ने बताया की 19 जनवरी को सुबह करीब 9 बजे सिविल लाइंस इलाके में चंदगीराम अखाड़े की रेड लाइट के पास सिविल लाइंस पुलिस को एक्सीडेंट की सूचना मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को इलाज के लिए सिविल लाइंस स्थित ट्रामा सेंटर पहुंचाया.

हादसे में घायल शख्स का नाम हेमंत वर्मा (45) था, घायल स्कूटर से नोएडा ऑफिस जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ. हेमंत के बैग में पुलिस को एक पर्ची मिली जिसपर पड़ोसी दुकानदार का एड्रेस और उसका फोन नंबर लिखा हुआ था. पुलिस ने हादसे की जानकारी उस दुकानदार को दी. दुकानदार ने बताया की घायल अशोक विहार फेज 3 में परिवार के साथ रहता है. घटना की जानकारी मिलने के बाद घायल के परिजन भी अस्पताल पहुंचे. करीब एक सप्ताह तक अस्पताल में इलाज के बाद 26 जनवरी को घायल की मौत हो गई .

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परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की है और हेमंत की मौत हो गई. साथ ही मृतक के परिजनों ने बताया की मृतक नोएडा में प्राइवेट जॉब करता था. वह अपने परिवार के साथ अशोक विहार फेज-3 में रहता था. उसके परिवार में पत्नी पूनम (40) ओर दो बच्चे इशिता (15 साल) और रिशांत (12 साल) है. परिवार जब हादसे वाली जगह पहुंचा तो देखा की सड़क के किनारे टूटा हुआ हेलमेट भी पड़ा हुआ था.हेलमेट देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था की हादसा कितना भयानक था.परिजनों ने पुलिस को हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी दिया. उसके बाद भी पुलिस जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है.

परिवार का आरोप है कि हादसे के बाद जब 26 जनवरी को हेमंत की मौत हुई, घटना की सूचना सिविल लाइंस थाना पुलिस को दी गई. पुलिस ने हवाला दिया कि पुलिस गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में व्यस्त है और उनकी गुहार को टालती रही. अब परिजन पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि पुलिस मामले कि गंभीरता से जांच करे और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे.

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