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बलरामपुर में किचन शेड के बरामदे में स्कूल, 3 बच्चों के लिए 2 टीचर - School in Verandah

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2024, 2:19 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 7:16 AM IST

School in Verandah, School in kitchen shed in Balrampur छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में स्कूलों की हालत दयनीय है. यहां किचन शेड के बरामदे में स्कूल चल रहा है. आपको जानकर हैरत होगी कि विश्रामनगर के आश्रित गांव बरदबंधा के इस स्कूल में सिर्फ 3 बच्चे पढ़ते हैं, जबकि उनको पढ़ाने के लिए 2 टीचर तैनात हैं.

School in verandah
बलरामपुर में किचन शेड में स्कूल (ETV Bharat Chhattisgarh)
बलरामपुर में किचन शेड में स्कूल (ETV Bharat Chhattisgarh)

बलरामपुर : विश्रामनगर के आश्रित ग्राम बरदबंधा के प्राइमरी स्कूल में सिर्फ तीन बच्चे हैं. तीन बच्चों के लिए हेडमास्टर और एक टीचर है. ये दोनों टीचर, तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंचते हैं. ताज्जुब की बात यह भी है कि तीन बच्चों में से सिर्फ 2 बच्चे ही स्कूल पहुंचते हैं. तीसरा स्टूडेंट नदारद रहता है. दो स्कूल पहुंचने वाले स्टूडेंट में एक लड़की है और एक लड़का है.

School in verandah
बलरामपुर में किचन शेड में स्कूल (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव में स्कूल लेकिन सिर्फ 3 बच्चों का ही एडमिशन क्यों : जिले के विश्रामनगर ग्राम पंचायत अंतर्गत बरदबंधा आश्रित गांव है. गांव में 25 से 30 घर हैं. लेकिन गांव के ज्यादातर घरों के बच्चे गांव के स्कूल में नहीं पढ़ते. बरदबंधा गांव में रहने वाले मुंशी प्रकाश एक्का बताते हैं-" गांव के स्कूल में टीचर तो है लेकिन स्कूल में कोई सुविधा नहीं है. कोई बिल्डिंग नहीं है. पेड़ के नीचे स्कूल लगता है. बारिश के दिनों में सांप बिच्छु सब निकलते हैं. इसलिए हम अपने बच्चों को मिशन स्कूल में भेजते हैं. गांव के 25 से 30 परिवारों के ज्यादातर बच्चे बाहर ही पढ़ते हैं. "

स्कूल बिल्डिंग नहीं, इसलिए पढ़ने नहीं आते बच्चे: बरदबंधा के प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक देवचंद सिंह ने बताया-" यहां स्कूल बिल्डिंग की समस्या है. इस वजह से स्कूल में बच्चे भी कम है. स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने से किचन शेड में पढ़ाई होती है. भवन नहीं होने से बच्चे स्कूल नहीं आते. स्कूल भवन जर्जर होने के बाद स्कूल का सारा सामान किचन शेड में ही रखा गया है. बैठने की व्यवस्था भी नहीं है. एक टेबल और 2 -3 कुर्सी है. "

DEO ने किया ये दावा: बरामदे में स्कूल चलने के मामले में बलरामपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी डीएन मिश्रा ने बताया कि "गांव में स्कूल भवन है जिसे डिस्मेंटल किया गया है. बगल के शासकीय भवन में स्कूल चल रहा है. स्कूल में तीन बच्चे हैं. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नियमानुसार कार्रवाई किया जाएगा."

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बलरामपुर : विश्रामनगर के आश्रित ग्राम बरदबंधा के प्राइमरी स्कूल में सिर्फ तीन बच्चे हैं. तीन बच्चों के लिए हेडमास्टर और एक टीचर है. ये दोनों टीचर, तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंचते हैं. ताज्जुब की बात यह भी है कि तीन बच्चों में से सिर्फ 2 बच्चे ही स्कूल पहुंचते हैं. तीसरा स्टूडेंट नदारद रहता है. दो स्कूल पहुंचने वाले स्टूडेंट में एक लड़की है और एक लड़का है.

School in verandah
बलरामपुर में किचन शेड में स्कूल (ETV Bharat Chhattisgarh)

गांव में स्कूल लेकिन सिर्फ 3 बच्चों का ही एडमिशन क्यों : जिले के विश्रामनगर ग्राम पंचायत अंतर्गत बरदबंधा आश्रित गांव है. गांव में 25 से 30 घर हैं. लेकिन गांव के ज्यादातर घरों के बच्चे गांव के स्कूल में नहीं पढ़ते. बरदबंधा गांव में रहने वाले मुंशी प्रकाश एक्का बताते हैं-" गांव के स्कूल में टीचर तो है लेकिन स्कूल में कोई सुविधा नहीं है. कोई बिल्डिंग नहीं है. पेड़ के नीचे स्कूल लगता है. बारिश के दिनों में सांप बिच्छु सब निकलते हैं. इसलिए हम अपने बच्चों को मिशन स्कूल में भेजते हैं. गांव के 25 से 30 परिवारों के ज्यादातर बच्चे बाहर ही पढ़ते हैं. "

स्कूल बिल्डिंग नहीं, इसलिए पढ़ने नहीं आते बच्चे: बरदबंधा के प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक देवचंद सिंह ने बताया-" यहां स्कूल बिल्डिंग की समस्या है. इस वजह से स्कूल में बच्चे भी कम है. स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने से किचन शेड में पढ़ाई होती है. भवन नहीं होने से बच्चे स्कूल नहीं आते. स्कूल भवन जर्जर होने के बाद स्कूल का सारा सामान किचन शेड में ही रखा गया है. बैठने की व्यवस्था भी नहीं है. एक टेबल और 2 -3 कुर्सी है. "

DEO ने किया ये दावा: बरामदे में स्कूल चलने के मामले में बलरामपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी डीएन मिश्रा ने बताया कि "गांव में स्कूल भवन है जिसे डिस्मेंटल किया गया है. बगल के शासकीय भवन में स्कूल चल रहा है. स्कूल में तीन बच्चे हैं. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नियमानुसार कार्रवाई किया जाएगा."

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Last Updated : Aug 30, 2024, 7:16 AM IST
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