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हरियाणा में बसों की छतों पर बैठ रहे स्कूली स्टूडेंट्स, स्कूल जाने के लिए रोज़ाना कर रहे ख़तरों का सफ़र - SCHOOL CHILDREN ON ROOF OF BUS

चरखी दादरी में स्कूली बच्चों को स्कूल जाने के लिए बसों की छतों पर सवारी करने के मजबूर होना पड़ रहा है.

School children riding on the roofs of high speed bus in Charkhi Dadri
हरियाणा में बसों की छतों पर बैठ रहे स्कूली स्टूडेंट्स (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

चरखी दादरी : हरियाणा में स्कूली बच्चों को स्कूल जाने के लिए अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ नज़ारा देखने को मिला है हरियाणा के चरखी दादरी में जहां स्कूली बच्चे बसों की छतों पर सवारी कर रहे हैं.

बसों की छतों पर सवारी की मजबूरी : चरखी दादरी में स्कूल तक पहुंचने के लिए स्कूली बच्चे अपनी लाइफ को रिस्क पर डालते हुए बसों की छतों पर सवारी करने को मजबूर है. चरखी दादरी जिले के जुई-बाढ़ड़ा सड़क पर रोज़ाना ऐसे ही नज़ारे अमूमन देखने को मिल जाते हैं. सुबह के वक्त स्कूली बच्चों को स्कूल जाना होता है लेकिन बसों की संख्या काफी ज्यादा कम रहती है, ऐसे में स्कूल स्टूडेंट्स को बस के अंदर जगह तक नहीं मिल पाती. स्कूल तो टाइम पर शुरू होते हैं. ऐसे में बच्चों को अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालना पड़ता है. बस आने पर बच्चे सीट ना मिल पाने की स्थिति में बस की सीढ़ी पर चढ़ते हुए बस की छत पर जाकर बैठ जाते हैं.

चरखी दादरी में बसों की छतों पर सवारी करते बच्चे (Etv Bharat)

बसों की कमी से बच्चों की मजबूरी : मासूम बच्चों को बस की छत पर चढ़ता देखने के बावजूद बस के कंडक्टर और ड्राइवर उन्हें रोकने की कोई जहमत तक नहीं उठाते क्योंकि उन्हें किराये की फिक्र होती है. बच्चों के बैठने के बाद बस हवा से बातें करने लग जाती है. कड़कड़ाती ठंड के बीच कांपते हुए बच्चे बसों की छतों पर बैठकर अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालते हुए स्कूल तक पहुंचते हैं. बसों की कमी के लिए कई बार रोड जाम और प्रदर्शन तक हो चुके हैं लेकिन फिर भी बसों की कमी इलाके में बनी हुई है. वहीं बच्चों की इस ख़तरनाक यात्रा पर बोलते हुए चरखी दादरी डीपो महाप्रंबधक नवीन शर्मा ने कहा कि छतों पर यात्रा करवाना पूरी तरह से गलत हैं. अगर बसों की कमी है तो बसों के फेरे बढ़वाए जाएंगे.

चरखी दादरी : हरियाणा में स्कूली बच्चों को स्कूल जाने के लिए अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ नज़ारा देखने को मिला है हरियाणा के चरखी दादरी में जहां स्कूली बच्चे बसों की छतों पर सवारी कर रहे हैं.

बसों की छतों पर सवारी की मजबूरी : चरखी दादरी में स्कूल तक पहुंचने के लिए स्कूली बच्चे अपनी लाइफ को रिस्क पर डालते हुए बसों की छतों पर सवारी करने को मजबूर है. चरखी दादरी जिले के जुई-बाढ़ड़ा सड़क पर रोज़ाना ऐसे ही नज़ारे अमूमन देखने को मिल जाते हैं. सुबह के वक्त स्कूली बच्चों को स्कूल जाना होता है लेकिन बसों की संख्या काफी ज्यादा कम रहती है, ऐसे में स्कूल स्टूडेंट्स को बस के अंदर जगह तक नहीं मिल पाती. स्कूल तो टाइम पर शुरू होते हैं. ऐसे में बच्चों को अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालना पड़ता है. बस आने पर बच्चे सीट ना मिल पाने की स्थिति में बस की सीढ़ी पर चढ़ते हुए बस की छत पर जाकर बैठ जाते हैं.

चरखी दादरी में बसों की छतों पर सवारी करते बच्चे (Etv Bharat)

बसों की कमी से बच्चों की मजबूरी : मासूम बच्चों को बस की छत पर चढ़ता देखने के बावजूद बस के कंडक्टर और ड्राइवर उन्हें रोकने की कोई जहमत तक नहीं उठाते क्योंकि उन्हें किराये की फिक्र होती है. बच्चों के बैठने के बाद बस हवा से बातें करने लग जाती है. कड़कड़ाती ठंड के बीच कांपते हुए बच्चे बसों की छतों पर बैठकर अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालते हुए स्कूल तक पहुंचते हैं. बसों की कमी के लिए कई बार रोड जाम और प्रदर्शन तक हो चुके हैं लेकिन फिर भी बसों की कमी इलाके में बनी हुई है. वहीं बच्चों की इस ख़तरनाक यात्रा पर बोलते हुए चरखी दादरी डीपो महाप्रंबधक नवीन शर्मा ने कहा कि छतों पर यात्रा करवाना पूरी तरह से गलत हैं. अगर बसों की कमी है तो बसों के फेरे बढ़वाए जाएंगे.

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