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यूपी रोडवेज में घोटाला; बस टिकट की 204 गड्डियों का नहीं मिल रहा ब्यौरा, 15 से 20 लाख का हेरफेर, RM ने दिए जांच के आदेश - Scam in roadways

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 9:51 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 10:26 PM IST

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में आए दिन कोई न कोई घोटाला सामने आ ही जाता है. अब बस टिकटों की गड्डियों का एक घोटाला सामने आया है.

रोडवेज में घोटाला.
रोडवेज में घोटाला. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में आए दिन कोई न कोई घोटाला सामने आ ही जाता है. अब तक तमाम घोटाले हो चुके हैं और अब बस टिकटों की गड्डियों का एक घोटाला सामने आया है. इस बार प्रकरण चारबाग बस डिपो से जुड़ा है. करीब 204 टिकट गड्डियों का ब्यौरा ही नहीं मिल रहा है. पिछले करीब 3 महीने से टिकटों का ब्यौरा रजिस्ट्रर में दर्ज ही नहीं किया गया. अनुमान है कि इस तरह करीब 15 से 20 लाख रुपये का हेरफेर किया गया है. अब आरएम ने जांच के आदेश दिए हैं तो जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए हैं.

बीते मई, जून और जुलाई माह का ब्यौरा क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय नहीं पहुंचने पर अब जिम्मेदारों को पसीना आ रहा है. क्षेत्रीय प्रबंधक को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने चारबाग के स्टेशन इंचार्ज ममता साहू से रजिस्टर तलब करते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. बताया जाता है कि रजिस्टर में टिकटों की गड्डी का ब्यौरा दर्ज नहीं होने पर आनन-फानन में अप्रैल माह के आधार पर मई, जून और जुलाई का ब्यौरा दर्ज करके रिपोर्ट आरएम कार्यालय भेज दी गई.

101 से लेकर 150 रुपए के थे टिकट : जानकारी के मुताबिक 101 से लेकर 150 रुपए मूल्य के टिकट बताए जा रहे हैं. बीते तीन माह में 200 से ज्यादा टिकट की गड्डियों का ब्यौरा दर्ज नहीं किया गया. रजिस्टर में तीन माह के दौरान टिकटों की गड्डियों का रिकॉर्ड नहीं होने से करीब 15 से 20 लाख रुपये की हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है.

हर 15 दिनों में भेजना होता है डाटा : हर दिन जारी होने वाली टिकट की गड्डियों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज होता है. जहां स्टेशन इंचार्ज के हस्ताक्षर होते हैं और 15 दिनों में रजिस्टर आरएम ऑफिस भेजा जाता है, लेकिन बीते तीन माह से टिकटों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया.

अब तक 10 टिकटों की गड्डी चोरी में आठ पर हुई कार्रवाई : एक वर्ष पहले जुलाई माह में अवध बस डिपो में एसी जनरथ बस की 10 टिकटों की गड्डी के मामले में अब तक आठ कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन असली आरोपी कौन है? इस मामले की जांच अभी भी चल रही है. वहीं इस मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि चारबाग डिपो में टिकटों की गड्डियों का ब्यौरा तलब किया गया है. इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : उपचुनाव से पहले एक्शन मोड में योगी सरकार; 51 मंत्रियों को बनाया जिलों का प्रभारी, सीएम-दोनों डिप्टी सीएम की भी जिम्मेदारी तय, लिस्ट जारी - Yogi Government

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में आए दिन कोई न कोई घोटाला सामने आ ही जाता है. अब तक तमाम घोटाले हो चुके हैं और अब बस टिकटों की गड्डियों का एक घोटाला सामने आया है. इस बार प्रकरण चारबाग बस डिपो से जुड़ा है. करीब 204 टिकट गड्डियों का ब्यौरा ही नहीं मिल रहा है. पिछले करीब 3 महीने से टिकटों का ब्यौरा रजिस्ट्रर में दर्ज ही नहीं किया गया. अनुमान है कि इस तरह करीब 15 से 20 लाख रुपये का हेरफेर किया गया है. अब आरएम ने जांच के आदेश दिए हैं तो जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए हैं.

बीते मई, जून और जुलाई माह का ब्यौरा क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय नहीं पहुंचने पर अब जिम्मेदारों को पसीना आ रहा है. क्षेत्रीय प्रबंधक को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने चारबाग के स्टेशन इंचार्ज ममता साहू से रजिस्टर तलब करते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. बताया जाता है कि रजिस्टर में टिकटों की गड्डी का ब्यौरा दर्ज नहीं होने पर आनन-फानन में अप्रैल माह के आधार पर मई, जून और जुलाई का ब्यौरा दर्ज करके रिपोर्ट आरएम कार्यालय भेज दी गई.

101 से लेकर 150 रुपए के थे टिकट : जानकारी के मुताबिक 101 से लेकर 150 रुपए मूल्य के टिकट बताए जा रहे हैं. बीते तीन माह में 200 से ज्यादा टिकट की गड्डियों का ब्यौरा दर्ज नहीं किया गया. रजिस्टर में तीन माह के दौरान टिकटों की गड्डियों का रिकॉर्ड नहीं होने से करीब 15 से 20 लाख रुपये की हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है.

हर 15 दिनों में भेजना होता है डाटा : हर दिन जारी होने वाली टिकट की गड्डियों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज होता है. जहां स्टेशन इंचार्ज के हस्ताक्षर होते हैं और 15 दिनों में रजिस्टर आरएम ऑफिस भेजा जाता है, लेकिन बीते तीन माह से टिकटों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया.

अब तक 10 टिकटों की गड्डी चोरी में आठ पर हुई कार्रवाई : एक वर्ष पहले जुलाई माह में अवध बस डिपो में एसी जनरथ बस की 10 टिकटों की गड्डी के मामले में अब तक आठ कर्मियों पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन असली आरोपी कौन है? इस मामले की जांच अभी भी चल रही है. वहीं इस मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि चारबाग डिपो में टिकटों की गड्डियों का ब्यौरा तलब किया गया है. इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें : उपचुनाव से पहले एक्शन मोड में योगी सरकार; 51 मंत्रियों को बनाया जिलों का प्रभारी, सीएम-दोनों डिप्टी सीएम की भी जिम्मेदारी तय, लिस्ट जारी - Yogi Government

Last Updated : Sep 12, 2024, 10:26 PM IST
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