गाजीपुर: बिजली विभाग के विद्युत कर्मी परेशान हैं और आए दिन अधिकारी अधीक्षण अभियंता का घेराव और प्रदर्शन कर रहे हैं. कारण है कि बिजली विभाग ने सरकारी कर्मियों की जगह अब प्राइवेट कंपनियों के जरिए आउट सोर्स कर्मचारियों से मीटर रीडिंग करा रही है. ये कर्मचारी कमीशन बेसिस पर काम करते हैं. इन मीटर रीडरों का वेतन और ईपीएफ लंबे समय से नहीं मिला. तीन कंपनियां पहले कर्मचारियों का डिपॉजिट लेकर भाग चुकी हैं. अब कर्मचारियों के सामने विभाग ने एक चौथी नई कंपनी लाकर खड़ी कर दी है जो पहले से तय मानदेय से भी कम मानदेय पर काम कराना चाहती है. पुराने बकाए की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रही है.
धरना प्रदर्शन कर रहे आउट सोर्स कर्मी विभागीय अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि कार्यदायी संस्थाएं इनका पेमेंट बाकी छोड़कर भाग गई. अब गाजीपुर सदर सीट से सपा विधायक जय किशन साहू सामने आए हैं. वह बिजली विभाग के इन कर्मियों की समस्याओं के लिए ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री के साथ सदन में इस बाबत प्रश्न उठाने की बात कह रहे हैं.
बिजली विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सिर्फ गाजीपुर में सात तहसीलें हैं. यहां लगभग तीन सौ मीटर रीडर सेवा प्रदाता कंपनियों के जरिए सरकारी काम कर रहे हैं और यूपी के कुल 75 जिलों में देखा जाए, तो इनकी संख्या लगभग 22 हजार कर्मियों से ज्यादा होगी. आरोप है कि विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलकर ये सेवा प्रदाता कंपनियां हर जिले और डिविजन में कर्मियों का मोटा वेतन बकाया लगाकर अपना भुगतान लेकर चंपत हो गई हैं. अब विभाग इस बात से पल्ला झाड़ रहा है. अधिकारी चाहते हैं परेशान और आर्थिक रूप से कमजोर बिजलीकर्मी अपनी लड़ाई खुद लड़ें.
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