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आरक्षण से वंचित समाजों का सम्मेलन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजस्थान में लागू करवाने की रणनीति तैयार - SC ST reservation case - SC ST RESERVATION CASE

आरक्षण से वंचित 50 से अधिक समाजों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन रविवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ. इसमें आरक्षण में उप वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजस्थान में लागू करवाने की रणनीति तैयार की गई.

आरक्षण से वंचित समाजों का सम्मेलन
आरक्षण से वंचित समाजों का सम्मेलन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2024, 9:20 PM IST

आरक्षण से वंचित समाजों का सम्मेलन (ETV Bharat jaipur)

जयपुर: आरक्षण से वंचित 50 से अधिक समाजों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन रविवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ. इसमें आरक्षण में उप वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजस्थान में लागू करवाने की रणनीति तैयार की गई. इस सम्मेलन में वाल्मीकि, सांसी, भील, नायक, धानक, बावरी, कंजर, गवारिया, नट, कालबेलिया सहित 50 से अधिक आरक्षण से वंचित एससी-एसटी समाजों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई.

सम्मेलन में प्रदेशभर से आए सभी जातियों के प्रमुख लोगों ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के तहत एससी-एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को राज्य सरकार से अतिशीघ्र लागू करवाने और आगामी कार्ययोजना को लेकर रणनीति तैयार की. सम्मेलन को एससी वित्त आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र नायक, समिति संयोजक राकेश बीदावत, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामधन सांसी, पूर्व सांसद गोपाल वाल्मीकि, सीताराम लुगरिया, जुगराज बावरी, कमलाकांत कटारा, विनोद कुमार, महेंद्र वाल्मीकि, घनश्याम ग्वारिया, मदनलाल नट और भागचंद कंजर आदि ने संबोधित किया.

इसे भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन, वाल्मीकि, सांसी और कंजर समाज ने निकाली रैली, फैसले को लागू करने की मांग - SC ST reservation case

5 सितंबर को हर जिले में देंगे ज्ञापन : एडवोकेट रामधन सांसी ने बताया कि आगामी 5 सितंबर को हर जिले में ज्ञापन देकर सरकार से आरक्षण को अतिशीघ्र लागू करने की मांग की जाएगी. एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेगा. उन्होंने कहा कि संविधान में जिस समान आरक्षण के बारे में कहा गया है. अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग में उसका लाभ नाममात्र की 5-6 जातियों को ही मिला है. अधिकांश वंचित जातियों का समूह आजादी के 78 वर्ष बाद भी हाशिए पर खड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक : सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को एससी-एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर दिए गए फैसले को वक्ताओं ने संविधान सम्मत बताया और इसका स्वागत किया. वक्ताओं ने कहा, राजस्थान में आरक्षण से वंचित समाजों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक बेहद खराब है. इसके चलते वंचित समाज के लोगों को अहम पदों पर स्थान नहीं मिला है. इस पर सरकार को पहल करनी चाहिए.

राजनीती में भी नहीं मिला अवसर : वक्ताओं ने कहा, राजस्थान में एससी-एसटी की कुल जातियों में से आरक्षण से वंचित जातियों की संख्या ज्यादा है. छोटे-छोटे समूह व उचित अवसर नहीं मिल पाने के कारण इनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है. जिस कारण वंचित वर्ग के सांसद, विधायक, मेयर, जिला प्रमुख, प्रधान, सभापति नहीं होने से ये समाज अपने अधिकारों से वंचित हैं. इसलिए इनको समान अवसर दिया जाए.

आरक्षण से वंचित समाजों का सम्मेलन (ETV Bharat jaipur)

जयपुर: आरक्षण से वंचित 50 से अधिक समाजों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन रविवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुआ. इसमें आरक्षण में उप वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राजस्थान में लागू करवाने की रणनीति तैयार की गई. इस सम्मेलन में वाल्मीकि, सांसी, भील, नायक, धानक, बावरी, कंजर, गवारिया, नट, कालबेलिया सहित 50 से अधिक आरक्षण से वंचित एससी-एसटी समाजों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई.

सम्मेलन में प्रदेशभर से आए सभी जातियों के प्रमुख लोगों ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के तहत एससी-एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को राज्य सरकार से अतिशीघ्र लागू करवाने और आगामी कार्ययोजना को लेकर रणनीति तैयार की. सम्मेलन को एससी वित्त आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र नायक, समिति संयोजक राकेश बीदावत, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामधन सांसी, पूर्व सांसद गोपाल वाल्मीकि, सीताराम लुगरिया, जुगराज बावरी, कमलाकांत कटारा, विनोद कुमार, महेंद्र वाल्मीकि, घनश्याम ग्वारिया, मदनलाल नट और भागचंद कंजर आदि ने संबोधित किया.

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5 सितंबर को हर जिले में देंगे ज्ञापन : एडवोकेट रामधन सांसी ने बताया कि आगामी 5 सितंबर को हर जिले में ज्ञापन देकर सरकार से आरक्षण को अतिशीघ्र लागू करने की मांग की जाएगी. एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखेगा. उन्होंने कहा कि संविधान में जिस समान आरक्षण के बारे में कहा गया है. अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग में उसका लाभ नाममात्र की 5-6 जातियों को ही मिला है. अधिकांश वंचित जातियों का समूह आजादी के 78 वर्ष बाद भी हाशिए पर खड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक : सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को एससी-एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण और क्रीमीलेयर को लेकर दिए गए फैसले को वक्ताओं ने संविधान सम्मत बताया और इसका स्वागत किया. वक्ताओं ने कहा, राजस्थान में आरक्षण से वंचित समाजों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक बेहद खराब है. इसके चलते वंचित समाज के लोगों को अहम पदों पर स्थान नहीं मिला है. इस पर सरकार को पहल करनी चाहिए.

राजनीती में भी नहीं मिला अवसर : वक्ताओं ने कहा, राजस्थान में एससी-एसटी की कुल जातियों में से आरक्षण से वंचित जातियों की संख्या ज्यादा है. छोटे-छोटे समूह व उचित अवसर नहीं मिल पाने के कारण इनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है. जिस कारण वंचित वर्ग के सांसद, विधायक, मेयर, जिला प्रमुख, प्रधान, सभापति नहीं होने से ये समाज अपने अधिकारों से वंचित हैं. इसलिए इनको समान अवसर दिया जाए.

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