रायपुर: पूरे देश में 22 जुलाई सोमवार के दिन सावन के शुभ महीने की शुरुआत होने जा रही है और एक महीने तक शिव मंदिरों में ओम नमः शिवाय के मंत्र गूंजेंगे. इस बार सावन के महीने में पांच सोमवार पड़ने के साथ ही यह महीना 29 दिनों का रहने वाला है. सावन के महीने में सोमवार के दिन लोग व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने के साथ ही ओम नमः शिवाय मंत्र के जाप करते हैं.
शिवजी की पूजा में रखना आपको इन बातों का ध्यान: इस बार सावन बड़ा फलदायी होने वाला है. बस ध्यान इन बातों का रखना है कि जो चीजें वर्जित हैं उनका इस्तेमाल पूजा विधि में नहीं करना है. सावन सोमवार के दिन अगर आप भोलेनाथ की पूजा वर्जित चीजों से करते हैं तो आपके बनते काम भी बिगड़ जाएंगे.
जातक रखें ध्यान नहीं तो बिगड़ेंगे काम
- भगवान भोलेनाथ को बासी फल फूल का अभिषेक नहीं करना चाहिए.
- भगवान रुद्र की पूजा या आराधना करते समय भोलेनाथ को भूलकर भी सिंदूर, कुमकुम का अभिषेक नहीं करना चाहिए.
- शिवजी को केतकी का फूल भूलकर भी अर्पित नहीं करें.
- कमल का फूल या सफेद रंग का फूल भोलेनाथ को नहीं चढ़ाएं.
- भगवान रुद्र की पूजा करते समय हल्दी चढ़ाने से भी परहेज करें.
- हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में शिवलिंग पर स्त्री से संबंधित कोई भी वस्तु अर्पित नहीं करनी चाहिए.
क्या है मान्यताएं: मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करते समय शिवलिंग पर सिंदूर कुमकुम रोली अर्पित नहीं करनी चाहिए. यह सुहाग का प्रतीक माना जाता है. ऐसा करने से भगवान रुद्र क्रोधित हो जाते हैं. सावन में भगवान शंकर की पूजा आराधना करते समय तुलसी पत्ते का भी प्रयोग भगवान के अभिषेक में नहीं करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करना वर्जित माना गया है. भगवान रुद्र की पूजा करते समय रूद्र को नारियल का पानी अथवा नारियल भी अर्पित नहीं करना चाहिए. इसे भी माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है.