लखनऊ: राजधानी के प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में सावन के सोमवार के पहले दिन काफी भीड़ रही. जैसे-जैसे दिन चल रहा है, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की संख्या और भी ज्यादा बढ़ रही है. मनकामेश्वर मंदिर राजधानी की सबसे पुरानी प्राचीन मंदिर है. यहां की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर सावन के मौके पर माथा टेकता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है. सावन के सोमवार के पहले दिन 507 लीटर दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया गया. इसके बाद श्रृंगार करके मंदिर का कपाट खोल गया.
चाक-चौबंद रही व्यवस्था: बता दें, कि मनकामेश्वर मंदिर शहर की सबसे प्राचीन मंदिर है. यहां सावन के मौके पर काफी भीड़ रहती है. इसको लेकर पुलिस प्रशासन भी काफी अलर्ट है. मंदिर के मुख्य द्वार से 500 मीटर पहले से ही पुलिस बल तैनात है. इसके अलावा मंदिर परिसर में भी महिला कांस्टेबल भी तैनात है. किसी भी तरह की भगदड़ न हो, इसको लेकर पुलिस की टीम मंदिर में तैनात है. सुबह 10 बजे के करीब श्रद्धालुओं की काफी भीड़ हुई. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और व्यवस्था अब सुचारू चल रही है. श्रद्धालु आराम से बारी-बारी से दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर में प्रवेश कर रहे हैं और दर्शन करके निकास द्वार से बाहर आ रहे हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान श्रद्धालुओं ने कहा, कि मंदिर परिसर में काफी अच्छी व्यवस्था की गई है. किसी भी तरह की भीड़ नहीं हो पा रही है. कोई भगदड़ नहीं हुई है. आराम से बारी-बारी से श्रद्धालु अंदर जा रहे हैं और दर्शन करके वापस आ रहे हैं. महिलाओं ने कहा, कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति तो होती ही है, मृतयोग के समान विपत्ति भी टल जाती है.
मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने बताया, कि इस बार 22 जलाई सर्वार्थ सिद्धि, प्रीति और आयुष्मान योग में शुरू होगा. सावन शिवरात्रि दो अगस्त को है. 19 अगस्त तक सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे. इसमें विशेष संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार, जब चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. तब महादेव ही सृष्टि का पालन करते हैं.
इस साल सावन में चार मंगला गौरी व्रत: महंत दिव्या गिरी ने कहा, कि शिव पुराण के मुताबिक सावन चातुर्मास का पहला महीना होता है, जिसके अधिपति भगवान शंकर हैं. 22 जलाई को सुबह 5.37 बजे से रात 10.21 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं प्रीति योग 21 जुलाई रात 9.11 बजे पर शुरू होगा और 22 जलाई शाम 5.58 बजे समाप्त होगा. सावन माह में तीसरा योग आयुष्मान योग जो शाम 5.58 बजे से 23 जुलाई की दोपहर 2.36 बजे तक रहेगा. उन्होंने बताया, कि इस माह भगवान शिव पृथ्वी पर वास कर अपने भक्तों के दुख, कष्ट दूर करते हैं. इसलिए, सावन में शिव जी की पूजा की जाती है. इस साल सावन में चार मंगला गौरी व्रत होंगे.