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भोले के दरबार में अर्जी पर मन्नत लिख छोड़ जाते हैं भक्त, कोर्ट-कचहरी की तरह महादेव सुनते हैं फरियाद - Sawan 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 19, 2024, 6:03 AM IST

God Shiva Temple in Ajmer, सावन के महीने में देवों के देव महादेव के शिवालयों में पूजा-अर्चना का दौर जारी है. भक्त अपने आराध्य को मनाने में जुटे हुए हैं. शिव के हर प्राचीन मंदिर की अपनी मान्यता और इतिहास है. ऐसा ही एक अद्भुत शिवालय अजमेर में भी है, जहां कोर्ट-कचहरी की तरह महादेव को भक्तों की लिखी अर्जियां सुनाई जाती हैं.

अजमेर के महादेव सुनते हैं फरियाद
अजमेर के महादेव सुनते हैं फरियाद (ETV Bharat Ajmer)
अर्जी वाले महादेव का मंदिर (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर : हर शिवालय का अपना महत्व है. अजमेर में एक ऐसा शिवालय है, जहां भक्त अपनी मन्नत अर्जी के रूप में छोड़कर चले जाते हैं. नित्य पूजा के बाद बाकायदा भक्तों की अर्जियां मंदिर में भगवान शिव को पढ़कर सुनाई जाती हैं. मान्यता है कि यहां महादेव के सामने पढ़ी गई अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है. यह दावा मंदिर आने वाले भक्त खुद भी करते हैं. सावन मास में अर्जी वाले महादेव के दर्शन पाने और जल चढ़ाने के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है.

40 साल से मंदिर में निरंतर सेवाएं दे रहे : मंदिर के प्रमुख सेवादार सूर्य प्रकाश कटारिया बताते हैं कि 40 साल पहले रसायन शाला के पीछे पुराना जर्जर मंदिर था. वर्षों से इसकी कभी सफाई नहीं हुई थी और न ही पूजा हो रही थी. रसायन शाला के एक कर्मचारी ज्ञान प्रकाश कटारिया ने पहली बार जब मंदिर को देखा तो उनके मन में मंदिर की दुर्दशा को ठीक करने का भाव आया. कटारिया ने बताया कि उस रात ही उन्हें मंदिर की सफाई करने और पूजा-अर्चना करने का सपना भी आया. अगले दिन कटारिया का जीवन ही बदल गया. ज्ञान प्रकाश कटारिया खुद जैन ओसवाल समाज से हैं, लेकिन 40 साल से वह मंदिर में निरंतर सेवाएं दे रहे हैं.

अर्जी पर मन्नत लिख छोड़ जाते है भक्त
अर्जी पर मन्नत लिख छोड़ जाते हैं भक्त (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें. जोधपुर का 300 साल पुराना मंदिर, जहां धन ऐश्वर्य की होती है प्राप्ति, सिर्फ पुरुष ही करते हैं जलाभिषेक - Sawan 2024

सावन मास में सहस्त्रधारा और श्रृंगार का आयोजन : उनका परिवार, परिचित और रसायनशाला के कर्मचारी भी कटारिया की श्रद्धा को देख मंदिर से जुड़ते गए. धीरे-धीरे मंदिर का जीर्णोद्धार होता गया. यहां महादेव से कृपा पाने वालों की कमी नहीं है. मंदिर में भक्त हर तरह से सहयोग करने को हमेशा तैयार रहते हैं, जबकि खास बात यह कि मंदिर में किसी भी तरह का कोई चढ़ावा नहीं लिया जाता है. उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के पर्व पर 2 दिन यहां मेला भी लगता है. मंदिर में वर्षों से नित्य आने वाले भक्तों की ओर से सावन मास में सहस्त्रधारा और श्रृंगार के आयोजन किए जाते हैं.

अर्जी वाले महादेव
अर्जी वाले महादेव (ETV Bharat Ajmer)

अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है : पुष्कर रोड पर आयुर्वेद विभाग का राजकीय रसायनशाला है. इसके परिसर में पीछे की ओर यह शिवालय है. यहां 150 वर्षों से भी अधिक प्राचीन शिवलिंग विराजमान है. अर्जी वाले महादेव के नाम से विख्यात इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है. मंदिर में विराजमान शिवलिंग रसायन शाला की भूमि पर पहले से है. मान्यता है कि यहां मन्नत के रूप में लिखी गई अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है. दोपहर को पूजा अर्चना, श्रृंगार और भोग लगाए जाने के बाद भक्तों की लिखी अर्जियां महादेव को सुनाई जाती हैं. मंदिर का शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल हर आने वाले भक्त को रास आता है. सावन मास में सुबह से ही यहां जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

महादेव को भक्तों की लिखी अर्जियां सुनाई जाती है
महादेव को भक्तों की लिखी अर्जियां सुनाई जाती हैं (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें. Sawan Somwar 2024: सावन में भी बंद रहते हैं ये शिव धाम, भक्तों के लिए नहीं खुलते ये दो प्राचीन शिवालय

किसी का कोई काम नहीं हो रहा है या उसमें बाधाएं आ रही हैं, वो अर्जी लिखकर यहां महादेव के चरणों में रख जाएं. निश्चित रूप से अर्जी रखने वाले की मनोकामना पूर्ण होगी. मेरी इच्छाएं भी यहां पूरी हुईं हैं. बच्चों के भविष्य के लिए मैंने बाबा को अर्जी दी थी. मेरे दोनों बच्चे सीए बन चुके हैं. बच्चों की मेहनत और मेरी आस्था का फल मुझे मिला है. मंदिर से ऐसा नाता जुड़ गया है कि मैं रोज मंदिर आता हूं. सावन में तो रोज श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. : अनिल खंडेलवाल, भक्त

मंदिर में अपनी परेशानी के हल की चाहत लिए भक्त आते हैं और अपनी मन्नत की अर्जी यहां छोड़ जाते हैं. मंदिर में प्रमुख सेवादार ज्ञान प्रकाश कटारिया इन अर्जियों को अपने पास रखते हैं. सोमवार को महादेव की विधिवत पूजा अर्चना, श्रृंगार और भोग लगाने के बाद अर्जियों को शिवलिंग के सामने पढ़ा जाता है. 40 वर्षों से मंदिर से मेरा गहरा नाता जुड़ा है. सभी बिगड़े काम भोलेनाथ की कृपा से संवरे हैं. ऐसे ही भोलेनाथ की कृपा भक्तों को यहां से मिलती रहती है. : सुभाष जैन, भक्त

अर्जी वाले महादेव का मंदिर (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर : हर शिवालय का अपना महत्व है. अजमेर में एक ऐसा शिवालय है, जहां भक्त अपनी मन्नत अर्जी के रूप में छोड़कर चले जाते हैं. नित्य पूजा के बाद बाकायदा भक्तों की अर्जियां मंदिर में भगवान शिव को पढ़कर सुनाई जाती हैं. मान्यता है कि यहां महादेव के सामने पढ़ी गई अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है. यह दावा मंदिर आने वाले भक्त खुद भी करते हैं. सावन मास में अर्जी वाले महादेव के दर्शन पाने और जल चढ़ाने के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है.

40 साल से मंदिर में निरंतर सेवाएं दे रहे : मंदिर के प्रमुख सेवादार सूर्य प्रकाश कटारिया बताते हैं कि 40 साल पहले रसायन शाला के पीछे पुराना जर्जर मंदिर था. वर्षों से इसकी कभी सफाई नहीं हुई थी और न ही पूजा हो रही थी. रसायन शाला के एक कर्मचारी ज्ञान प्रकाश कटारिया ने पहली बार जब मंदिर को देखा तो उनके मन में मंदिर की दुर्दशा को ठीक करने का भाव आया. कटारिया ने बताया कि उस रात ही उन्हें मंदिर की सफाई करने और पूजा-अर्चना करने का सपना भी आया. अगले दिन कटारिया का जीवन ही बदल गया. ज्ञान प्रकाश कटारिया खुद जैन ओसवाल समाज से हैं, लेकिन 40 साल से वह मंदिर में निरंतर सेवाएं दे रहे हैं.

अर्जी पर मन्नत लिख छोड़ जाते है भक्त
अर्जी पर मन्नत लिख छोड़ जाते हैं भक्त (ETV Bharat Ajmer)

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सावन मास में सहस्त्रधारा और श्रृंगार का आयोजन : उनका परिवार, परिचित और रसायनशाला के कर्मचारी भी कटारिया की श्रद्धा को देख मंदिर से जुड़ते गए. धीरे-धीरे मंदिर का जीर्णोद्धार होता गया. यहां महादेव से कृपा पाने वालों की कमी नहीं है. मंदिर में भक्त हर तरह से सहयोग करने को हमेशा तैयार रहते हैं, जबकि खास बात यह कि मंदिर में किसी भी तरह का कोई चढ़ावा नहीं लिया जाता है. उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के पर्व पर 2 दिन यहां मेला भी लगता है. मंदिर में वर्षों से नित्य आने वाले भक्तों की ओर से सावन मास में सहस्त्रधारा और श्रृंगार के आयोजन किए जाते हैं.

अर्जी वाले महादेव
अर्जी वाले महादेव (ETV Bharat Ajmer)

अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है : पुष्कर रोड पर आयुर्वेद विभाग का राजकीय रसायनशाला है. इसके परिसर में पीछे की ओर यह शिवालय है. यहां 150 वर्षों से भी अधिक प्राचीन शिवलिंग विराजमान है. अर्जी वाले महादेव के नाम से विख्यात इस मंदिर में लोगों की गहरी आस्था है. मंदिर में विराजमान शिवलिंग रसायन शाला की भूमि पर पहले से है. मान्यता है कि यहां मन्नत के रूप में लिखी गई अर्जी पर सुनवाई जरूर होती है. दोपहर को पूजा अर्चना, श्रृंगार और भोग लगाए जाने के बाद भक्तों की लिखी अर्जियां महादेव को सुनाई जाती हैं. मंदिर का शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल हर आने वाले भक्त को रास आता है. सावन मास में सुबह से ही यहां जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.

महादेव को भक्तों की लिखी अर्जियां सुनाई जाती है
महादेव को भक्तों की लिखी अर्जियां सुनाई जाती हैं (ETV Bharat Ajmer)

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किसी का कोई काम नहीं हो रहा है या उसमें बाधाएं आ रही हैं, वो अर्जी लिखकर यहां महादेव के चरणों में रख जाएं. निश्चित रूप से अर्जी रखने वाले की मनोकामना पूर्ण होगी. मेरी इच्छाएं भी यहां पूरी हुईं हैं. बच्चों के भविष्य के लिए मैंने बाबा को अर्जी दी थी. मेरे दोनों बच्चे सीए बन चुके हैं. बच्चों की मेहनत और मेरी आस्था का फल मुझे मिला है. मंदिर से ऐसा नाता जुड़ गया है कि मैं रोज मंदिर आता हूं. सावन में तो रोज श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. : अनिल खंडेलवाल, भक्त

मंदिर में अपनी परेशानी के हल की चाहत लिए भक्त आते हैं और अपनी मन्नत की अर्जी यहां छोड़ जाते हैं. मंदिर में प्रमुख सेवादार ज्ञान प्रकाश कटारिया इन अर्जियों को अपने पास रखते हैं. सोमवार को महादेव की विधिवत पूजा अर्चना, श्रृंगार और भोग लगाने के बाद अर्जियों को शिवलिंग के सामने पढ़ा जाता है. 40 वर्षों से मंदिर से मेरा गहरा नाता जुड़ा है. सभी बिगड़े काम भोलेनाथ की कृपा से संवरे हैं. ऐसे ही भोलेनाथ की कृपा भक्तों को यहां से मिलती रहती है. : सुभाष जैन, भक्त

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