नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार की कार्य प्रणाली पर एक बार फिर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने मुख्य सचिव के आचरण और कार्यप्रणाली को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की है. दिल्ली के शहरी विकास (यूडी) मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गृह मंत्रालय को भेजे शिकायत में मुख्य सचिव नरेश कुमार के संदिग्ध आचरण के संबंध में लिखा है कि चुनाव के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान दक्षिणी दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी की उपस्थिति में दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के आरडब्ल्यूए सदस्यों के साथ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वे बैठकों में शामिल हुए.
सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव की उपस्थिति में हुई बैठकों को स्पष्ट रूप से अवैध बताया है. उन्होंने पत्र में मुख्य सचिव की पोल खोली जो समय पर डीसिल्टिंग रिपोर्ट नहीं भेजने के लिए आदर्श आचार संहिता का बहाना ले रहे थे. उन्होंने कहा है कि इंटीग्रेटेड ड्रेन मैनेजमेंट सेल के अध्यक्ष होने के नाते मुख्य सचिव को विभिन्न विभागों द्वारा गाद निकालने का तीसरे पक्ष से स्वतंत्र ऑडिट सुनिश्चित करना चाहिए.
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गृह मंत्रालय को भेजे पत्र में इस बात की भी शिकायत की है कि मुख्य सचिव उन विभाग प्रमुखों (एचओडी) को कारण बताने में विफल रहे जो 13 फरवरी को शहर की नालियों की सफाई के लिए हुई बैठकों में क्यों नहीं शामिल हुए थे. दो दिन पहले ही मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि इस बार शहर के नालों की सफाई ठीक तरह से हुई है या नहीं, इस संबंध में 10 जून तक मांगी गई रिपोर्ट अभी तक मुख्य सचिव ने नहीं सौपीं है. जिसके बाद दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके ऑडिट करने का निर्देश दिए हैं.
सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि जिन नालों की सफाई का काम पूरा हो चुका है, 30 जून तक एक स्वतंत्र संस्था के जरिए ऑडिट कराया जाए की गाद निकला है या नहीं. दरअसल, प्रत्येक वर्ष बारिश के दौरान जब शहर में जल भराव से लोगों को परेशानी होती है तब आरोप लगते हैं कि सरकार और संबंधित एजेंसी ने नालों की सफाई नहीं की, जिस वजह से बारिश का पानी नहीं निकल पाया. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मानसून से पहले यह ऑडिट करवाने से पता लग जाएगा कि एजेंसी ने किस तरह काम किया है, और कहां कमी रह गई है.
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