नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. सत्येंद्र जैन ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए चार हफ्ते की अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. स्पेशल जज राकेश स्याल ने अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया.
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कोर्ट ने सत्येंद्र जैन और दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 18 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को अपनी सर्जरी के लिए अंतरिम जमानत दी थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी. नियमित जमानत खारिज होने के बाद सत्येंद्र जैन ने सरेंडर कर दिया था.
ईडी के मुताबिक सत्येंद्र जैन नकदी को सफेद धन में बदलना चाहते थे. सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं. इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया है उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था.
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