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सतना के 'बेटू' तोते के गले की सर्जरी, निकला 20mm ट्यूमर, घर में लौटी मिट्ठू मिट्ठू आवाज - Satna Parrot Throat Operation

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 4:09 PM IST

Updated : 23 hours ago

सतना में 'बेटू' के गले का ऑपरेशन चर्चा में बना हुआ है. बता दें कि बेटू एक पालतू तोते का नाम है. इस तोते के गले में एक गांठ हो गई थी. मेडिकल चेकअप के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी और इसके बाद बेटू के गले से गांठ अलग करने के लिए ऑपरेशन किया गया.

SATNA PARROT THROAT OPERATION
पालतू तोते का सफल ऑपरेशन (Getty Image)

सतना: वैसे तो आपने पालतू से जंगली जानवरों तक के ऑपरेशन के बारे में सुना होगा. कई बार जंगल में घायल मिले पशु पक्षियों के ऑपरेशन की भी बात सुनने में मिली है लेकिन किसी पालतू तोते के ऑपरेशन की बात शायद ही सुनी होगी. सतना में एक व्यक्ति ने अपने पालतू तोते का ऑपरेशन करवाकर एक बार फिर उसकी जान बचा ली.

डॉक्टरों ने तोते के गले से निकाला 20 ग्राम का ट्यूमर (ETV Bharat)

पालतू तोते का करवाया ऑपेरशन

सतना के शहरगंज निवासी चंद्रभान विश्वकर्मा को अपने तोते से बेहद प्यार है. इसके चलते उसकी जान बचाने के लिए उसका ऑपरेशन करवाया. बता दें कि धीरे-धीरे तोते ने खाना पीना कम दिया तब तोता प्रेमी चंद्रभान ने उसे वेटरनरी अस्पताल में दिखाया. डॉक्टरों ने तोते के गले में ट्यूमर होना बताया. इसके बाद चंद्रभान ने बगैर देरी किए उसका ऑपरेशन करवा दिया और उसकी जान एक बार बच गई.

20 साल पहले सड़क से उठाकर लाए थे तोते का बच्चा

चंद्रभान विश्वकर्मा बताते हैं कि "उन्हें यह तोता छोटे से बच्चे स्वरूप में मिला था और उन्होंने यह तोता अपने घर में पाल लिया. यह तोता करीब 20 साल पहले रीवा से लौटते वक्त बेला मार्ग में सड़क किनारे एक पेड़ के नीचे मिला था. जिसे लेकर चंद्रभान अपने घर ले आए और घर लाने के बाद तोता का नाम 'बेटू' रख दिया. बेटू नाम के तोते को बखूबी पूरा परिवार खाना पानी देता है. उसके गले में अचानक बीमारी हुई और गले में एक गांठ दिखने लगी. इसके बाद पशु चिकित्सालय में डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने तोते के गले में ट्यूमर होना बताया और उसका ऑपरेशन करने की सलाह दी."

गले से निकला 20 एमएम का ट्यूमर

चंद्रभान विश्वकर्मा तोते को ऑपरेशन के लिए रविवार की सुबह पशु चिकित्सालय ले गए और पशु चिकित्सालय में मौजूद वेटरनरी डॉक्टर बृहस्पति भारती, डॉक्टर बालेंद्र सिंह ने अस्पताल स्टाफ आशुतोष गर्ग, विश्राम दहायत के साथ मिलकर तोते के गले से ट्यूमर निकालने का ऑपरेशन शुरू किया और करीब ढाई घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद तोते के गले से करीब 20 एमएम का ट्यूमर निकाला गया.

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ढाई घंटे चली तोते की सर्जरी

वेटरनरी डॉक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि "तोते के गले में एक गांठ थी जो ट्यूमर बन चुकी थी. जिसका ऑपरेशन करने के लिए तोता पालक को सलाह दी थी. उसके बाद तोता का ऑपरेशन किया गया. तोता का वजन 90 ग्राम था और उसके गले से करीब 20 एमएम की ट्यूमर की गांठ निकाली. करीब ढाई घंटे के ऑपरेशन के बाद तोता एकदम स्वस्थ हो चुका है. यह जिले का पहला मामला है. हमारे लिए यह एक जटिल सर्जरी साबित हुई क्योंकि एनेस्थीसिया के समय ऑपरेशन के बाद जीवन की संभावना कम रहती है.

सतना: वैसे तो आपने पालतू से जंगली जानवरों तक के ऑपरेशन के बारे में सुना होगा. कई बार जंगल में घायल मिले पशु पक्षियों के ऑपरेशन की भी बात सुनने में मिली है लेकिन किसी पालतू तोते के ऑपरेशन की बात शायद ही सुनी होगी. सतना में एक व्यक्ति ने अपने पालतू तोते का ऑपरेशन करवाकर एक बार फिर उसकी जान बचा ली.

डॉक्टरों ने तोते के गले से निकाला 20 ग्राम का ट्यूमर (ETV Bharat)

पालतू तोते का करवाया ऑपेरशन

सतना के शहरगंज निवासी चंद्रभान विश्वकर्मा को अपने तोते से बेहद प्यार है. इसके चलते उसकी जान बचाने के लिए उसका ऑपरेशन करवाया. बता दें कि धीरे-धीरे तोते ने खाना पीना कम दिया तब तोता प्रेमी चंद्रभान ने उसे वेटरनरी अस्पताल में दिखाया. डॉक्टरों ने तोते के गले में ट्यूमर होना बताया. इसके बाद चंद्रभान ने बगैर देरी किए उसका ऑपरेशन करवा दिया और उसकी जान एक बार बच गई.

20 साल पहले सड़क से उठाकर लाए थे तोते का बच्चा

चंद्रभान विश्वकर्मा बताते हैं कि "उन्हें यह तोता छोटे से बच्चे स्वरूप में मिला था और उन्होंने यह तोता अपने घर में पाल लिया. यह तोता करीब 20 साल पहले रीवा से लौटते वक्त बेला मार्ग में सड़क किनारे एक पेड़ के नीचे मिला था. जिसे लेकर चंद्रभान अपने घर ले आए और घर लाने के बाद तोता का नाम 'बेटू' रख दिया. बेटू नाम के तोते को बखूबी पूरा परिवार खाना पानी देता है. उसके गले में अचानक बीमारी हुई और गले में एक गांठ दिखने लगी. इसके बाद पशु चिकित्सालय में डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने तोते के गले में ट्यूमर होना बताया और उसका ऑपरेशन करने की सलाह दी."

गले से निकला 20 एमएम का ट्यूमर

चंद्रभान विश्वकर्मा तोते को ऑपरेशन के लिए रविवार की सुबह पशु चिकित्सालय ले गए और पशु चिकित्सालय में मौजूद वेटरनरी डॉक्टर बृहस्पति भारती, डॉक्टर बालेंद्र सिंह ने अस्पताल स्टाफ आशुतोष गर्ग, विश्राम दहायत के साथ मिलकर तोते के गले से ट्यूमर निकालने का ऑपरेशन शुरू किया और करीब ढाई घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद तोते के गले से करीब 20 एमएम का ट्यूमर निकाला गया.

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ढाई घंटे चली तोते की सर्जरी

वेटरनरी डॉक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि "तोते के गले में एक गांठ थी जो ट्यूमर बन चुकी थी. जिसका ऑपरेशन करने के लिए तोता पालक को सलाह दी थी. उसके बाद तोता का ऑपरेशन किया गया. तोता का वजन 90 ग्राम था और उसके गले से करीब 20 एमएम की ट्यूमर की गांठ निकाली. करीब ढाई घंटे के ऑपरेशन के बाद तोता एकदम स्वस्थ हो चुका है. यह जिले का पहला मामला है. हमारे लिए यह एक जटिल सर्जरी साबित हुई क्योंकि एनेस्थीसिया के समय ऑपरेशन के बाद जीवन की संभावना कम रहती है.

Last Updated : 23 hours ago
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