सासाराम: बिहार के सासाराम रेलवे जंक्शन पर बुधवार को आरपीएफ ने ट्रेन से पिंजड़े में कैद सैकड़ों परिंदों को बरामद किया है, जिसमें कुछ परिंदे घायल हैं. आरपीएफ व सीडीपीएस मुगलसराय की संयुक्त टीम ने तस्करी के लिए ले जाए जा रहे 225 तोता और 6 तीतर के साथ दो तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने पकड़े गए तोतों को वन विभाग को बुलाकर सौंप दिया.
RPF ने सासाराम में दो तोता तस्कर गिरफ्तार: ऑपरेशन वाइल्डलाइफ के तहत आरपीएफ सासाराम व सीडीपीएस मुगलसराय की संयुक्त टीम को सासाराम जंक्शन से दो तस्करों को गिरफ्तार किया. आरपीएफ ने प्लेटफार्म नंबर 3 पर आई 12322 कोलकाता एक्सप्रेस से जब्त किया है. दोनों तस्कर पश्चिम बंगाल में बेचने ले जाते हैं. एक तोते की कीमत 500 से 600 रुपये होती है. बता दें कि कई महीनों से तोतों की यह तस्करी होती चली आ रही है.
प्रयागराज के छिऊकी से ले जा रहे थे बंगाल: आरपीएफ के द्वारा ऑपरेशन वाइल्डलाइफ के तहत विशेष निगरानी एवं चौकसी बरती जा रही है. बुधवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार के देखरेख में यह कार्रवाई की गई. पकड़े गए दोनों तस्करों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वह तोतों को प्रयागराज छऊकी से 5 अलग अलग पिंजरों में 225 तोता को ले जा रहे थे.
"तस्करी के आरोप में पकड़े गए दोनों युवक पश्चिम बंगाल के वर्धमान के रहने वाले हैं. यह मामला वन्य जीव अधिनियम से जुड़ा हुआ है. ऐसे में पकड़े गए सभी पक्षियों और दोनों तस्करों को वन विभाग के हवाले कर दिया गया है." - संजीव कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर
साराराम रेलवे जंक्शन बना तस्करों का अड्डा: बता दें कि सासाराम रेलवे जंक्शन इन दोनों ट्रैफिकिंग के मामले को लेकर तस्करों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. हाल के दिनों में सासाराम जंक्शन पर बाल तस्करों को आरपीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया था जब वह बाल मजदूरों को मुंबई में काम दिलाने ले जा रहे थे. ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियों को भी इस स्टेशन से रेस्क्यू कराया गया है. इन दिनों मानसून में तस्करों की नजर दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों पर है. जिसे पकड़ के कोलकाता ले जा रहे थे.
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