धनबाद: मौन व्रत तोड़ने के बाद सरस्वती देवी को धनबाद वापस लाने के लिए बुधवार रात उनके परिवार के करीब 200 लोग अयोध्या रवाना हुए हैं. इस दौरान धनबाद स्टेशन का माहौल राममय हो गया, लोग भगवान राम के जयकारे लगा रहे थे. लोग काफी उत्साहित दिखे. सरस्वती देवी को वापस धनबाद लाने के लिये उनके बेटा, बहु, बेटी, नाती, पोती सहित अन्य परिचय के लोग रवाना हुए हैं.
गौरतलब हो कि कोयलांचल धनबाद में सरस्वती देवी को मौनी देवी के नाम से जाना जाता है. अयोध्या में बाबरी ढांचा को तोड़ा गया था, तभी से सरस्वती देवी ने मौन व्रत धारण कर लिया था. उनका संकल्प था कि जब अयोध्या में राम मंदिर मन जाएगा, तभी वह अपना मौन व्रत खोलेंगी. जब इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम लला का प्राण प्रतिष्ठा हुआ, तो उस कार्यक्रम में सरस्वती देवी को भी आमंत्रित किया गया. अयोध्या पहुंचने के बाद सरस्वती देवी ने 30 सालों बाद अपना मौन व्रत तोड़ा.
मौन व्रत तोड़ने के बाद से सरस्वती देवी अभी तक अयोध्या में ही निवास कर रही हैं. काफी समय बीतने के बाद अब उनके परिवार के लोगों ने उन्हें लाने के लिए प्रस्थान किया है.
सरस्वती देवी के बेटे हरिओम अग्रवाल ने बताया कि मां मौन व्रत तोड़कर पहली बार धनबाद आ रही हैं. धनबाद से सैकड़ों लोग उन्हें वापस लाने के लिए अयोध्या जा रहे हैं. इस दौरान ट्रेन को रंग-बिरंगे गुब्बारों से भी सजाया गया है.
वहीं सरस्वती देवी की नतनी ने बताया कि उनकी नानी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 30 वर्षों तक मौन व्रत रखा. अब परिवार के लोग उन्हें वापस लाने के लिए अयोध्या जा रहे हैं. परिवार में राम भक्ति का माहौल है. नानी की भक्ति के कारण घर में हमेशा राममय माहौल रहता है. सभी उन्हें वापस लाने के लिए उत्साहित हैं.
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