मुजफ्फरनगर: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान और भाजपा नेता संगीत सोम के बीच चली जुबानी जंग में अब नया मोड़ आ गया है. संगीत सोम के पलटवार के बाद संजीव बालियान बैकफुट पर जाते नजर आ रहे हैं. मुजफ्फरनगर में उन्होंने कहा कि हम चुनाव हारे हैं लेकिन, हौसला नहीं हारे.
संजीव बालियान ने हार की जिम्मेदारी ली और बोले कि चुनाव हार गया हूं. जिन कार्यकर्ताओं को नाराजगी थी, उनकी नाराजगी दूर हो गई होगी. चुनाव हारने के बाद भी 24 घंटे कार्यकर्ताओं के बीच रहेंगे.
आपको बता दें कि बीते मंगलवार को गांधीनगर स्थित भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक हुई थी. इसमें संजीव बालियान ने कहा था कि भाजपा ने उन्हें वह सब कुछ दिया है जिसके बारे में सोचा भी नहीं था. साढ़े आठ साल केंद्र सरकार में मंत्री रहे.
उन्होंने कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट मांगा था, लेकिन विजय कश्यप को टिकट मिला और हमने उनके चीफ इलेक्शन एजेंट के रूप में काम किया. पार्टी ने मेहनत को देखते हुए 2014 में टिकट दिया. 2014 से 2017 तक यूपी में सपा की सरकार रही. केंद्रीय मंत्री होते हुए कई बार थाने तक में जाना पड़ा और अपने गांव की सड़क बनवाने के लिए उस समय के मंत्री शिवपाल यादव से मिलना पड़ा था.
भाजपा सरकार 2017 में आई तो पूरे जिले में सड़कों का जाल बिछ गया. 10 साल में मुझसे कोई कार्यकर्ता नहीं कह सकता कि मैंने उसका फोन नहीं उठाया. आगे पूर्व मंत्री ने कहा था कि मंत्री कपिलदेव अग्रवाल को सत्ता के खिलाफ उप चुनाव लड़ाया और जीते थे. विक्रम सैनी जिस चुनाव में हारे, उसमें हम दिल से साथ रहे. राजनीति में प्रत्येक कार्यकर्ता की पद की इच्छा होती है. लोगों की सिफारिश की.
कुछ को पार्टी ने दिया है और जिन्हें नहीं मिला उन्होंने कहा कि बालियान ने नहीं मिलने दिया. बालियान ने कहा कि मेरे परिवार और रिश्तेदार के पास कोई पद नहीं है, जितनी भी सिफारिश की भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं की ही हुई है.
क्या है मामलाः दरअसल, संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव में मिली हार के लिए संगीत सोम को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही संगीत सोम पर सपा प्रत्याशी का समर्थन करने का भी आरोप लगाया. जिसके बाद से बीजेपी के अंदर चल रही अंतरकलह खुलकर सामने आ गई. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने भी मेरठ में प्रेस कान्फ्रेंस कर संजीव बालियान के आरोपों को खारिज किया.
पूर्व विधायक संगीत सोम ने कहा था कि, उन्हें जानकारी हुई है कि, संजीव बालियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मुजफ्फरनगर में की है. जिसमें अपनी हार के लिए वह मुझे जिम्मेदार बता रहे हैं. उन्होंने अपने लिए कहा कि, संगीत सोम वही नेता है जब प्रदेश में अखिलेश सरकार का आतंक मचा हुआ था तो उस वक्त प्रदेश की जनता की आवाज हर फोरम में उठाई थी. मेरे लोगों ने गोलियां खाईं, अखिलेश सरकार ने मेरे परिवार पर मुकदमे लिखवाए, मुझे जेल में तब रखा गया, ताकि मेरा मनोबल टूटे. साथ ही सोम ने कहा कि, मैं भारतीय जनता पार्टी का बिल्कुल समर्पित कार्यकर्ता हूं.
सोम ने कहा कि, चुनाव हराने या जिताने का विषय किसी के दिमाग में आता हो तो वह गलत है. क्योंकि मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं, मैं किसी और का कार्यकर्ता नहीं हूं. उन्हें पार्टी में जिम्मेदारी दी थी कि सरधना में पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाना है. यहां के लोगों पर मुकदमे कराए गए, कोई विकास नहीं कराया गया. उन सबके बावजूद बीजेपी यहां से हारकर नहीं गई.
संगीत सोम ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, जो पार्टी के बस्ते गए वह बीजेपी के बूथ अध्यक्ष से लेकर सपा के बूथ अध्यक्षों को भी दिए गए. संगीत सोम ने शायराना अंदाज में कहा कि, पत्थर पर सिर पटक कर कुछ नहीं होता, समंदर को वापस आना है कि नहीं आना ये उस पर निर्भर होता है.
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर संजीव बालियान को मिली थी करारी हार: बता दें कि लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार संजीव बालियान को सपा के उम्मीदवार हरेंद्र मलिक ने कांटे के मुकाबले में 24 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया था. सपा प्रत्याशी हरेंद्र सिंह मलिक को 4.70 लाख वोट मिले थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान को 4.46 लाख वोट मिले थे.
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