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संजौली मस्जिद विवाद: जयराम ठाकुर ने घायल प्रदर्शनकारियों से की मुलाकात, सुक्खू सरकार को जमकर कोसा - Sanjauli Masjid Case

Jairam Thakur met injured protesters in IGMC Shimla: संजौली में पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए प्रदर्शनकारियों से मिलने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर आईजीएमसी शिमला पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शकारियों पर हुए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.

जयराम ठाकुर ने घायल प्रदर्शनकारियों से की मुलाकात
जयराम ठाकुर ने घायल प्रदर्शनकारियों से की मुलाकात (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 8:56 PM IST

शिमला: हिमाचल के संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस दौरान मची अफरा-तफरी में 6 पुलिसकर्मी और 5 प्रदर्शनकारी घायल हो गए. जिनका आईजीएमसी शिमला में उपचार चल रहा है. इन घायलों से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मिलने के लिए आईजीएमसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घायल का हालचाल जाना और सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. जयराम ने कहा शिमला में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

Jairam Thakur met injured protesters
जयराम ठाकुर ने घायल प्रदर्शनकारियों से की मुलाकात (ETV Bharat)

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, " अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इस पूरे प्रकरण में सरकार द्वारा पहले दिन से ही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है. जब यह स्पष्ट है कि मस्जिद कानूनी नहीं है तो न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही धमकाते रहे. सीएम ने सख्ती से निपटने की बात करके जन भावनाओं को आहत करने का प्रयास करते रहे. यह सरकार की नाकामी है. सरकार इस मुद्दे को डील करने में और जनभावनाओं को समझने में असफल रही है, जो काम कानून के हिसाब से किया जा सकता था, वह आलाकमान के दबाव में नहीं कर रही है".

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में जनभावना पहले दिन ही पता चल गई थी, लेकिन सरकार ने पूरे मामले को हल्के में लिया. यह मामला शुरू हुआ एक लड़ाई झगड़े से. एक स्थानीय को कुछ लोगों ने मिलकर मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. मारने वालों ने संजौली की उसी इमारत में शरण ली. उस जगह ऐसे लोगों का आना जाना है, जो ठीक नहीं हैं. स्थानीय लोगों की बातें और भी हैरानी वाली हैं. जिस तरह से वहां आने वाले लोगों का बर्ताव है, वह असहनीय हैं. हिमाचल सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि यह लोग रोहिंग्या हैं या बांग्लादेशी हैं, इसका कुछ पता नहीं है. पूर्व सरकार के समय से प्रवासियों के लिए चल रहे रजिस्ट्रेशन और सत्यापन की प्रक्रिया को सरकार ने क्यों बंद किया. मुख्यमंत्री को यह बात प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए.

ये भी पढ़ें: संजौली मस्जिद विवाद: प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज का विपक्ष ने किया विरोध, जयराम और बिंदल ने सुक्खू सरकार को घेरा

शिमला: हिमाचल के संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस दौरान मची अफरा-तफरी में 6 पुलिसकर्मी और 5 प्रदर्शनकारी घायल हो गए. जिनका आईजीएमसी शिमला में उपचार चल रहा है. इन घायलों से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मिलने के लिए आईजीएमसी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घायल का हालचाल जाना और सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. जयराम ने कहा शिमला में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर वाटर कैनन और लाठीचार्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

Jairam Thakur met injured protesters
जयराम ठाकुर ने घायल प्रदर्शनकारियों से की मुलाकात (ETV Bharat)

पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, " अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इस पूरे प्रकरण में सरकार द्वारा पहले दिन से ही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है. जब यह स्पष्ट है कि मस्जिद कानूनी नहीं है तो न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही धमकाते रहे. सीएम ने सख्ती से निपटने की बात करके जन भावनाओं को आहत करने का प्रयास करते रहे. यह सरकार की नाकामी है. सरकार इस मुद्दे को डील करने में और जनभावनाओं को समझने में असफल रही है, जो काम कानून के हिसाब से किया जा सकता था, वह आलाकमान के दबाव में नहीं कर रही है".

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में जनभावना पहले दिन ही पता चल गई थी, लेकिन सरकार ने पूरे मामले को हल्के में लिया. यह मामला शुरू हुआ एक लड़ाई झगड़े से. एक स्थानीय को कुछ लोगों ने मिलकर मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. मारने वालों ने संजौली की उसी इमारत में शरण ली. उस जगह ऐसे लोगों का आना जाना है, जो ठीक नहीं हैं. स्थानीय लोगों की बातें और भी हैरानी वाली हैं. जिस तरह से वहां आने वाले लोगों का बर्ताव है, वह असहनीय हैं. हिमाचल सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि यह लोग रोहिंग्या हैं या बांग्लादेशी हैं, इसका कुछ पता नहीं है. पूर्व सरकार के समय से प्रवासियों के लिए चल रहे रजिस्ट्रेशन और सत्यापन की प्रक्रिया को सरकार ने क्यों बंद किया. मुख्यमंत्री को यह बात प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए.

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