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डॉ. कृष्ण लाल सहगल को मिलेगा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित - संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

Krishan lal Sehgal Sangeet Natak Akademi Award: हिमाचल के मशहूर लोक गायक और संगीत के विद्वान डॉ. कृष्ण लाल सहगल को भारत सरकार की ओर से संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार नवाजा जाएगा.

Krishanlal sehgal
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 6:33 PM IST

शिमला: भारत सरकार ने संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक डॉ. कृष्णलाल सहगल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया है. भारत सरकार की उच्च स्तरीय राष्ट्रीय चयन समिति देश भर के 92 प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन विविध विधाओं में कार्य के लिए चयन किया है.

डॉ. सहगल को ये पुरस्कार हिमाचली संगीत की अनूठी पहचान और देव धरा की विशुद्ध लोक संस्कृति को जीवित रखने के साथ-साथ उसे बढ़ावा देने के लिे भी मिल रहा है. भारत की राष्ट्रपति शीघ्र ही नई दिल्ली में एक समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजेंगी.

डॉ. कृष्ण लाल सहगल
डॉ. कृष्ण लाल सहगल

उल्लेखनीय है कि हिमाचली लोक संगीत के व्यापक प्रचार-प्रसार और विश्ष्टि योगदान के लिए डॉ. सहगल को अनेक राष्ट्रीय और प्रादेशिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें हिमाचल गौरव पुरस्कार भी शामिल है. आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित प्रदेश की अनेक अग्रणी संस्थाओं ने उनके योगदान को सराहते हुए सम्मानित किया है. हिमाचल की लोक संस्कृति और यहां के लोग संगीत की अलग पहचान बनाए रखने के लिए इन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं.

डॉ. कृष्णलाल सहगल ने कंठ संगीत में पीएचडी की डिग्री उपाधि हासिल की है. इसके साथ ही उन्होंने अनेक वीडियो एल्बम निकालने के साथ-साथ कई पुस्तकों का लेखन भी किया है. उनके अनेक शिष्य आज संगीत जगत में नाम रोशन कर रहे हैं. इनमें से कुछ बॉलीवुड के फिल्मी पर्दे पर भी अपनी आवाज दे रहे हैं. पिछले पांच दशकों के दौरान उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल लोक संगीत को नए आयाम दिए हैं और नवोदित कलाकारों के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बने हुए हैं.

सिरमौर जिले से संबंध रखने वाले डॉ. सहगल ने अपनी मधुर आवाज में कई भजन, नाटियां और देव स्तुतियां गाई हैं. जिन्हें सुनकर आज भी उनके चाहने वाले झूम उठते हैं. उन्होंने लोक के साथ कोई समझौता नहीं किया. गजल गाने से लेकर सितार बजाने तक संगीत की अनेक विधाओं में परिपूर्ण डॉ. कृष्ण लाल सहगल संगीत के प्रोफेसर रहे. उनके गाए पहाड़ी गीत आज भी हिमाचल की वादियों में गूंजते हैं. यही वजह है कि फैन्स के लिए डॉ. कृष्णलाल सहगल जैसा कोई नहीं है. उनके चाहने वाले सोशल मीडिया के जरिये उन्हें ये सम्मान मिलने पर बधाई भी दे रहे हैं.

"मेरे जैसे लाखों लोकसंगीत प्रेमियों के प्रेरणास्त्रोत और हिमाचल लोक संगीत की धूरी व मर्मज्ञ आदरणीय श्री कृष्ण लाल सहगल जी को संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार द्वारा हिमाचली लोकसंगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान एवम् उल्लेखनीय कार्य हेतु जल्द ही माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा नई दिल्ली में पुरस्कृत किया जाएगा. इस पुरस्कार के चयन हेतु गुरुदेव को अग्रिम हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं." - किशन वर्मा, मशहूर लोक गायक

ये भी पढ़ें: मंडी की कुसुम ठाकुर ने असम में फहराया जीत का परचम, दौड़ में जीता गोल्ड और सिल्वर मेडल

शिमला: भारत सरकार ने संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक डॉ. कृष्णलाल सहगल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया है. भारत सरकार की उच्च स्तरीय राष्ट्रीय चयन समिति देश भर के 92 प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन विविध विधाओं में कार्य के लिए चयन किया है.

डॉ. सहगल को ये पुरस्कार हिमाचली संगीत की अनूठी पहचान और देव धरा की विशुद्ध लोक संस्कृति को जीवित रखने के साथ-साथ उसे बढ़ावा देने के लिे भी मिल रहा है. भारत की राष्ट्रपति शीघ्र ही नई दिल्ली में एक समारोह में उन्हें इस पुरस्कार से नवाजेंगी.

डॉ. कृष्ण लाल सहगल
डॉ. कृष्ण लाल सहगल

उल्लेखनीय है कि हिमाचली लोक संगीत के व्यापक प्रचार-प्रसार और विश्ष्टि योगदान के लिए डॉ. सहगल को अनेक राष्ट्रीय और प्रादेशिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें हिमाचल गौरव पुरस्कार भी शामिल है. आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित प्रदेश की अनेक अग्रणी संस्थाओं ने उनके योगदान को सराहते हुए सम्मानित किया है. हिमाचल की लोक संस्कृति और यहां के लोग संगीत की अलग पहचान बनाए रखने के लिए इन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं.

डॉ. कृष्णलाल सहगल ने कंठ संगीत में पीएचडी की डिग्री उपाधि हासिल की है. इसके साथ ही उन्होंने अनेक वीडियो एल्बम निकालने के साथ-साथ कई पुस्तकों का लेखन भी किया है. उनके अनेक शिष्य आज संगीत जगत में नाम रोशन कर रहे हैं. इनमें से कुछ बॉलीवुड के फिल्मी पर्दे पर भी अपनी आवाज दे रहे हैं. पिछले पांच दशकों के दौरान उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल लोक संगीत को नए आयाम दिए हैं और नवोदित कलाकारों के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बने हुए हैं.

सिरमौर जिले से संबंध रखने वाले डॉ. सहगल ने अपनी मधुर आवाज में कई भजन, नाटियां और देव स्तुतियां गाई हैं. जिन्हें सुनकर आज भी उनके चाहने वाले झूम उठते हैं. उन्होंने लोक के साथ कोई समझौता नहीं किया. गजल गाने से लेकर सितार बजाने तक संगीत की अनेक विधाओं में परिपूर्ण डॉ. कृष्ण लाल सहगल संगीत के प्रोफेसर रहे. उनके गाए पहाड़ी गीत आज भी हिमाचल की वादियों में गूंजते हैं. यही वजह है कि फैन्स के लिए डॉ. कृष्णलाल सहगल जैसा कोई नहीं है. उनके चाहने वाले सोशल मीडिया के जरिये उन्हें ये सम्मान मिलने पर बधाई भी दे रहे हैं.

"मेरे जैसे लाखों लोकसंगीत प्रेमियों के प्रेरणास्त्रोत और हिमाचल लोक संगीत की धूरी व मर्मज्ञ आदरणीय श्री कृष्ण लाल सहगल जी को संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार द्वारा हिमाचली लोकसंगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान एवम् उल्लेखनीय कार्य हेतु जल्द ही माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा नई दिल्ली में पुरस्कृत किया जाएगा. इस पुरस्कार के चयन हेतु गुरुदेव को अग्रिम हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं." - किशन वर्मा, मशहूर लोक गायक

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