चंदौली: आपने स्ट्रेचर पर मरीजों को ही देखा होगा, लेकिन चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय में स्ट्रेचर का इस्तेमाल बालू ढोने के लिए किया जा रहा. अस्पताल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को कोई और जुगाड़ नहीं मिला, तो उन्होंने स्ट्रेचर पर ही बालू लादकर ढोना शुरु कर दिया. इसकी जानकारी होने के बाद अस्पताल प्रशासन में खलबली मची है. प्रभारी सीएमएस ने प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है. मजदूरों की इस हरकत से अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
चकिया संयुक्त जिला चिकित्सालय में निर्माण कार्य चल रहा है. निर्माण में लगे मजदूर स्ट्रेचर से बालू समेत अन्य सामग्री ढोने का काम कर रहे हैं. मजदूरों की हरकत के बाद अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है. लोगों का कहना है, कि स्ट्रेचर का इस्तेमाल अस्पतालों में मरीजों को सुगमता से इधर- उधर ले जाने के लिए किया जाना चाहिए. यहां इसका दुरुपयोग किया जा रहा है. मजदूर बालू समेत अन्य सामग्री स्ट्रेचर से ढोने का काम कर रहे हैं.
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ऐसा नहीं, कि इस पर अस्पताल के डॉक्टर और अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही, बल्कि वे सबकुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं. मामला मीडिया और जनता तक पहुंचने के बाद अस्पताल प्रबंधन में खलबली मची है.इस बारे में प्रभारी सीएमएस डॉक्टर आरएस आनंद ने बताया, कि अस्पताल में हो रहे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों द्वारा स्ट्रेचर से बालू ढोने का मामला संज्ञान में आया है, जो पूर्णतया नियमों के विपरीत है. इसकी जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.