रांचीः बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और ह्मयूमन राइट उल्लंघन के विरोध में सनातन समाज की ओर से मंगलवार को आक्रोश रैली निकाली गई. रांची के मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका से निकली रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. हाथों में सनातनी झंडा और तख्तियां लेकर राजभवन तक आक्रोश मार्च निकाला गया.
राजभवन पहुंचने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिलकर ज्ञापन सौंपा. आक्रोश मार्च के दौरान लोगों ने बांग्लादेशी हिन्दू संघर्ष करो, चिन्मय दास को रिहा करो के नारे लगाए. आक्रोश मार्च में बड़ी संख्या महिलाएं भी शामिल थीं.
बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ भारत का सनातन समाज
इस मौके पर हटिया से भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद कट्टरपंथी हावी हो गए हैं. अब बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. हिंदुओं को मारा-पीटा जा रहा है. अल्पसंख्यकों की रक्षा करना वहां की सरकार की जिम्मेदारी होती है. पाकिस्तान में भी हिन्दू धर्म के लोगों की आबादी मुट्ठी भर बच गई है. बांग्लादेश में 8 से 10 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की ही. फिर भी वहां वे खौफ में जी रहे हैं.
विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश के हिन्दू भाई-बहनों के संघर्ष में भारत का सनामत समाज साथ खड़ा है. इसलिए रांची में आक्रोश रैली निकाली गई है. वहां की सरकार को इसपर एक्शन लेना चाहिए. भारत में अल्पसंख्यक समाज पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक पर अत्याचार हो रहा है. वहीं आक्रोश रैली का नेतृत्व कर रहे दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि अब घरों में सोए लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. लोगों में जोश दिख रहा है. हिन्दू जागा है. अब बांग्लादेश को शांत करके रहेंगे.
राजभवन के पास सनातन समाज की सभा
आक्रोश मार्च राजभवन पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गई. आक्रोश सभा का संचालन विजय कुमार ने किया. इस मौके पर सभा को प्रान्त मंत्री विश्व हिंदू परिषद के मिथलेश्वर मिश्र ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को देखकर वेदना होती है. इससे हम सभी आक्रोशित हैं. हिन्दू समाज बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करने वाले संप्रदाय है. हम सभी अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन जब हमें उकसाया जाता है तो हम इसका विरोध करते हैं.
वहीं इस्कॉन के सदस्य प्रकाश ने उपस्थित जनसमूह से हिंदुओं को जागने का आह्वान किया और बांग्लादेश में हो रहे क्रूरता के खिलाफ एकजुट होने पर बल दिया. वहीं विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य ने कहा कि बांग्लादेश के उदय में लाखों भारतीयों ने अपनी शहादत दी थी. लेकिन आज उनके साथ अत्याचार हो रहा है. आज बांग्लादेश में एक विचार पनप गया है कि जिसकी आबादी ज्यादा होगी वह कम आबादी वाले समाज के लोगों को जिंदा रहने नहीं देंगे. भारत एक संवेदनशील देश है. दुनिया में जहां कहीं भी लोगों के साथ अत्याचार होता है भारत अत्याचार के खिलाफ उनके साथ खड़ा होता है.
क्या है सनातन समाज की मांगें
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हो, इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त कराया जाए, बांग्लादेश के हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की UDHR- Article 18 के तहत उन्हें उनके मानवाधिकार की रक्षा एवं सुरक्षा अविलंब सुनिश्चित की जाए.
राज्यपाल ने व्यक्त की गहरी चिंता
वहीं राज्यपाल संतोष गंगवार ने इस विषय पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा सर्वसमाज को इसका समर्थन करना चाहिए. कुछ लोग/समूह इस मुद्दे का विरोध कर रहे हैं जो नहीं होना चाहिए. उन्होंने आश्वस्त किया कि वो अपने संज्ञान में इस विषय को राष्ट्रपति को भेजेंगे और अपने स्तर से आवश्यक ठोस कदम उठाएंगे. साथ ही साथ उन्होंने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन देने को कहा है, ताकि राज्य सरकार भी इस ज्वलंत मुद्दे पर प्रभावी कदम उठाए.
आक्रोश रैली में ये संगठन थे शामिल
आक्रोश रैली में चिन्मय मिशन, अखिल भारतीय संत समाज समिति, मेन रोड गुरुद्वारा, श्वेताम्बर जैन समाज, बौद्ध समाज, आदिवासी समाज, बंगाली एसोसिएशन, जनजाति विकास परिषद, विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, एकल विद्यालय, वनवासी कल्याण केंद्र के कार्यकर्ता सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे.
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