संभल जिला प्रशासन ने सर्वे के दौरान का एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें मस्जिद के बाहर शांति पूर्ण ढंग से सर्वे करते लोग दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान कोई नारेबाजी भी नहीं हो रही है. जबकि मुस्लिम पक्ष के लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि, सर्वे के दौरान धार्मिक नारेबाजी की गई जिससे मौहाल बिगड़ा.
संभल हिंसा; उपद्रवियों के पोस्टर जारी, हाथों में ईंट-पत्थर लेकर हमला करते दिखे, 48 घंटे और इंटरनेट बंद
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 27, 2024, 9:43 AM IST
|Updated : Nov 27, 2024, 9:10 PM IST
संभल: यूपी के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की आग अब कुछ-कुछ शांत होने लगी है. लेकिन, इसको लेकर सियासत गरमा गई है. इस बीच पुलिस प्रशासन ने 3 महिला समेत 27 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. साथ ही 21 आरोपियों के फोटो भी पुलिस ने जारी किए हैं. इसके अलावा उपद्रवियों के पत्थरबाजी करने का CCTV फुटेज भी सामने आया है. कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो और फोटो के आधार पर आरोपियों के चिह्नित किया जा रहा है. अब तक 100 आरोपियों को चिह्नित किया जा चुका है. दूसरे जिलों के लोग भी शामिल होने की जानकारी मिल रही है. सभी दिशा में जांच चल रही है. हिंसा में संभल पुलिस ने जिन 27 आरोपियों को जेल भेजा है, उनमें दो महिलाएं रुकैया, फरमाना व एक युवती नजराना भी शामिल हैं. वहीं प्रशासन ने दो दिन और इंटरनेट सेवा बंद रखने की घोषणा की है. 29 नवंबर तक इंटरनेट सेवा नहीं मिल पाएगी.
LIVE FEED
प्रशासन ने जारी किया सर्वे के दौरान का वीडियो
प्रशासन ने जारी किए 48 उपद्रवियों के पोस्टर
संभल हिंसा के दौरान पत्थरबाजी और तोड़फोड़ करने वालों का पोस्टर देर शाम पुलिस ने जारी कर दिया है. पोस्टर में दिख रहा है कि कई आरोपी चेहरा ढके हुए हैं. जबकि कईयों के चेहरे खुले हुए हैं. तस्वीरों में दिख रहा है कि 50 के करीब उपद्रवियों के हाथ में पत्थर, ईंट और डंडे लेकर हमला कर रहे हैं
संभल में घटना हुई नहीं, भाजपा सरकार ने करायाः अखिलेश यादव
अंबेडकरनगरः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संभल को लेकर कहा कि संभल में हुई घटना के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है. संभल में घटना हुई नहीं है, भाजपा सरकार ने उसे कराया है. अफवाहों में कुछ नहीं होता है लेकिन अफवाहों से बहुत कुछ हो जाता है. संभल में जब 19 तारीख को पहले दिन सर्वे हुआ तो सभी लोगों ने सर्वे में पूरा सहयोग दिया और सर्वे का काम पूरा हुआ. लेकिन इसके बाद क्या कारण है कि दोबारा सर्वे करना पड़ा. जब सर्वे टीम दोबारा गई तो क्या उसके साथ भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे, क्या भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी नहीं की, पुलिस प्रशासन ने भाजपा के नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं पर क्या कार्रवाई की? अंबेडकरनगर में आलापुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त के घर आयोजित वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा उपचुनाव की सभी सीट हार रही थी. लेकिन प्रशासन ने बेईमानी करके उसे जिताया है, सभी लोगों ने देखा कि किस तरह से प्रशासन ने सत्ता का दुरुपयोग करके समाजवादी पार्टी के वोटरों को वोट नहीं डालने दिया. वोटरों के साथ गाली गलौज किया और उन्हें धमकाया. भाजपा सरकार ने उपचुनाव में प्रशासन को आगे करके जितनी बेईमानी हो सकती थी उतनी की है. उपचुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कम प्रशासन ने ज्यादा वोट डाला है. भाजपा ने उपचुनाव में बेईमानी की पराकाष्ठा कर दी. भाजपा ने हम लोगों को भी कोचिंग दे दिया है कि किस तरह से चुनाव लड़ा जाता है. अखिलेश यादव ने प्रमोद कृष्णनन को उधार का संत बताया. उन्होंने कहा कि राजनीति में कभी कभी उधार के संत होते हैं. बीजेपी मंदिर और मस्जिद का विवाद जान बूझकर करवा रही है.
संभल जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
सहारनपुर: संभल की घटना से नाराज जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी का कहना है कि पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए बने कानून का वास्तविक क्रियान्वयन न होने के कारण भारत में संभल जैसी घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें रोकना बेहद जरूरी है. पूजा स्थल अधिनियम 1991 के बावजूद निचली अदालतें मुस्लिम पूजा स्थलों का सर्वेक्षण करने के आदेश जारी कर रही हैं, जो इस कानून का उल्लंघन है.
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए बने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर पिछले एक साल से कोई सुनवाई नहीं हुई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए कई बार समय दिया, लेकिन अब संभल की घटना के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इस मामले की अपील भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की है और जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद संभल में पुलिस की गोलीबारी और बर्बरता के शिकार हुए लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने संभल में पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा की और कहा कि पुलिस बर्बरता का लंबा इतिहास है, चाहे वह मलियाना हो या हाशिमपुरा, मुरादाबाद, हल्द्वानी या संभल, पुलिस का एक ही चेहरा हर जगह देखने को मिलता है. हालांकि पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना और लोगों की जान-माल की रक्षा करना है. लेकिन, दुर्भाग्य से पुलिस शांति की वकालत करने के बजाय अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के साथ एक पार्टी की तरह व्यवहार करती है.
संभल हिंसा पर राकेश टिकैत बोले, कुछ लोग उकसाने का काम कर रहे
लखीमपुर खीरी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने सम्भल हिंसा पर बोले, हमने बार-बार कहा कि जांच हो जाए, जांच को कोई प्रभावित न करे, जिसकी जगह है वह उसको मिल जाए. यह कोर्ट डिसाइड करेगा, कोर्ट में केस है. कुछ लोग उकसाने का काम कर रहे हैं, जांच कमेटी को किसी भी आदमी के पक्ष में नहीं जाना चाहिए, निष्पक्ष जांच करें. संभल हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई वह गलत है. हिंसा भी गलत है. इसकी जांच होनी चाहिए कि किस तरह से हिंसा हुई है, कैसे गोलाबारी हुई. कुछ उपद्रवी लोग भी होते हैं जो विवाद को बढ़ावा देते हैं. अब इससे किसको फायदा होगा यह जांच का विषय है.
संभल जा रहे करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान गिरफ्तार
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को पुलिस ने अलीगढ़ में उनके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई. उन्हें संभल जाने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले पुलिस ने उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया था. गिरफ्तारी के बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालाकि उन्हें बन्ना देवी थाने में रखा गया है.
ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने हाल ही में संभल में हुई हिंसा को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने इसे पूर्ण नियोजित साजिश बताया था और हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि उत्तर प्रदेश में ऐसी कई मस्जिदें हैं जो कथित तौर पर मंदिरों को तोड़कर बनाई गई हैं, उन्होंने इन मस्जिदों को चिह्नित कर वहां पुनः मंदिर स्थापित करने की मांग की थी.
गिरफ्तारी से दो दिन पहले ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही करणी सेना ने संभल हिंसा के विरोध में पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया था. करणी सेना ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई थी.
अपने बेटे पर FIR को लेकर जानिए क्या बोले सपा विधायक इकबाल महमूद
संभल विधानसभा सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि उन्हें सर्वे से कोई आपत्ति नहीं है. यह अदालत का अधिकार है कि वह कमीशन बैठाए या नहीं. हमारी आपत्ति नहीं, बल्कि हमारी सोच है कि कोई भी अदालत हो वह दूसरे पक्ष को सुने बिना कैसे आदेश कर देगी. यहां दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे करने के आदेश दे दिए गए. हमने अदालत पर हमेशा विश्वास किया है. हम अदालत के आदेश का पालन करते हैं लेकिन, हमें पूछा नहीं गया, हमें सफाई का मौका नहीं दिया गया. कानूनन हमें जवाब देने का मौका नहीं दिया गया.
हिंसा को लेकर कहा कि यह मिस्टअंडरस्टैंडिंग है. जब जामा मस्जिद के पास पुलिस जमा हुई तो लोगों में यह बात घर कर गई कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस क्यों आ रही है. इसी पर लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिस पर पीछे से किसी ने ईंटें मार दी तो फिर पुलिस ने गोली चला दी. लोगों ने देखा कि जामा मस्जिद के बाहर होज का पानी आ रहा है तो उन्हें लगा कि जामा मस्जिद के अंदर खोदाई हो रही है.
बेटे सुहैल इकबाल पर मुकदमे को लेकर कहा कि अगर पुलिस फोटो या कोई फुटेज उपलब्ध कराए जिसमें यह साबित हो जाए कि सुहैल इकबाल ने भड़काऊ भाषण दिया है या फिर लोगों को उकसाया है, तब उन्हें मुलजिम मानेगी. उन्होंने कहा कि जब घटना हो रही थी तब पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए. इसके बाद लोगों को घुटन होने लगी होगी और उन्होंने अपनी नाक और मुंह को ढकने के लिए मुंह पर रुमाल ढक लिया होगा. उसको अगर नकाबपोश कहा जाए तो वह गलत है. उन्होंने सर्वे के पहले दिन 19 नवंबर को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके बेटे सुहैल इकबाल के मस्जिद के अंदर जाने को लेकर कहा कि अगर उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलती तो वह क्यों जाते.
दंगा भड़काने वाले उद्रवियों के लगेंगे पोस्टर, होगी वसूली
पुलिस प्रशासन ने संभल हिंसा और बवाल मामले में 27 लोगों गिरफ्तार करने के साथ 100 लोगों की पहचान कर ली है. अब इनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने की तैयारी है. माना जा रहा है की आज शाम तक जगह-जगह पर इन दंगाइयों के पोस्ट लगा दिए जाएगा. इस बीच यूपी सरकार के मंत्री नितिन अग्रवाल ने X पर पोस्ट किया है- प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगाड़ने तथा माहौल खराब करने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ये 2017 के पहले का उत्तर प्रदेश नहीं है. ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाला नया उत्तर प्रदेश है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा सम्भल में जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई, दंगा भड़काया गया, उस पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है. पत्थरबाजी करने वाले, माहौल बिगाड़ने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगने वाले हैं. साथ ही सार्वजनिक सम्पत्ति को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी.
संभल हिंसा के उपद्रवियों से होगी नुकसान की वसूली
संभल हिंसा मामले में ड्रोन कैमरे से ली गई फुटेज भी सामने आई है. इसके अनुसार जामा मस्जिद के पिछले हिस्से में स्थित हाफिजों वाली मस्जिद की सड़क से भीड़ इकट्ठा हुई थी. यहां पर पुलिस का कोई पहरा नहीं था. भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गई और सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए. भीड़ ने पहले निजी वाहनों में तोड़फोड़ शुरू की. इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और आगजनी शुरू कर दी. जामा मस्जिद और नखासा तिराहे पर जो वाहनों में आग लगाई गई या तोड़फोड़ की गई थी, उसका तकीनीकी मुआयना एआरटीओ डॉ. प्रवेश कुमार सरोज की ओर से किया गया है. इसकी रिपोर्ट बनने के बाद उपद्रवियों से वसूली की जाएगी. एसपी ने बताया कि एआरटीओ ने मुआयना कर लिया है. रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
संभल में स्कूल-कॉलेज खुले, इंटरनेट सेवा शाम 4 बजे के बाद खुलने के आसार
संभल में हिंसा और बवाल के बाद स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सेवा एहतियात के तौर पर बंद कर दिए गए थे. स्थितियां सामान्य होने पर मंगलवार को स्कूल-कॉलेज तो खोल दिए गए लेकिन, अभी इंटरनेट सेवा को बंद ही रखा गया है. इंटरनेट सेवा आज शाम 4 बजे तक बंद रहेगी. माना जा रहा है कि प्रशासन आज स्थिति का आकलन करने के बाद शाम को इंटरनेट सेवा फिर से बहाल करने पर फैसला ले सकता है.
संभल: यूपी के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की आग अब कुछ-कुछ शांत होने लगी है. लेकिन, इसको लेकर सियासत गरमा गई है. इस बीच पुलिस प्रशासन ने 3 महिला समेत 27 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. साथ ही 21 आरोपियों के फोटो भी पुलिस ने जारी किए हैं. इसके अलावा उपद्रवियों के पत्थरबाजी करने का CCTV फुटेज भी सामने आया है. कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो और फोटो के आधार पर आरोपियों के चिह्नित किया जा रहा है. अब तक 100 आरोपियों को चिह्नित किया जा चुका है. दूसरे जिलों के लोग भी शामिल होने की जानकारी मिल रही है. सभी दिशा में जांच चल रही है. हिंसा में संभल पुलिस ने जिन 27 आरोपियों को जेल भेजा है, उनमें दो महिलाएं रुकैया, फरमाना व एक युवती नजराना भी शामिल हैं. वहीं प्रशासन ने दो दिन और इंटरनेट सेवा बंद रखने की घोषणा की है. 29 नवंबर तक इंटरनेट सेवा नहीं मिल पाएगी.
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प्रशासन ने जारी किया सर्वे के दौरान का वीडियो
संभल जिला प्रशासन ने सर्वे के दौरान का एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें मस्जिद के बाहर शांति पूर्ण ढंग से सर्वे करते लोग दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान कोई नारेबाजी भी नहीं हो रही है. जबकि मुस्लिम पक्ष के लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि, सर्वे के दौरान धार्मिक नारेबाजी की गई जिससे मौहाल बिगड़ा.
प्रशासन ने जारी किए 48 उपद्रवियों के पोस्टर
संभल हिंसा के दौरान पत्थरबाजी और तोड़फोड़ करने वालों का पोस्टर देर शाम पुलिस ने जारी कर दिया है. पोस्टर में दिख रहा है कि कई आरोपी चेहरा ढके हुए हैं. जबकि कईयों के चेहरे खुले हुए हैं. तस्वीरों में दिख रहा है कि 50 के करीब उपद्रवियों के हाथ में पत्थर, ईंट और डंडे लेकर हमला कर रहे हैं
संभल में घटना हुई नहीं, भाजपा सरकार ने करायाः अखिलेश यादव
अंबेडकरनगरः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संभल को लेकर कहा कि संभल में हुई घटना के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है. संभल में घटना हुई नहीं है, भाजपा सरकार ने उसे कराया है. अफवाहों में कुछ नहीं होता है लेकिन अफवाहों से बहुत कुछ हो जाता है. संभल में जब 19 तारीख को पहले दिन सर्वे हुआ तो सभी लोगों ने सर्वे में पूरा सहयोग दिया और सर्वे का काम पूरा हुआ. लेकिन इसके बाद क्या कारण है कि दोबारा सर्वे करना पड़ा. जब सर्वे टीम दोबारा गई तो क्या उसके साथ भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे, क्या भाजपा के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी नहीं की, पुलिस प्रशासन ने भाजपा के नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं पर क्या कार्रवाई की? अंबेडकरनगर में आलापुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक त्रिभुवन दत्त के घर आयोजित वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा उपचुनाव की सभी सीट हार रही थी. लेकिन प्रशासन ने बेईमानी करके उसे जिताया है, सभी लोगों ने देखा कि किस तरह से प्रशासन ने सत्ता का दुरुपयोग करके समाजवादी पार्टी के वोटरों को वोट नहीं डालने दिया. वोटरों के साथ गाली गलौज किया और उन्हें धमकाया. भाजपा सरकार ने उपचुनाव में प्रशासन को आगे करके जितनी बेईमानी हो सकती थी उतनी की है. उपचुनाव में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कम प्रशासन ने ज्यादा वोट डाला है. भाजपा ने उपचुनाव में बेईमानी की पराकाष्ठा कर दी. भाजपा ने हम लोगों को भी कोचिंग दे दिया है कि किस तरह से चुनाव लड़ा जाता है. अखिलेश यादव ने प्रमोद कृष्णनन को उधार का संत बताया. उन्होंने कहा कि राजनीति में कभी कभी उधार के संत होते हैं. बीजेपी मंदिर और मस्जिद का विवाद जान बूझकर करवा रही है.
संभल जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
सहारनपुर: संभल की घटना से नाराज जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी का कहना है कि पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए बने कानून का वास्तविक क्रियान्वयन न होने के कारण भारत में संभल जैसी घटनाएं हो रही हैं, जिन्हें रोकना बेहद जरूरी है. पूजा स्थल अधिनियम 1991 के बावजूद निचली अदालतें मुस्लिम पूजा स्थलों का सर्वेक्षण करने के आदेश जारी कर रही हैं, जो इस कानून का उल्लंघन है.
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए बने कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर पिछले एक साल से कोई सुनवाई नहीं हुई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए कई बार समय दिया, लेकिन अब संभल की घटना के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इस मामले की अपील भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की है और जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद संभल में पुलिस की गोलीबारी और बर्बरता के शिकार हुए लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने संभल में पुलिस की गोलीबारी की कड़ी निंदा की और कहा कि पुलिस बर्बरता का लंबा इतिहास है, चाहे वह मलियाना हो या हाशिमपुरा, मुरादाबाद, हल्द्वानी या संभल, पुलिस का एक ही चेहरा हर जगह देखने को मिलता है. हालांकि पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना और लोगों की जान-माल की रक्षा करना है. लेकिन, दुर्भाग्य से पुलिस शांति की वकालत करने के बजाय अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों के साथ एक पार्टी की तरह व्यवहार करती है.
संभल हिंसा पर राकेश टिकैत बोले, कुछ लोग उकसाने का काम कर रहे
लखीमपुर खीरी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने सम्भल हिंसा पर बोले, हमने बार-बार कहा कि जांच हो जाए, जांच को कोई प्रभावित न करे, जिसकी जगह है वह उसको मिल जाए. यह कोर्ट डिसाइड करेगा, कोर्ट में केस है. कुछ लोग उकसाने का काम कर रहे हैं, जांच कमेटी को किसी भी आदमी के पक्ष में नहीं जाना चाहिए, निष्पक्ष जांच करें. संभल हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई वह गलत है. हिंसा भी गलत है. इसकी जांच होनी चाहिए कि किस तरह से हिंसा हुई है, कैसे गोलाबारी हुई. कुछ उपद्रवी लोग भी होते हैं जो विवाद को बढ़ावा देते हैं. अब इससे किसको फायदा होगा यह जांच का विषय है.
संभल जा रहे करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान गिरफ्तार
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को पुलिस ने अलीगढ़ में उनके निवास स्थान से गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गई. उन्हें संभल जाने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले पुलिस ने उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया था. गिरफ्तारी के बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालाकि उन्हें बन्ना देवी थाने में रखा गया है.
ठाकुर ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने हाल ही में संभल में हुई हिंसा को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने इसे पूर्ण नियोजित साजिश बताया था और हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि उत्तर प्रदेश में ऐसी कई मस्जिदें हैं जो कथित तौर पर मंदिरों को तोड़कर बनाई गई हैं, उन्होंने इन मस्जिदों को चिह्नित कर वहां पुनः मंदिर स्थापित करने की मांग की थी.
गिरफ्तारी से दो दिन पहले ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही करणी सेना ने संभल हिंसा के विरोध में पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया था. करणी सेना ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई थी.
अपने बेटे पर FIR को लेकर जानिए क्या बोले सपा विधायक इकबाल महमूद
संभल विधानसभा सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि उन्हें सर्वे से कोई आपत्ति नहीं है. यह अदालत का अधिकार है कि वह कमीशन बैठाए या नहीं. हमारी आपत्ति नहीं, बल्कि हमारी सोच है कि कोई भी अदालत हो वह दूसरे पक्ष को सुने बिना कैसे आदेश कर देगी. यहां दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे करने के आदेश दे दिए गए. हमने अदालत पर हमेशा विश्वास किया है. हम अदालत के आदेश का पालन करते हैं लेकिन, हमें पूछा नहीं गया, हमें सफाई का मौका नहीं दिया गया. कानूनन हमें जवाब देने का मौका नहीं दिया गया.
हिंसा को लेकर कहा कि यह मिस्टअंडरस्टैंडिंग है. जब जामा मस्जिद के पास पुलिस जमा हुई तो लोगों में यह बात घर कर गई कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस क्यों आ रही है. इसी पर लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिस पर पीछे से किसी ने ईंटें मार दी तो फिर पुलिस ने गोली चला दी. लोगों ने देखा कि जामा मस्जिद के बाहर होज का पानी आ रहा है तो उन्हें लगा कि जामा मस्जिद के अंदर खोदाई हो रही है.
बेटे सुहैल इकबाल पर मुकदमे को लेकर कहा कि अगर पुलिस फोटो या कोई फुटेज उपलब्ध कराए जिसमें यह साबित हो जाए कि सुहैल इकबाल ने भड़काऊ भाषण दिया है या फिर लोगों को उकसाया है, तब उन्हें मुलजिम मानेगी. उन्होंने कहा कि जब घटना हो रही थी तब पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए. इसके बाद लोगों को घुटन होने लगी होगी और उन्होंने अपनी नाक और मुंह को ढकने के लिए मुंह पर रुमाल ढक लिया होगा. उसको अगर नकाबपोश कहा जाए तो वह गलत है. उन्होंने सर्वे के पहले दिन 19 नवंबर को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और उनके बेटे सुहैल इकबाल के मस्जिद के अंदर जाने को लेकर कहा कि अगर उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलती तो वह क्यों जाते.
दंगा भड़काने वाले उद्रवियों के लगेंगे पोस्टर, होगी वसूली
पुलिस प्रशासन ने संभल हिंसा और बवाल मामले में 27 लोगों गिरफ्तार करने के साथ 100 लोगों की पहचान कर ली है. अब इनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने की तैयारी है. माना जा रहा है की आज शाम तक जगह-जगह पर इन दंगाइयों के पोस्ट लगा दिए जाएगा. इस बीच यूपी सरकार के मंत्री नितिन अग्रवाल ने X पर पोस्ट किया है- प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगाड़ने तथा माहौल खराब करने वालों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ये 2017 के पहले का उत्तर प्रदेश नहीं है. ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाला नया उत्तर प्रदेश है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा सम्भल में जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई, दंगा भड़काया गया, उस पर योगी सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है. पत्थरबाजी करने वाले, माहौल बिगाड़ने वाले, दंगा भड़काने वाले उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थान पर लगने वाले हैं. साथ ही सार्वजनिक सम्पत्ति को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों से कराई जाएगी.
संभल हिंसा के उपद्रवियों से होगी नुकसान की वसूली
संभल हिंसा मामले में ड्रोन कैमरे से ली गई फुटेज भी सामने आई है. इसके अनुसार जामा मस्जिद के पिछले हिस्से में स्थित हाफिजों वाली मस्जिद की सड़क से भीड़ इकट्ठा हुई थी. यहां पर पुलिस का कोई पहरा नहीं था. भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती गई और सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए. भीड़ ने पहले निजी वाहनों में तोड़फोड़ शुरू की. इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और आगजनी शुरू कर दी. जामा मस्जिद और नखासा तिराहे पर जो वाहनों में आग लगाई गई या तोड़फोड़ की गई थी, उसका तकीनीकी मुआयना एआरटीओ डॉ. प्रवेश कुमार सरोज की ओर से किया गया है. इसकी रिपोर्ट बनने के बाद उपद्रवियों से वसूली की जाएगी. एसपी ने बताया कि एआरटीओ ने मुआयना कर लिया है. रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
संभल में स्कूल-कॉलेज खुले, इंटरनेट सेवा शाम 4 बजे के बाद खुलने के आसार
संभल में हिंसा और बवाल के बाद स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सेवा एहतियात के तौर पर बंद कर दिए गए थे. स्थितियां सामान्य होने पर मंगलवार को स्कूल-कॉलेज तो खोल दिए गए लेकिन, अभी इंटरनेट सेवा को बंद ही रखा गया है. इंटरनेट सेवा आज शाम 4 बजे तक बंद रहेगी. माना जा रहा है कि प्रशासन आज स्थिति का आकलन करने के बाद शाम को इंटरनेट सेवा फिर से बहाल करने पर फैसला ले सकता है.