संभल : हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के नाम पर एक फर्जी पत्रकार लोगों से अवैध वसूली कर रहा था. वह हिंसा का फर्जी वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह भी कर रहा था. QR CODE जारी कर वह अवैध वसूली कर रहा था. शिकायत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को जेल भेज दिया गया है.
संभल में 24 नवंबर को हिंसा हुई थी. सोशल मीडिया पर इसे लेकर तमाम तरह की पोस्ट की जा रहीं हैं. भ्रामक पोस्टों पर पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है. इस बीच पुलिस को असीम रजा जैदी नाम के एक फर्जी पत्रकार के बारे में शिकायत मिली.
आरोपी हिंसा का फर्जी वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह कर रहा था. इसके साथ ही हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के नाम पर एक QR CODE भी जारी किया था. वह इसके जरिए लोगों से अवैध वसूली कर रहा था.
आरोप है कि वह लोगों को पुलिस के खिलाफ उकसाने का काम भी कर रहा था. पुलिस ने असीम रजा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने खुद को एक समाचार पत्र का पत्रकार बताया. पुलिस ने उसके कार्यालय में फोन किया तो उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया.
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि न्यूज पेपर के कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई कि उनके यहां असीम रजा जैदी नाम का कोई पत्रकार नहीं है. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया. यहां से उसे जेल भेज दिया गया. आरोपी के अकाउंट को खंगाल जा रहा है कि उसने किन-किन अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया है और किन-किन खातों से पैसा लिया है.
यह भी पढ़ें : संभल हिंसा का वीडियो देख पुलिस का समर्थन किया तो पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक