संभल: जिले में एक और धार्मिक स्थल को लेकर हिंदू समाज के लोगों ने दावा किया है, कि 1978 के दंगे में कश्यप समाज के देवी मंदिर को दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा तोड़ दिया गया था. इसके अलावा आंवला नवमी पर पूजे जाने वाले आंवला के वृक्ष को भी नष्ट कर दिया गया. इस मामले में कश्यप समाज के लोगों ने ASP को ज्ञापन सौंपकर देवी मंदिर को स्थापित कराने एवं पूजन की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है.
बता दें, कि संभल में 14 दिसंबर को पुलिस प्रशासन ने 46 साल से ताले में कैद भगवान कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने संभल के सभी तीर्थ स्थल एवं कुएं और कूपों को संरक्षित करने की जिम्मेदारी लेते हुए पाट दिए गए कुएं और कूपों को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए खुदाई का काम शुरू कराया. इस बीच प्रशासन ने 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद अब शहर की शाही जामा मस्जिद के सामने खाली पड़े मैदान में सत्यव्रत नाम से नवीन पुलिस चौकी निर्माण का कार्य शुरू करा दिया.
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वहीं सोमवार को मोहल्ला कोट पूर्वी के रहने वाले कश्यप समाज के दर्जनों महिला और पुरुषों ने ASP उत्तरी श्रीश चंद्र को ज्ञापन सौंपा. जिसमें दावा किया गया, कि जामा मस्जिद के सामने जिस जगह नई पुलिस चौकी बन रही है, उसी के बराबर खाली मैदान में उनके समाज की देवी मां का मंदिर था. जबकि इसी मंदिर के बराबर में आंवला का वृक्ष हुआ करता था. आंवला नवमी पर इस वृक्ष की पूजा हुआ करती थी. जबकि पृथ्वीराज चौहान की होली के रूप में भी यही स्थान प्रसिद्ध रहा है.
दावा किया गया, कि 1978 के दंगे में दूसरे समुदाय के लोगों ने देवी के मंदिर को तोड़ दिया और आंवला के पेड़ को भी काट दिया. यही नहीं उन्हें पूजा करने से भी रोक दिया गया. अब इस मामले में हिंदू समाज के लोगों ने ASP से पूर्व की भांति धार्मिक अनुष्ठान करने एवं आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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