लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से रविवार को किसान यूनियन के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की. किसान नेताओं ने कहा कि वे अखिलेश यादव को अपना नेता मानते है. अखिलेश ही किसानों की आवाज उठाते हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में किसानों के हित में तमाम काम किए गए थे. भाजपा सरकार में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की हैं. भाजपा सरकार ने किसानों के हित में कोई भी काम नहीं किया है.
किसानों नेताओं ने कहा कि अखिलेश यादव के कार्यकाल में समाजवादी सरकार में गन्ना मूल्य में पर्याप्त वृद्धि की गई थी और पूरा भुगतान भी करा दिया था. बीजेपी सरकार के सात साल हो गए अभी तक किसानों का गन्ना मूल्य बकाया का पूरा भुगतान नहीं हुआ. भाजपा सरकार झूठे वादे ही करती है. उसकी कथनी-करनी में जमीन आसमान का अंतर है. किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि समाजवादी सरकार में ही कृषि उत्पाद के विपणन की व्यवस्था पर ध्यान दिया गया था. मंडियों की स्थापना से बुनियादी ढ़ांचा विकसित हुआ था.
विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई थी. समाजवादी सरकार में गांव-खेती के लिए बजट में 75 प्रतिशत धनराशि रखी गई थी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं से कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार चलने वाली नहीं, गिरने वाली सरकार है. भाजपा सरकार ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों सभी को धोखा दिया है. भाजपा की गलत नीतियों से हर वर्ग परेशान और त्रस्त है. देश में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है. भाजपा सरकार ने जनता से झूठे वादे किए.
अखिलेश यादव ने कहा कि देश में किसान, नौजवान और गरीब बहुत परेशानी में है. किसानों को फसलों का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. किसान और गरीब की मदद होनी चाहिए. यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गये थे. किसानों को सुविधाएं दी गई थी. मंडी बनवायी गयी थी. भाजपा सरकार ने मंडियों का काम रोक दिया, सब बर्बाद कर दिया. आज किसानों को खाद और बीज का संकट है. किसान परेशान है.
सपा अध्यक्ष कहा कि समाजवादी पार्टी सच के रास्ते पर चलती है. सभी का सम्मान करती है. आज जनता समाजवादी पार्टी की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. लोगों का समाजवादी पार्टी पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक और मजबूत करना है. सेक्टर से लेकर बूथ लेवल तक लगातार कार्यकर्ता बनाना है. सभी का व्यवहार और भाषा लोकतांत्रिक होना चाहिए.
लखनऊ में हुई किसानों की महापंचायत: चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर राजधानी लखनऊ के इको गार्डन धरना स्थल पर किसान महापंचायत हुई. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों के किसान भी अपनी समस्याओं को लेकर लखनऊ पहुंचे. इको गार्डन धरना स्थल पर पहुंचे किसानों ने बताया कि गन्ना मूल्य वृद्धि एमएसपी, सस्ती बिजली छुट्टा और जंगली जानवरों की समस्या को लेकर वो परेशान हैं.