ETV Bharat / state

सपा ने विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर तैयार की रणनीति, UP में दलित वोटरों को रिझाने में जुटी

लोकसभा चुनाव के बाद से आयोजित कर रही कार्यक्रम, कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

लखनऊ में लगाई गई होर्डिंग
लखनऊ में लगाई गई होर्डिंग (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 5:03 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 5:26 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने समीकरणों में बड़ा बदलाव किया है. समाजवादी पार्टी अब दलित वोटरों को भी साधने के लिए पूरी तरह सक्रिय दिख रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से सपा लगातार दलित महापुरुषों के नाम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है और इसके जरिए दलित समाज को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है.

समाजवादी पार्टी की राजनीति (Video credit: ETV Bharat)



लखनऊ में बुधवार को कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था. इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस सभा में सपा नेता और सांसद आरके चौधरी मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था, जो सपा के दलित समाज के प्रति नए रुख को दर्शाता है. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने 'पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक' समुदायों के हितों की बात प्रमुखता से उठाई थी, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रही और भारी संख्या में दलित वोटर का समर्थन मिला, जिसके नतीजे में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी 37 लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही, वहीं बहुजन समाज पार्टी का खाता भी नहीं खुला.

कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन (Photo credit: ETV Bharat)

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 3 अप्रैल 2023 को मान्यवर काशीराम महाविश्वविद्यालय में बसपा संस्थापक काशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव और काशीराम के पुराने राजनीतिक गठबंधन की याद दिलाते हुए कहा कि मान्यवर काशीराम ने कई राज्यों से चुनाव लड़े, लेकिन उस वक्त की परिस्थितियों को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने समझा. 1991 में लोकसभा का चुनाव उत्तर प्रदेश के इटावा से लड़े, जिसमें सपा के समर्थन से काशीराम पहली बार लोकसभा में पहुंचे थे.

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग (Photo credit: ETV Bharat)



1993 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने 176 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिसे यूपी की राजनीति में एक बड़ा मोड़ माना जाता है. अब 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित समुदाय का समर्थन मिलने के बाद सपा की नजरें 2027 के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं.

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद सपा नेता
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद सपा नेता (Photo credit: ETV Bharat)



सपा के दलित नेता आरके चौधरी ने कहा कि 2024 तो सिर्फ अंगड़ाई है, असली लड़ाई 2027 में होगी. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के दिशा निर्देश पर काम कर रहे हैं. अब नारा लगने लगा है कि 'बाबा तेरा मिशन अधूरा, अखिलेश यादव करेंगे पूरा'. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने एक व्यापक नारा पीडीए दिया है, जिसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को साथ लाने का आह्वान किया है.


सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक़ जामेई ने बताया कि समाजवादी पार्टी अब कांशीराम के सिद्धांतों को आत्मसात कर रही है और दलित समाज को सही मायने में उनका हक दिलाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर कांशीराम न होते तो आज जो आरक्षण बचा हुआ है वह आरक्षण खत्म हो जाता. उन्होंने कहा कि बसपा ने काशीराम के बलिदानों को भुला दिया है. उन्होंने बामसेफ की लड़ाइयों को भुला दिया है. दलित आंदोलन को भुला दिया है. कांशीराम के साथ जो लोग काम कर रहे थे वह लोग आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ हैं. उन्होंने कहा कि 2027 के चुनाव के लिए पार्टी की यही रणनीति है कि दलितों का समर्थन पूरी तरह से सपा के पक्ष में हो.


यह भी पढ़ें : केशव प्रसाद मौर्य-अखिलेश यादव में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग; मुद्दा तेजस्वी यादव के बंगले से टोटी चोरी होना

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव वाली करहल सीट पर सपा प्रत्याशी तय, तेज प्रताप यादव होंगे उम्मीदवार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने समीकरणों में बड़ा बदलाव किया है. समाजवादी पार्टी अब दलित वोटरों को भी साधने के लिए पूरी तरह सक्रिय दिख रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से सपा लगातार दलित महापुरुषों के नाम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है और इसके जरिए दलित समाज को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है.

समाजवादी पार्टी की राजनीति (Video credit: ETV Bharat)



लखनऊ में बुधवार को कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था. इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस सभा में सपा नेता और सांसद आरके चौधरी मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था, जो सपा के दलित समाज के प्रति नए रुख को दर्शाता है. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में सपा ने 'पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक' समुदायों के हितों की बात प्रमुखता से उठाई थी, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रही और भारी संख्या में दलित वोटर का समर्थन मिला, जिसके नतीजे में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी 37 लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही, वहीं बहुजन समाज पार्टी का खाता भी नहीं खुला.

कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन (Photo credit: ETV Bharat)

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 3 अप्रैल 2023 को मान्यवर काशीराम महाविश्वविद्यालय में बसपा संस्थापक काशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव और काशीराम के पुराने राजनीतिक गठबंधन की याद दिलाते हुए कहा कि मान्यवर काशीराम ने कई राज्यों से चुनाव लड़े, लेकिन उस वक्त की परिस्थितियों को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने समझा. 1991 में लोकसभा का चुनाव उत्तर प्रदेश के इटावा से लड़े, जिसमें सपा के समर्थन से काशीराम पहली बार लोकसभा में पहुंचे थे.

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोग (Photo credit: ETV Bharat)



1993 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन ने 176 सीटों पर जीत हासिल की थी. जिसे यूपी की राजनीति में एक बड़ा मोड़ माना जाता है. अब 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित समुदाय का समर्थन मिलने के बाद सपा की नजरें 2027 के विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं.

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद सपा नेता
श्रद्धांजलि सभा में मौजूद सपा नेता (Photo credit: ETV Bharat)



सपा के दलित नेता आरके चौधरी ने कहा कि 2024 तो सिर्फ अंगड़ाई है, असली लड़ाई 2027 में होगी. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के दिशा निर्देश पर काम कर रहे हैं. अब नारा लगने लगा है कि 'बाबा तेरा मिशन अधूरा, अखिलेश यादव करेंगे पूरा'. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने एक व्यापक नारा पीडीए दिया है, जिसमें पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को साथ लाने का आह्वान किया है.


सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक़ जामेई ने बताया कि समाजवादी पार्टी अब कांशीराम के सिद्धांतों को आत्मसात कर रही है और दलित समाज को सही मायने में उनका हक दिलाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर कांशीराम न होते तो आज जो आरक्षण बचा हुआ है वह आरक्षण खत्म हो जाता. उन्होंने कहा कि बसपा ने काशीराम के बलिदानों को भुला दिया है. उन्होंने बामसेफ की लड़ाइयों को भुला दिया है. दलित आंदोलन को भुला दिया है. कांशीराम के साथ जो लोग काम कर रहे थे वह लोग आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ हैं. उन्होंने कहा कि 2027 के चुनाव के लिए पार्टी की यही रणनीति है कि दलितों का समर्थन पूरी तरह से सपा के पक्ष में हो.


यह भी पढ़ें : केशव प्रसाद मौर्य-अखिलेश यादव में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग; मुद्दा तेजस्वी यादव के बंगले से टोटी चोरी होना

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव वाली करहल सीट पर सपा प्रत्याशी तय, तेज प्रताप यादव होंगे उम्मीदवार

Last Updated : Oct 9, 2024, 5:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.