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CM योगी के भाषण पर भड़के सपा विधायक, बोले- हम बाबर की औलाद नहीं, शब्दों में संयम बरतना चाहिए - UP ASSEMBLY SPEECH

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए भाषण के बाद सपा विधायकों ने जताई नाराजगी

नवाब इकबाल महमूद , सीएम योगी और  विधायक मुहम्मद ताहिर खान.
नवाब इकबाल महमूद , सीएम योगी और विधायक मुहम्मद ताहिर खान. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए भाषण पर समाजवादी पार्टी के विधायको ने नाराजगी जताई है. इसौली से विधायक मुहम्मद ताहिर खान ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने शब्दों में संयम बरतना चाहिए. ताहिर ने कहा, 'मुख्यमंत्री 25 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके हर शब्द से जनता को संतोष मिलना चाहिए. यह कहना कि हम बाबर और औरंगजेब की औलाद हैं, पूरी तरह से गलत है. हम इस देश के मूल निवासी हैं, आदम और हव्वा की संतान हैं.

वक्तव्यों में संवेदनशीलता रखनी चाहिए: ताहिर ने कहा कि 'इंसानियत और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. हम भारत के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मानते हैं. सभी को साथ लेकर चलना हमारी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री से हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन उन्हें अपने वक्तव्यों में संवेदनशीलता रखनी चाहिए. जो भी जय श्रीराम का नारा लगाते हैं, हम उनका स्वागत करते हैं. यह लोकतांत्रिक देश है और सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन यदि कोई इस नारे का विरोध करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'

विधायक मुहम्मद ताहिर खान और नेता नवाब इकबाल महमूद. (Video Credit; ETV Bharat)
निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिएः बहराइच में हुई हिंसा विधायक ने कहा, "वहां एक ब्राह्मण युवक की हत्या हो गई. किसी के घर पर झंडा लगाने या हटाने जैसे मुद्दों पर कार्रवाई सहमति से होनी चाहिए. बिना सहमति के कार्रवाई करना अनुचित है. ताहिर ने एससी, एसटी और ओबीसी कोटे की 11 लाख खाली नौकरियों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए. "अगर कोई अपराध करता है तो उसे चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. हमें मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भरोसा है कि सरकार निष्पक्ष कार्रवाई करेगी. संभल में भी विश्वास है कि उत्तर प्रदेश सरकार निष्पक्ष और सही कदम उठाएगी'.

1976 के संभल दंगे में 186 लोगों की मौत सीएम साबित कर दें तो इस्तीफा दे दूंगाः नवाब इकबाल
वहीं, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब इकबाल महमूद ने सीएम योगी के "संभल में हिंसा और दंगों' को लेकर बयान पर पलटवार किया. इकबाल महमूद ने कहा, "मुख्यमंत्री के आरोप बेबुनियाद हैं. जो रिपोर्ट नीचे से भेजी जाती है, वही वह पढ़कर सुना देते हैं. अगर निष्पक्ष जांच हो तो सच्चाई सामने आ जाएगी. यह सरकार मुसलमानों को प्रताड़ित कर 2027 के चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है." नवाब इकबाल ने कहा, "अगर मुख्यमंत्री यह साबित कर दें कि 1976 के संभल दंगे में 186 लोग मारे गए थे, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. अगर वह ऐसा साबित नहीं कर पाते, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए."
नवाब इकबाल महमूद ने सरकार पर सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, "शेख और तुर्क समुदायों के बीच कोई झगड़ा नहीं है. यह सरकार ही है जो झगड़ा पैदा करना चाहती है. हिंसा को लेकर नारेबाजी हुई, लेकिन सरकार की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं. अगर कोई भड़काऊ नारे लगाएगा तो वह बर्दाश्त नहीं होगा.

इसे भी पढ़ें-CM योगी विपक्ष पर फायर, कहा- संभल में अब तक 209 हिंदुओं की हत्या, घड़ियाली आंसू बहाने वाले दो शब्द नहीं बोले

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए भाषण पर समाजवादी पार्टी के विधायको ने नाराजगी जताई है. इसौली से विधायक मुहम्मद ताहिर खान ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने शब्दों में संयम बरतना चाहिए. ताहिर ने कहा, 'मुख्यमंत्री 25 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके हर शब्द से जनता को संतोष मिलना चाहिए. यह कहना कि हम बाबर और औरंगजेब की औलाद हैं, पूरी तरह से गलत है. हम इस देश के मूल निवासी हैं, आदम और हव्वा की संतान हैं.

वक्तव्यों में संवेदनशीलता रखनी चाहिए: ताहिर ने कहा कि 'इंसानियत और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. हम भारत के संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मानते हैं. सभी को साथ लेकर चलना हमारी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री से हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन उन्हें अपने वक्तव्यों में संवेदनशीलता रखनी चाहिए. जो भी जय श्रीराम का नारा लगाते हैं, हम उनका स्वागत करते हैं. यह लोकतांत्रिक देश है और सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन यदि कोई इस नारे का विरोध करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'

विधायक मुहम्मद ताहिर खान और नेता नवाब इकबाल महमूद. (Video Credit; ETV Bharat)
निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिएः बहराइच में हुई हिंसा विधायक ने कहा, "वहां एक ब्राह्मण युवक की हत्या हो गई. किसी के घर पर झंडा लगाने या हटाने जैसे मुद्दों पर कार्रवाई सहमति से होनी चाहिए. बिना सहमति के कार्रवाई करना अनुचित है. ताहिर ने एससी, एसटी और ओबीसी कोटे की 11 लाख खाली नौकरियों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि सरकार को इन पर ध्यान देना चाहिए. "अगर कोई अपराध करता है तो उसे चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. हमें मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भरोसा है कि सरकार निष्पक्ष कार्रवाई करेगी. संभल में भी विश्वास है कि उत्तर प्रदेश सरकार निष्पक्ष और सही कदम उठाएगी'.

1976 के संभल दंगे में 186 लोगों की मौत सीएम साबित कर दें तो इस्तीफा दे दूंगाः नवाब इकबाल
वहीं, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब इकबाल महमूद ने सीएम योगी के "संभल में हिंसा और दंगों' को लेकर बयान पर पलटवार किया. इकबाल महमूद ने कहा, "मुख्यमंत्री के आरोप बेबुनियाद हैं. जो रिपोर्ट नीचे से भेजी जाती है, वही वह पढ़कर सुना देते हैं. अगर निष्पक्ष जांच हो तो सच्चाई सामने आ जाएगी. यह सरकार मुसलमानों को प्रताड़ित कर 2027 के चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है." नवाब इकबाल ने कहा, "अगर मुख्यमंत्री यह साबित कर दें कि 1976 के संभल दंगे में 186 लोग मारे गए थे, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. अगर वह ऐसा साबित नहीं कर पाते, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए."
नवाब इकबाल महमूद ने सरकार पर सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, "शेख और तुर्क समुदायों के बीच कोई झगड़ा नहीं है. यह सरकार ही है जो झगड़ा पैदा करना चाहती है. हिंसा को लेकर नारेबाजी हुई, लेकिन सरकार की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं. अगर कोई भड़काऊ नारे लगाएगा तो वह बर्दाश्त नहीं होगा.

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