अयोध्या : भगवान श्री रामलला के जन्मोत्सव के बाद अयोध्या के मठ मन्दिरों में रंगभरी बधाइयां उत्सव मनाया जा रहा है. प्राचीन लक्ष्मण किला मंदिर में भी रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया गया. इसमें अवध धाम और मिथिला धाम संतों सहित श्रद्धालुओं ने भी मंदिर परिसर में भगवान श्री राम जन्मोत्सव पर भजन गाते हुए जमकर कुमकुम और चंदन की होली खेली और खुशी का इजहार करते हुए तरह तरह खिलौने अर्पित किए.
धार्मिक मान्यता है कि चैत्र शुक्ल नवमी पर रामलला का जन्म हुआ था. उसके बाद एकादशी तिथि पर कुमकुम और चंदन से इस प्रकार होली खेली गई थी कि अयोध्या में कुमकुम और चंदन का कीचड़ हो गया था. उसी परंपरा का निर्वहन करते हुए शुक्रवार को मंदिरों में रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया गया. इस उत्सव में शामिल होने पहुंचे जनकपुरी जानकी धाम के अधिकारी रामरोशन दास ने कहा कि जनकपुर प्रभु राम की ससुराल है. यहां कोई भी उत्सव होता है, तो सभी लोग उसमें शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में हमारे प्रभु राम का प्राकट्य हुआ है. नवमी पर देश-विदेश में भी सनातन प्रेमी इस उत्सव को मानते हैं. इस समय अयोध्या की बहुत बड़ी महिमा है और इसलिए हम लोग भी जनकपुर धाम से आए हैं. मिथिला ससुराल होने के नाते भगवान राम को दूल्हा मानते हैं, लेकिन आज उनके जन्म महोत्सव में शामिल होने आए हैं. इसलिए पीला वस्त्र, खिलौना, चॉकलेट, पकवान और मेवा अर्पित किया है. हमारे साथ बड़ी संख्या में मिथिलावासी भी आए हुए हैं.
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