जोधपुर: किसी संत महात्मा के देवलोक गमन के बाद सामान्यत उनकी देह का अंतिम संस्कार समाधि रूप में किया जाता है. किसी संत की देह का दान नहीं होता है. लेकिन जोधपुर में पहली बार एक संत के निधन के बाद उनके अनुयायियों ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए दान की है.
शहर के मसूरिया पहाड़ी पर स्थित भीड़ भंजन बालाजी मंदिर आश्रम के संत बाबा राधे ने शुक्रवार रात को देह त्याग दी थी. वे हमेशा समाज के भले के लिए काम करते थे. उनकी देह का दान डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को किया गया, जिससे उनकी देह मेडिकल छात्रों के शोध कार्य में काम आ सके. इसके लिए रविवार को आश्रम से मेडिकल कॉलेज तक अंतिम यात्रा निकाल देह को वहां ले जाया गया. इसके बाद सभी अनुयायियों ने संत बाबा राधेजी को अंतिम प्रणाम किया और देह मेडिकल कॉलेज को सुपुर्द कर दी.
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वीएचपी के जिलाध्यक्ष डॉ राम गोयल ने बताया कि महाराज की इच्छा थी कि उनकी देह मेडिकल छात्रों के साथ काम आ सके. इसलिए देहदान किया गया है. जगतगुरु वेदही वलभाचार्य ने कहा कि देहदान से बाबा का भौतिक शरीर समाज के काम आ सकेगा. मेडिकल छात्र इस पर शोध कार्य कर सकेंगे. इसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया. इससे और भी लोगों को प्रेरणा मिलेगी. कॉलेज की ओर से देह प्राप्त करने का प्रमाण पत्र भी जारी किया गया.