नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय साहित्य संस्था साहित्य अकादमी, इस वर्ष अपने 70 वर्ष पूरे करने जा रही है. इस अवसर को यादगार बनाने के लिए साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने वाले कार्यक्रम 'साहित्योत्सव', विश्व के सबसे बड़े साहित्यिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाएगा. इसका आयोजन 11 मार्च से 18 मार्च तक रवींद्र भवन परिसर, 35, फीरोज शाह मार्ग पर किया जाएगा.
1,100 लेखर लेंगे हिस्सा: साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस दौरान 190 से अधिक सत्रों में 1,100 से अधिक प्रसिद्ध लेखक और विद्वान भाग लेंगे. इसमें देश की 175 से अधिक भाषाओं का प्रस्तुति दी जाएगी. इसकी शुरुआत सालभर की प्रमुख गतिविधियों पर आधारित प्रदर्शनी से होगी. 'साहित्योत्सव' का मुख्य आकर्षण, साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 का वितरण समारोह होगा, जो 12 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5:30 बजे आयोजित किया जाएगा. समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात ओडिया लेखिका प्रतिमा राय होंगी. वहीं, विशिष्ट संवत्सर व्याख्यान, प्रख्यात उर्दू लेखक एवं गीतकार गुलजार द्वारा 13 मार्च को सायं 6.30 बजे से मेघदूत मुक्ताकाशी मंच पर किया जाएगा.
ये कार्यक्रम होंगे आयोजित: उन्होंने बताया कि 11 मार्च को ही साहित्य अकादमी के प्रमुख सदस्यों का अभिनंदन के बाद बहुभाषी कवि और कहानी-पाठ, युवा साहिती, अस्मिता, पूर्वोत्तरी, जैसे नियमित कार्यक्रम होंगे. इसके अलावा भारत का भक्ति साहित्य, भारत में बाल साहित्य, भारत की अवधारणा, मातृभाषाओं का महत्त्व, आदिवासी कवि एवं लेखक सम्मेलन, भविष्य के उपन्यास, भारत में नाट्य लेखन, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीयों भाषाओं में विज्ञान कथा साहित्य, नैतिकता और साहित्य, भारतीय साहित्य में आत्मकथाएं, साहित्य और सामाजिक आंदोलन, विदेशों में भारतीय साहित्य जैसे अनेक विषयों पर परिचर्चा और परिसंवाद होंगे. इस बार की राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य.
बच्चे भी लेंगे भाग: इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय दिव्यांग लेखक सम्मेलन, एलजीबीटीक्यू लेखक सम्मेलन, मीर तकी मीर की जन्मशताब्दी वर्ष पर संगोष्ठी, गोपीचंद नारंग पर एक परिसंवाद जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. इतना ही नहीं बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिताएं, साहित्यिक प्रश्नोत्तरी और कई प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा.
इसमें दिल्ली एनसीआर के एक हजार से अधिक बच्चों के भाग लेने की उम्मीद है. वहीं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राजश्री वारियर द्वारा भरतनाट्यम, गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम 'कस्तूरी', महेशाराम द्वारा संतवाणी गायन एवं दद्याप्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित नाटक सम्राट 'अशोक' का मंचन भी किया जाएगा.
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तीन राज्यपाल होंगे शामिल: छह दिन तक चलने वाले इस साहित्योत्सव में हिंदी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं के महत्त्वपूर्ण लेखक एवं विद्वान भाग ले रहे हैं. इनमें एस.एल. भैरप्पा, चंद्रशेखर कंबार, पॉल जकारिया, आबिद सुरती, के. सच्चिदानंदन, चित्रा मुद्गल, मृदुला गर्ग, के. इनोक, गगंग दई. एच.एस. शिवप्रकाश, सचिन केतकर, नमिता गोखले, कुल सैकिया, वाई.डी. थोगची, मालाश्री लाल, कपिल कपूर, अरुंधति सुब्रह्मण्यम, रख्शंदा जलील, राणा नायर, वर्षा दास, सुधा शेषाय्यन, उदय नारायण सिंह, अरुण खोपकर और शीन काफ निजाम के नाम शामिल हैं. साहित्योत्सव में तीन राज्यों के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान (केरल), विश्वभूषण हरिचंदन (छत्तीसगढ़) और सी.पी. आनंद बोस (पश्चिम बंगाल) विशेष रूप से भाग से रहे हैं.
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