सागर। पिछले 15 सालों से सागर के राजनीतिक दलों खासकर भाजपा के लिए परेशानी का सबब बनी स्टेट यूनिवर्सिटी की मांग मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही दौरे पर पूरी कर दी. उन्होंने सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरीसिंह गौर को याद करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति अपने जीवन की जमांपूजी लगाकर आजादी के पहले यहां विश्वविद्यालय खोल सकता है और आज ये विश्वविद्यालय प्रदेश का इकलौता केंद्रीय विश्वविद्यालय है तो क्या हम सागर में स्टेट यूनिवर्सिटी नहीं खोल सकते हैं. उन्होने कहा कि इसी सत्र से सागर में राजकीय विश्वविद्यालय खुलेगा और उनके भोपाल पहुंचते ही इसकी तैयारियां तेज हो गईं.
तेजी से चल रही हैं तैयारियां
सागर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर विधायक शैलेन्द्र जैन लंबे समय से प्रयासरत थे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह 2017 और अलग-अलग मौकों पर स्टेट यूनिवर्सिटी की घोषणा कर चुके थे. लेकिन शिवराज सिंह की अन्य घोषणाओं की तरह इस घोषणा का हाल वही हुआ. जब उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए मोहन यादव सागर आते थे तो शिवराज सिंह की घोषणा के चलते उन्हें असहज होना पडता था. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले ही दौरे पर मोहन यादव ने सागर को आगामी सत्र से स्टेट यूनिवर्सिटी की सौगात दे दी. मुख्यमंत्री ने भोपाल पहुंचते ही सागर के प्रभारी एसीएस एसएन मिश्रा को यूनिवर्सटी भवन के लिए स्थल चयन और इसी सत्र में एडमिशन शुरू करने के लिए के निर्देश दिए.
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यहां संचालित होगा विश्वविद्यालय
इस मामले में सागर विधायक शैलेन्द्र जैन ने भोपाल पहुंचकर एसीएस एसएन मिश्रा से मुलाकात की और मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप स्टेट यूनिवर्सिटी खोले जाने के लिए शासन स्तर पर तैयारियों का जायजा लिया. जिसमें एसीएस एसएन मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार नए राजकीय विश्वविद्यालय के भवन के लिए स्थान चयन के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं. इसके पहले इसी सत्र से यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया चालू करने के लिए तय किया गया है कि सागर के पं दीनदयाल उपाध्याय आर्ट्स एंड कामर्स कॉलेज में एक नवीन भवन में विश्वविद्यालय संचालित होगा.