सागर: एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को देश की पहली नदी जोड़ों परियोजना केन बेतवा लिंक परियोजना के पहले चरण का शिलान्यास करने जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बुंदेलखंड के सागर जिले को नर्मदा नदी से लिंक कराए जाने की मांग पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने रखी है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से सागर जिले से बहने वाली सुनार और कोपरा नदी को नर्मदा से लिंक किए जाने का प्रस्ताव रखा है. मुख्यमंत्री ने भी प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर तत्काल जल संसाधन विकास के एसीएस को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है.
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की मांग
मध्य प्रदेश विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में बहुउद्देशीय एवं बृहद सिंचाई परियोजनाओं को लेकर हुई बैठक में शिरकत की थी. इस बैठक में 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा खजुराहो में केन बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम चरण के शिलान्यास को लेकर चर्चा हुई थी. इस चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष सागर की सुनार और कोपरा नदी को नर्मदा नदी से जोड़ने का प्रस्ताव रखा.
मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
गोपाल भार्गव ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नदी जोड़ो परियोजना की कल्पना की थी. ताकि सभी नदियों में 12 महीने पानी रहे. अटल बिहारी का सपना साकार होने जा रहा है. इसी परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी से सुनार नदी और कोपरा नदी को जोड़ा जाए, तो बुंदेलखंड अंचल के सागर और दमोह इलाके में जलसंकट की समस्या समाप्त हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने तत्काल सहमति देते हुए बैठक में मौजूद जल संसाधन विभाग के एसीएस और अन्य अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया है."
रहली से महज 75 किमी दूर बरमान
सागर जिले के देवरी से निकलकर रहली और दमोह जिले के हटा तक बहने वाली सुनार नदी और कोपरा नदी को नर्मदा नदी से जोड़े जाने का सुझाव गोपाल भार्गव द्वारा करीब 15 साल पहले रखा गया था. नर्मदा नदी के बरमान घाट की बात करें, तो रहली से इसकी दूरी सड़क मार्ग से महज 75 किमी है.
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जलसंकट की समस्या होगी समाप्त
ऐसे में नर्मदा को सुनार और कोपरा नदी से आसानी से जोड़ा जा सकता है. इस परियोजना का फायदा सिर्फ गोपाल भार्गव के इलाके को नहीं बल्कि सागर के अलावा दमोह जिले के हटा तक बहने वाली सुनार नदी के कारण दोनों जिलों को मिलेगा. दमोह जिले में जलसंकट की समस्या का निदान होगा. इसके अलावा दोनों जिलों में सिंचाई का रकबा भी आसानी से बढ़ जाएगा.