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कैबिनेट मंत्री के क्लीन चिट का दावा निकला झूठ, कांग्रेस ने शेयर की FIR कॉपी, मांगा इस्तीफा - Sagar Man Singh Missing Case

सागर जिले के मानसिंह के गुमशुदगी का मामला फिर सुर्खियों में है. सुप्रीम कोर्ट ने मानसिंह के गायब होने के मामले में एसआईटी गठित की थी. जिसके बाद 22 अगस्त को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर FIR कॉपी शेयर कर मंत्री गोविंद सिंह से इस्तीफा की मांग की है.

SAGAR MAN SINGH MISSING CASE
कैबिनेट मंत्री के क्लीन चिट का दावा निकला झूठ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 3:09 PM IST

सागर: शहर के बहुचर्चित मानसिंह अपहरण मामले में भले ही मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने आप को क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ इस मामले में सागर के सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. इसी मामले में पहले इसी सिविल लाइन थाना में गुमशदा की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में एसआईटी गठित किए जाने के बाद 22 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

उमंग सिंघार और केके मिश्रा ने FIR कॉपी की शेयर

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मामले में सरकार से सवाल पूछा है कि 'क्या अब मुख्यमंत्री मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का इस्तीफा लेंगे. उन्होंने कहा है कि इस मामले में 8 साल बाद फिर एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में शुरुआत से लापरवाही बरती गई, लेकिन न्याय अभी भी जिंदा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआईटी गठित करने के बाद अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं केके मिश्रा ने एफआईआर की कॉपी शेयर करते हुए कहा है कि "इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में और एफआईआर में मेरे नाम का कोई उल्लेख नहीं है. मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है, लेकिन एसआईटी गठन के बाद मामले में सागर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें मानसिंह के बेटे ने कहा है कि जमीनी विवाद के मामले में गोविंद सिंह राजपूत मेरे पिता को ले गए थे, तब से वह वापस नहीं आए हैं.

केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को पद से हटाने के लिए कहा है. उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच के लिए गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद से हटाना जरूरी है. केके मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो उन्हें जांच पूरी हो जाने के बाद मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए."

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पूछा क्या मुख्यमंत्री लेंगे इस्तीफा

वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि 'एमपी सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था. इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती! अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT गठित की गई. इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लीपापोती शुरू से ही साफ दिखाई दी, लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है. क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा लेंगे'??

केके मिश्रा ने की मंत्री पद से हटाने की मांग

इसके साथ ही कांग्रेस नेता केके सिंह ने X पर लिखा कि ' क्या सागर जिले के बहुचर्चित किसान मानसिंह अपहरण प्रकरण को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने SIT गठित की. तदोपरारांत इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आये मंत्री गोविंद सिंह राजपूता ने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व एफआईआर में कहीं मेरे नाम का उल्लेख नहीं हैं, मेरे विरूद्ध साजिश रची जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने SIT गठित कर दी है, संलग्न FIR जो 22.8.2016 सागर जिले के सिविल लाइन थाने में दर्ज हुई. उसमें अपहृत किसान के पुत्र सीताराम ने स्पष्टतः लिखवाया है कि भूमि संबंधी विवाद को लेकर मेरे पिता को मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बुलाया था, तब से ही वे घर नहीं लौटे हैं.! मंत्री जी,अब तो आपका नाम स्पष्ट है.

यहां पढ़ें...

मान सिंह की गुमशुदगी का मामला गर्माया, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को क्यों देनी पड़ी चेतावनी

कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को राहत, हाईकोर्ट ने दिये FIR खारिज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री मोहन यादव से फिर आग्रह है कि SIT की जांच निष्पक्ष और बिना दबाव के हो, लिहाजा इस अवधि तक मंत्रीजी को इनके दायित्व से मुक्त कीजिएगा, ताकि पीड़ित किसान परिवार को न्याय मिला सके. यदि मंत्रीजी बीजेपी की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो जांच की सच्चाई आ जाने के बाद आप इन्हें सीएम बनवा दीजिएगा.'

सागर: शहर के बहुचर्चित मानसिंह अपहरण मामले में भले ही मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने आप को क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ इस मामले में सागर के सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. इसी मामले में पहले इसी सिविल लाइन थाना में गुमशदा की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में एसआईटी गठित किए जाने के बाद 22 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

उमंग सिंघार और केके मिश्रा ने FIR कॉपी की शेयर

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मामले में सरकार से सवाल पूछा है कि 'क्या अब मुख्यमंत्री मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का इस्तीफा लेंगे. उन्होंने कहा है कि इस मामले में 8 साल बाद फिर एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में शुरुआत से लापरवाही बरती गई, लेकिन न्याय अभी भी जिंदा है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआईटी गठित करने के बाद अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है. वहीं केके मिश्रा ने एफआईआर की कॉपी शेयर करते हुए कहा है कि "इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में और एफआईआर में मेरे नाम का कोई उल्लेख नहीं है. मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है, लेकिन एसआईटी गठन के बाद मामले में सागर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें मानसिंह के बेटे ने कहा है कि जमीनी विवाद के मामले में गोविंद सिंह राजपूत मेरे पिता को ले गए थे, तब से वह वापस नहीं आए हैं.

केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को पद से हटाने के लिए कहा है. उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच के लिए गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद से हटाना जरूरी है. केके मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो उन्हें जांच पूरी हो जाने के बाद मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए."

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पूछा क्या मुख्यमंत्री लेंगे इस्तीफा

वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि 'एमपी सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था. इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती! अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT गठित की गई. इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लीपापोती शुरू से ही साफ दिखाई दी, लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है. क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा लेंगे'??

केके मिश्रा ने की मंत्री पद से हटाने की मांग

इसके साथ ही कांग्रेस नेता केके सिंह ने X पर लिखा कि ' क्या सागर जिले के बहुचर्चित किसान मानसिंह अपहरण प्रकरण को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने SIT गठित की. तदोपरारांत इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आये मंत्री गोविंद सिंह राजपूता ने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व एफआईआर में कहीं मेरे नाम का उल्लेख नहीं हैं, मेरे विरूद्ध साजिश रची जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने SIT गठित कर दी है, संलग्न FIR जो 22.8.2016 सागर जिले के सिविल लाइन थाने में दर्ज हुई. उसमें अपहृत किसान के पुत्र सीताराम ने स्पष्टतः लिखवाया है कि भूमि संबंधी विवाद को लेकर मेरे पिता को मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बुलाया था, तब से ही वे घर नहीं लौटे हैं.! मंत्री जी,अब तो आपका नाम स्पष्ट है.

यहां पढ़ें...

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मुख्यमंत्री मोहन यादव से फिर आग्रह है कि SIT की जांच निष्पक्ष और बिना दबाव के हो, लिहाजा इस अवधि तक मंत्रीजी को इनके दायित्व से मुक्त कीजिएगा, ताकि पीड़ित किसान परिवार को न्याय मिला सके. यदि मंत्रीजी बीजेपी की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो जांच की सच्चाई आ जाने के बाद आप इन्हें सीएम बनवा दीजिएगा.'

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