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सागर विश्वविद्यालय जल्द करेगा श्रीलंकन यूनिवर्सटी से करार, बुद्ध स्टडीज जैसे विषयों पर करेंगे साझा शोध

श्रीलंका में अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस का आयोजन किया गया था, इसमें सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. निलिमा गुप्ता ने भाग लिया.

SAGAR UNIVERSITY MOU WITH SRILANKA
श्रीलंका में आयोजित किया गया अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 19 hours ago

सागर: भारत और श्रीलंका के बीच धर्म, संस्कृति जैसे कई मामलों में एकरूपता है. हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी श्रीलंका का उल्लेख मिलता है. इसके अलावा भारत से निकलकर दुनिया भर में फैले बौद्ध धर्म पर ढेर सारी रिसर्च और स्टडी हुई है. इसको और आगे बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू हुई है. दरअसल, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता श्रीलंका के दौरे पर थीं. वहां, उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त के साथ मिलकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सागर यूनिवर्सिटी और श्रीलंका के विश्वविद्यालय कैसे काम कर सकते हैं, इस विषय पर विस्तार से चर्चा की. जल्द ही सागर विश्वविद्यालय का श्रीलंका की दो यूनिवर्सिटी से करार हो सकता है.

श्रीलंका के विश्वविद्यालयों से समझौते की पहल

श्रीलंका के केलानिया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस का आयोजन किया गया था. इसमें सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भी शामिल हुई थीं. उन्होंने इस दौरान श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त डॉ. सत्यांजल पांडे से भी मुलाकात की. उन्होंने सागर यूनिवर्सिटी में चल रही रिसर्च और अकादमिक गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही श्रीलंका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ समझौते की पहल भी की. उन्होंने केलानिया यूनिवर्सिटी और नागानंदा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज के कुलपति से समझौते के बिंदुओं पर चर्चा की. दोनों संस्थानों ने जल्द ही सागर विश्वविद्यालय के बीच समझौते का आश्वासन दिया है.

सागर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निलिमा गुप्ता (ETV Bharat)

कुलपति प्रो. गुप्ता ने केलानिया विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. रंगामिनी वेरावेट्टा और कुलपति प्रो. नीलांथी रेनुका डी सिल्वा से विश्वविद्यालय की आधारभूत सुविधाओं के बारे में भी चर्चा की. भविष्य में सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर और श्रीलंका की यूनिवर्सिटी के बीच अकादमिक और शोध समझौता होगा. इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 तथा यूजीसी रेगुलेशन के आधार पर डुएल डिग्री प्रोग्राम, ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम संचालित किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सकेगा.

'भारत-श्रीलंका जल्द साइन करेंगे एमओयू'

कुलपति नीलिमा गुप्ता ने बताया, "यह यात्रा बहुत ही उपयोगी रही. अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस में मैंने नदियों के प्रदूषण और उनके अर्थशास्त्र को लेकर भाषण दिया जो काफी शानदार रहा. यूनिवर्सिटी ऑफ केलानिया वहां का फेमस विश्वविद्यालय है. उनके कुलपति, निदेशक और डीन से विस्तार से चर्चा हुई. वहां पर भारत के उप उच्चायुक्त भी आए थे. श्रीलंका की इंटनेशनल यूनिवर्सिटी में बुद्ध स्टडीज पर शोध को लेकर वहां के डायरेक्टर से चर्चा हुई. श्रीलंकन हाई कमिश्नर का रुख सकारात्मक रहा. हमने उन्हें सागर विश्वविद्यालय आने के लिए आमंत्रित किया है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही हम श्रीलंका के साथ बुद्ध स्टडीज जैसे कई विषयों पर साक्षा शोध करने का एमओयू साइन करेंगे."

सागर: भारत और श्रीलंका के बीच धर्म, संस्कृति जैसे कई मामलों में एकरूपता है. हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी श्रीलंका का उल्लेख मिलता है. इसके अलावा भारत से निकलकर दुनिया भर में फैले बौद्ध धर्म पर ढेर सारी रिसर्च और स्टडी हुई है. इसको और आगे बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू हुई है. दरअसल, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता श्रीलंका के दौरे पर थीं. वहां, उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त के साथ मिलकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सागर यूनिवर्सिटी और श्रीलंका के विश्वविद्यालय कैसे काम कर सकते हैं, इस विषय पर विस्तार से चर्चा की. जल्द ही सागर विश्वविद्यालय का श्रीलंका की दो यूनिवर्सिटी से करार हो सकता है.

श्रीलंका के विश्वविद्यालयों से समझौते की पहल

श्रीलंका के केलानिया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस का आयोजन किया गया था. इसमें सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भी शामिल हुई थीं. उन्होंने इस दौरान श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त डॉ. सत्यांजल पांडे से भी मुलाकात की. उन्होंने सागर यूनिवर्सिटी में चल रही रिसर्च और अकादमिक गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही श्रीलंका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ समझौते की पहल भी की. उन्होंने केलानिया यूनिवर्सिटी और नागानंदा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज के कुलपति से समझौते के बिंदुओं पर चर्चा की. दोनों संस्थानों ने जल्द ही सागर विश्वविद्यालय के बीच समझौते का आश्वासन दिया है.

सागर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निलिमा गुप्ता (ETV Bharat)

कुलपति प्रो. गुप्ता ने केलानिया विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. रंगामिनी वेरावेट्टा और कुलपति प्रो. नीलांथी रेनुका डी सिल्वा से विश्वविद्यालय की आधारभूत सुविधाओं के बारे में भी चर्चा की. भविष्य में सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर और श्रीलंका की यूनिवर्सिटी के बीच अकादमिक और शोध समझौता होगा. इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 तथा यूजीसी रेगुलेशन के आधार पर डुएल डिग्री प्रोग्राम, ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम संचालित किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सकेगा.

'भारत-श्रीलंका जल्द साइन करेंगे एमओयू'

कुलपति नीलिमा गुप्ता ने बताया, "यह यात्रा बहुत ही उपयोगी रही. अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस में मैंने नदियों के प्रदूषण और उनके अर्थशास्त्र को लेकर भाषण दिया जो काफी शानदार रहा. यूनिवर्सिटी ऑफ केलानिया वहां का फेमस विश्वविद्यालय है. उनके कुलपति, निदेशक और डीन से विस्तार से चर्चा हुई. वहां पर भारत के उप उच्चायुक्त भी आए थे. श्रीलंका की इंटनेशनल यूनिवर्सिटी में बुद्ध स्टडीज पर शोध को लेकर वहां के डायरेक्टर से चर्चा हुई. श्रीलंकन हाई कमिश्नर का रुख सकारात्मक रहा. हमने उन्हें सागर विश्वविद्यालय आने के लिए आमंत्रित किया है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही हम श्रीलंका के साथ बुद्ध स्टडीज जैसे कई विषयों पर साक्षा शोध करने का एमओयू साइन करेंगे."

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