सागर. बुंदेलखंड में कृषि आधारित फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है. केंद्र की आत्मनिर्भर भारत और मध्यप्रदेश सरकार की आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना के बेहतर परिणामों के चलते सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में योजना का लक्ष्य बढ़ा दिया है.
सागर में इतने यूनिट लगाने का लक्ष्य
पिछले वित्तीय वर्ष में सागर जिले के लिए सिर्फ 60 फूड प्रोसेसिंग यूनिट का लक्ष्य दिया गया था, जिसके 80 फीसदी पूरे हो जाने के कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष में लक्ष्य को तीन गुना बढ़ा दिया गया है. इसी योजना के तहत अब सागर जिले में 204 फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का फायदा लेने के लिए आवेदक का किसान होना जरूरी है और कृषि और उद्यान आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट ही किसान लगा सकता है.
कोरोनाकाल में योजना लाई थी सरकार
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना तैयार की गई थी. इस योजना के तहत हर राज्य को वहां की खेती किसानी के आधार पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए किसानों को उत्साहित करने अनुदान की व्यवस्था की गई थी. इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में सागर जिले के लिए 60 यूनिट की स्वीकृति दी गई थी, जिसमें से 30 यूनिट स्थापित हो चुकी हैं. और बाकी पर काम जारी है.
फूड प्रोसेसिंग में क्या शामिल?
फूड प्रोसेसिंग इकाइयों में दालमिल, राइसमिल, ऑयल मिल, बेकरी, पापड़ या बरी प्रोसेसिंग यूनिट से लेकर अचार,पापड, प्याज और टमाटर से बनने वाले उत्पाद है. यानी फल, सब्जियों और अनाज से प्रसंस्करित इकाइयां लगाई जा सकती हैं, इनका उपयोग खाने में होना चाहिए. पिछले वित्तीय वर्ष के बेहतर परिणाम को देखते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य बढ़ाकर 204 यूनिट कर दिया गया है. इस योजना के तहत कम से कम 18 वर्ष की आयु का युवा किसान फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर लाखों की कमाई कर सकता है. इस योजना के तहत सरकार से 35% तक अनुदान मिलेगा, जो अधिकतम 10 लाख रु तक होगा. इसमें उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किसानों को मार्गदर्शन के साथ-साथ प्रोजेक्ट बनाने में भी मदद मिलेगी. किसानों को सिर्फ इतना करना है कि जिस बैंक में उसका खाता है, वह बैंक इस योजना के अंतर्गत ऋण देने के लिए तैयार हो जाए.
क्या कहते हैं जानकार?
अभी आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत सागर जिले के 2024-2025 के लिए लक्ष्य मिले हैं. सागर जिले में 200 यूनिट स्थापित करने के लिए सभी ब्लाॅक अधिकारियों के लिए लक्ष्य बांट दिए हैं. इसमें जो भी बेरोजगार युवा या उद्यमी अपनी यूनिट स्थापित करना चाहते हैं, उनके लिए यहां डीआरपी नियुक्त किए गए हैं. डीआरपी के माध्यम से अपने प्रकरण तैयार करके बैंक में प्रस्तुत कर सकते हैं और इसमें फायदा ये है कि सरकार अधिकतम 10 लाख रु या 35 प्रतिशत अनुदान जो भी कम हो, वो परियोजना के लिए देगी. तीन फीसदी एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रकचर फंड से दिया जाएगा, इससे तीन प्रतिशत ब्याज भी कम हो जाएगा. आवेदक 18 साल का हो और कृषि क्षेत्र से जुड़ा होना चाहिए.