सागर: पिछले कुछ सालों से बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर तेजी से बदलती नजर आ रही है. आने वाले समय में एमपी और यूपी में फैला बुंदेलखंड एक ऐसा इलाका होगा, जो दोनों बड़े राज्यों के औद्योगिक शहरों को जोड़ने का काम करेगा. बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने में 2 नेशनल हाईवे अहम भूमिका निभाने वाले हैं. एक नेशनल हाईवे सागर कानपुर और दूसरा नेशनल हाईवे बुंदेलखंड विकास पथ होगा. इन दोनों नेशनल हाइवे के जरिए यूपी और एमपी के बुंदेलखंड क्षेत्र मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, देवास और उत्तर प्रदेश के कानपुर, वाराणसी और लखनऊ जैसे बड़े शहरों से जुड़ जाएंगे. बताया जा रहा है कि फिलहाल इन शहरों के आवागमन में जो समय लगता है, नेशनल हाईवे कंप्लीट होने के बाद उसका आधा समय भी नहीं लगेगा. बुंदेलखंड के विकास की उम्मीदों को पंख लगेंगे और पर्यटन, लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा.
2026 तक पूरा करने का लक्ष्य
सागर से कानपुर के सफर के लिए सड़क या रेल मार्ग से फिलहाल 7 से 8 घंटे का समय लगता है. लेकिन सागर कानपुर हाईवे बन जाने के बाद महज 3 घंटे में ये सफर आसानी से पूरा किया जा सकेगा. एमपी के बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर से 112 किलोमीटर का कानपुर-सागर नेशनल हाईवे बनाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को 2026 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल फिलहाल ये नेशनल हाईवे टू लाइन है, लेकिन इस पर ट्रैफिक व्यवस्था की बहुत समस्या है. खासकर उत्तर प्रदेश के कानपुर, वाराणसी, लखनऊ, इलाहाबाद जैसे शहरों से जोड़ने वाले इस हाईवे पर वाहनों का भारी दबाव रहता है. आए दिन इन रूटों पर जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है. बता दें कि कानपुर-सागर नेशनल हाईवे पर कुल 10 छोटे बड़े पुल बनाए जाएंगे. जिनमें 4 बड़े और 6 छोटे पुल होंगे. इसके अलावा 4 फ्लाईओवर, 21 अंडरपास और 1 आरओबी बनाया जाएगा. इस हाईवे के जरिए उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर, बांदा जैसे शहर और एमपी के बुंदेलखंड के छतरपुर और सागर शहर सीधे जुड़ जाएंगे.
चुनावी घोषणा में बीजेपी ने किया था वादा
मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल बनाने के लिए भाजपा ने 6 एक्सप्रेस-वे बनाने का वादा अपने चुनाव घोषणा पत्र में किया था. जिसके तहत मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को जोड़ने वाले बुंदेलखंड विकास पथ को बनाया जा रहा है. बुंदेलखंड विकास पथ उन हिस्सों को जोड़ेगा जो सागर, कानपुर हाईवे से सीधे नहीं जुड़ पाएंगें. जिसमें झांसी, ललितपुर, इंदौर और राजधानी भोपाल का नाम शामिल है. बुंदेलखंड विकास पथ झांसी, ललितपुर से होते हुए सागर, भोपाल और देवास तक बनेगा. इसकी लंबाई करीब 330 किमी होगी और आवागमन में लगने वाले समय के साथ ट्रैफिक समस्या को कम करेगा.
बुंदेलखंड को होगा ये फायदा
एमपी-यूपी के बुंदेलखंड को इन दोनों नेशनल हाइवे से बड़ा फायदा होने वाला है. सबसे बड़ा फायदा बुंदेलखंड की खनिज संपदा के लिए होगा. खनिज व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और बुंदेलखंड के पर्यटन व्यवसाय को पंख लगेंगे. एमपी के बुंदेलखंड में खजुराहो, ओरछा, पन्ना के पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के झांसी, चित्रकूट और महोबा के पर्यटन स्थल नेशनल हाइवे से कनेक्ट हो जाएंगे. इसके अलावा नेशनल हाइवे के किनारे लॉजिस्टिक हब, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, कृषि और दूसरे व्यवसाय बड़े शहरों के बाजार से आसानी से कनेक्ट हो जाएंगे.