रांची: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप और हत्या की वारदात के बाद पूरे झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ऑडिट शुरू कर दिया गया है. सुरक्षा ऑडिट के लिए सभी अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज, लेडीज हॉस्टल के साथ-साथ जिन कार्यालयों में महिला कर्मी काम करती हैं, उन सभी स्थलों को शामिल किया गया.
राजधानी में सुरक्षा ऑडिट शुरू
राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनके कार्यस्थल का सुरक्षा ऑडिट शुरू किया गया है. राजधानी रांची में सुरक्षा ऑडिट का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. सुरक्षा ऑडिट के तहत प्रत्येक थाना क्षेत्र में पड़ने वाले सभी अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज, लेडीज हॉस्टल, वर्किंग लेडीज हॉस्टल, गर्ल्स हॉस्टल की लिस्ट तैयार कर स्थानीय थाना प्रभारी के द्वारा सभी स्थलों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया है. सुरक्षा ऑडिट के दौरान पुलिस ने कई बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की है.
क्या है ऑडिट का आधार
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी में चाहे अस्पताल हो कॉलेज हो या फिर सरकारी और निजी संस्थान जहां महिलाएं काम करती हैं उन स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किस तरह के इंतजाम हैं, इसे लेकर ऑडिट किया गया है. ऑडिट के दौरान यह देखा गया कि कार्यस्थल पर महिलाओं के आने-जाने की क्या व्यवस्था है. अगर महिलाएं नाइट ड्यूटी करती हैं तो उनके लिए उन स्थलों पर किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाई जा रही है. जिन कार्यालय में महिलाएं काम करती हैं वहां सीसीटीवी लगा हुआ है या नहीं. कार्यालय के आसपास के क्षेत्रों में अड्डेबाजी तो नहीं होती है. क्या कभी कार्यस्थल पर आने और जाने के समय किसी महिलाकर्मी के द्वारा किसी आपराधिक चरित्र के व्यक्ति के द्वारा छेड़खानी की गई है. अगर छेड़छाड़ की गई है तो उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है या नहीं. इन सभी मुद्दों को सुरक्षा ऑडिट में शामिल किया जा रहा है.
देर रात लौटने के लिए क्या है व्यवस्था
सुरक्षा ऑडिट में बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में काम करने वाले महिलाकर्मियों को भी शामिल किया गया है. अक्सर यह देखा जाता है कि रांची के तमाम बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान रात 9 से 10 के बीच बंद होते हैं. बड़े शॉपिंग मॉल में बड़ी संख्या में महिलाकर्मी भी काम करती हैं. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में यह भी शामिल किया है जब महिलाकर्मी रात के समय घर लौटती हैं तो उस समय उनके प्रतिष्ठान मालिक के द्वारा उन्हें किस तरह से घर भेजा जाता है. क्या महिला कर्मियों के परिजन उन्हें लेने आते हैं या फिर उनके जाने के लिए कैब की व्यवस्था की जाती है. अगर कैब की व्यवस्था की जाती है तो क्या कैब के ड्राइवर की पूरी जानकारी प्रतिष्ठान के द्वारा रखी गई है.
ऑडिट रिपोर्ट के बाद जारी होंगे निर्देश
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी में महिला कार्यस्थल को लेकर सुरक्षा ऑडिट का काम लगभग पूरा होने के कगार पर है. सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट मिलने के बाद उस रिपोर्ट पर मंथन किया जाएगा. अगर कहीं सुरक्षा में चूक मिलती है या प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरे का घेरा नहीं है तो ऐसे समस्याओं को दूर करने के लिए बैठकर बात की जाएगी. जिन क्षेत्रों में पुलिस की सहायता की जरूरत होगी तो वहां पुलिस टीम को तैनात किया जाएगा.
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