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केजरीवाल के ख‍िलाफ सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने खोला मोर्चा, कहा- पूरी नहीं की गारंटी - Sanjay Gehlot alleged on Kejriwal

आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत को 2022 में आयोग का चेयरमैन न‍ियुक्‍त क‍िया था. लेक‍िन अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्‍होंने सरकार के ख‍िलाफ बगावती तेवर अपना ल‍िए हैं.

केजरीवाल के ख‍िलाफ सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने खोला मोर्चा
केजरीवाल के ख‍िलाफ सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने खोला मोर्चा (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 16, 2024, 6:36 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी द‍िल्‍ली की सातों लोकसभा सीटों पर 25 मई को चुनाव होना है. इस बीच आम आदमी पार्टी में बगावत लगातार तेज होती जा रही है. अब दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने केजरीवाल सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा खोल दिया है. आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने दिल्ली सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जल्द वह मुख्यमंत्री केजरीवाल का असली चेहरा कर्मचारियों के बीच लाएंगे.

गहलोत ने कहा कि चेयरमैन बनने से बहुत आशा और उम्‍मीद इस सरकार के साथ थी. दिल्ली सरकार कर्मचारियों के हित में कार्य करेगी, लेक‍िन दिल्ली सरकार ने केवल ढाक के तीन पात वाली कहावत को ही चरितार्थ किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार AAP सरकार ने एमसीडी में सरकार बनने से पहले सभी कर्मचारियों को नियमित करने, एरियर का भुगतान करने, मेडिकल सुविधा देने के लिए गारंटी दी थी, उसमें से एक भी गारंटी पूरी नहीं की है. केवल एक दो महीने एक तारीख को वेतन देकर लीपापोती कर दी गई है.

गहलोत ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह भी है क‍ि कर्मचारियों को पिछले 3 माह से वेतन नहीं म‍िला है. इसके अलावा दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी में पिछले 35 महीनों से स्‍टॉफ को वेतन नहीं मिला है. वहां, कार्यरत महिलाओं ने तो अपने ज़ेवर, गहने भी बेच दिये हैं. इससे साबित होता है कि दिल्ली सरकार दलित विरोधी सरकार है.

गहलोत ने बताया कि अभी दो दिन पहले सीवर में कार्य करते समय एक कर्मचारी की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी वेंटिलेटर पर है. जब आयोग की तरफ से इनके परिवार को मुआवजा देने के ल‍िए सिफारिश की जाती है तो वहां मुख्यमंत्री आवास पर आपस में ही झगड़ा होने वाली बात सामने आती है. सवाल उठता है क‍ि जब सरकार चलाने वाले नुमाइंदे ही आपस में मारपीट कर रहे हैं तो ये जनता की क्या सेवा कर पाएंगे.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शहीद हुए कर्मचारियों के आश्रितों को भी एक करोड़ की राशि नहीं दी जा रही है. उन्‍होंने आरोप लगाया क‍ि अगर आयोग की तरफ से सिफारिश की जाती है तो स‍िर्फ 10-10 लाख देकर पीछा छुड़ाया जाता है. इससे सरकार का दलित विरोधी दोहरा सामने आता है. चेयरमैन गहलोत ने चेतावनी दी क‍ि जल्‍द वो मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और उनका असली चेहरा अपने कर्मचारियों के बीच लेकर आएंगे.

बता दें, संजय गहलोत ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव बीएसपी के ट‍िकट पर लड़ा था. इसके बाद 2020 में प‍िछले द‍िल्‍ली व‍िधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्‍होंने आम आदमी पार्टी ज्‍वाइन की थी. वह सफाई कर्मचार‍ियों के बड़े नेताओं में शुमार हैं. आम आदमी पार्टी सरकार ने उनको 2022 में द‍िल्‍ली सफाई कर्मचारी आयोग का चेयरमैन न‍ियुक्‍त क‍िया था, लेक‍िन अब ठीक लोकसभा चुनाव से पहले उन्‍होंने सरकार के ख‍िलाफ बगावती तेवर अपना ल‍िए हैं.

नई दिल्ली: राजधानी द‍िल्‍ली की सातों लोकसभा सीटों पर 25 मई को चुनाव होना है. इस बीच आम आदमी पार्टी में बगावत लगातार तेज होती जा रही है. अब दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन ने केजरीवाल सरकार के ख‍िलाफ मोर्चा खोल दिया है. आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने दिल्ली सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जल्द वह मुख्यमंत्री केजरीवाल का असली चेहरा कर्मचारियों के बीच लाएंगे.

गहलोत ने कहा कि चेयरमैन बनने से बहुत आशा और उम्‍मीद इस सरकार के साथ थी. दिल्ली सरकार कर्मचारियों के हित में कार्य करेगी, लेक‍िन दिल्ली सरकार ने केवल ढाक के तीन पात वाली कहावत को ही चरितार्थ किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार AAP सरकार ने एमसीडी में सरकार बनने से पहले सभी कर्मचारियों को नियमित करने, एरियर का भुगतान करने, मेडिकल सुविधा देने के लिए गारंटी दी थी, उसमें से एक भी गारंटी पूरी नहीं की है. केवल एक दो महीने एक तारीख को वेतन देकर लीपापोती कर दी गई है.

गहलोत ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह भी है क‍ि कर्मचारियों को पिछले 3 माह से वेतन नहीं म‍िला है. इसके अलावा दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी में पिछले 35 महीनों से स्‍टॉफ को वेतन नहीं मिला है. वहां, कार्यरत महिलाओं ने तो अपने ज़ेवर, गहने भी बेच दिये हैं. इससे साबित होता है कि दिल्ली सरकार दलित विरोधी सरकार है.

गहलोत ने बताया कि अभी दो दिन पहले सीवर में कार्य करते समय एक कर्मचारी की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी वेंटिलेटर पर है. जब आयोग की तरफ से इनके परिवार को मुआवजा देने के ल‍िए सिफारिश की जाती है तो वहां मुख्यमंत्री आवास पर आपस में ही झगड़ा होने वाली बात सामने आती है. सवाल उठता है क‍ि जब सरकार चलाने वाले नुमाइंदे ही आपस में मारपीट कर रहे हैं तो ये जनता की क्या सेवा कर पाएंगे.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शहीद हुए कर्मचारियों के आश्रितों को भी एक करोड़ की राशि नहीं दी जा रही है. उन्‍होंने आरोप लगाया क‍ि अगर आयोग की तरफ से सिफारिश की जाती है तो स‍िर्फ 10-10 लाख देकर पीछा छुड़ाया जाता है. इससे सरकार का दलित विरोधी दोहरा सामने आता है. चेयरमैन गहलोत ने चेतावनी दी क‍ि जल्‍द वो मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और उनका असली चेहरा अपने कर्मचारियों के बीच लेकर आएंगे.

बता दें, संजय गहलोत ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव बीएसपी के ट‍िकट पर लड़ा था. इसके बाद 2020 में प‍िछले द‍िल्‍ली व‍िधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्‍होंने आम आदमी पार्टी ज्‍वाइन की थी. वह सफाई कर्मचार‍ियों के बड़े नेताओं में शुमार हैं. आम आदमी पार्टी सरकार ने उनको 2022 में द‍िल्‍ली सफाई कर्मचारी आयोग का चेयरमैन न‍ियुक्‍त क‍िया था, लेक‍िन अब ठीक लोकसभा चुनाव से पहले उन्‍होंने सरकार के ख‍िलाफ बगावती तेवर अपना ल‍िए हैं.

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