जयपुर : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की होती है. बेरोजगारी, भुखमरी और भ्रष्टाचार के आंकड़ों को सरकार ने जनता के सामने पेश नहीं किया. सरकार अपना प्रचार करने के लिए नारों का इस्तेमाल कर रही है. साथ ही उन्होंने भाजपा पर गाय और भगवान के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एनएसएसओ या भारत सरकार के आंकड़े सामने नहीं आए. कोविड के बहाने जानबूझकर जनगणना में देरी की गई. हमारी पार्टी हमेशा जातिगत जनगणना की बात करती है, लेकिन भारत सरकार ने जातिगत जनगणना तो दूर जनगणना करवाना ही बंद कर दिया, जिसके आंकड़े हमारे पास मौजूद है. वहीं, दुख की बात यह है कि उनको भी प्रकाशित नहीं कर रहे हैं.
बिना नीति निर्धारण सच कैसे आएगा सामना : सचिन पायलट ने कहा कि सरकार आंकड़ों का खेल न खेले और जनता के सामने वास्तविक स्थिति प्रकट करे. जनगणना आज से नहीं, बल्कि दशकों से हो रही है. इसमें जानबूझकर विलंब किया गया है. सरकार के पास अपनी नाकामी छुपाने का सबसे बेस्ट तरीका है कि आंकड़े छिपाओ और बस बयानबाजी करो. जब तक टारगेट एलोकेशन नहीं होगा, नीति निर्धारण नहीं होगा, तब तक पता ही नहीं चलेगा कि लोगों को कहां फायदा हो रहा है. बस आप अपनी सुविधा को देखकर बजट पेश करेंगे तो उसका लाभ लोगों को नहीं मिलता है. एक टारगेटेड इंटरवेंशन के लिए कास्ट सेंसस जरूरी है. हमें पता ही नहीं पड़ेगा कि कितने लोग लाभ उठा चुके हैं और कितने उससे दूर है.
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दो राज्यों को दे दिए लाखों करोड़ रुपए : सचिन पायलट ने कहा कि आप अपने राजनीतिक हित साधने के लिए दो राज्यों को लाखों करोड़ रुपए का बजट दे दिए. हमारा बिहार और आंध्रप्रदेश से विरोध नहीं है. लेकिन राजनीतिक हित साधने के लिए यह किया गया. हमें अगर पता ही नहीं है कि कितने लोग लाभ नहीं उठा पाए हैं तो कैसे नीति निर्माण कर पाएंगे. पॉलिसी इंटरवेंशन के लिए जातीय जनगणना जरूरी है.
भाजपा शासित राज्यों में टकराव : रोडवेज बसों को लेकर हरियाणा और राजस्थान में टकराव के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो एक छोटा सा उदाहरण है. कहां-कहां टकराव हो रहा है. सत्ता में हो रहा है. संगठन में हो रहा है. दोनों जगह भाजपा की सरकार है, फिर भी लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जनता पर बोझ पड़ रहा है. केंद्र सरकार आपकी है. राजस्थान सरकार आपकी है, हरियाणा सरकार आपकी है. फिर किसको दोष देंगे. आपस में अगर समन्वय नहीं है.
आज तक एमओयू के दर्शन तक नहीं हुए : सचिन पायलट ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं, जहां राज्य सरकारों में आपस में तालमेल नहीं है. राजस्थान का मध्यप्रदेश और हरियाणा के बीच एमओयू साइन हुआ है, लेकिन एमओयू का आज तक कोई दर्शन नहीं कर पाया है. घोषणा हो गई, मिठाई बंट गई, लेकिन एमओयू में लिखा क्या है. यह किसी को पता नहीं है. जब सरकार आपकी है तो फिर लोगों से हकीकत क्यों छुपाना चाहते हैं. सरकार इसका जवाब नहीं दे पाई है.
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सड़कों-संस्थाओं का नाम बदलने में माहिर : उन्होंने कहा कि ये नाम बदलने में माहिर हैं. सड़कों के नाम बदल दो, संस्थाओं के नाम बदल दो. गाय के नाम पर तो केवल वोट ही लेते हैं. कांग्रेस सरकार ने हमेशा लोक सेवा को प्राथमिकता दी है. गाय की रक्षा, संरक्षण और उसको सुरक्षित रखना. यह काम हमारे सरकार करती थी. यह सरकार गाय के नाम पर वोट लेना चाहती है. गाय के लिए अनुदान कितना दिया है, खर्चा कितना दिया. उसका आंकड़ा देना नहीं. केवल भाषण देना होता है. ये गाय और भगवान के नाम पर वोट बटोरने में लगे हैं.
भाजपा से लोग थक चुके हैं : सचिन पायलट ने कहा कि लोग थक चुके हैं. भाजपा के खिलाफ मानस बना चुके हैं. अब तो उल्टी गिनती 2029 की शुरू हो चुकी है. राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद जिन तेवर में सरकार की जवाबदेही तय की है. उस पर सरकार जवाब नहीं दे पा रही है. इंडिया एलायंस और हम सब मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव है. वहां हमारी सरकार बनने वाली है. वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी चुनाव लड़ रहीं हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में उपचुनाव है. हम अच्छे बहुमत के साथ चुनाव जीतेंगे.
हरियाणा नतीजों पर उठ रहे हैं सवाल : सचिन पायलट ने कहा कि हरियाणा में चुनाव हो चुका है. उस पर सवाल उठ रहे हैं. मैं उस पर नहीं जाना चाहता हूं. लेकिन लोग बदलाव चाहते थे, किसी कारणवश वह हरियाणा में पूरा नहीं हो सका. इसके अनेक कारण हैं. हमारे हारे हुए कैंडिडेट कोर्ट भी जा रहे हैं. इलेक्शन कमीशन भी जा रहे हैं. वह एक प्रक्रिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग भाजपा से थके नहीं हैं. लोग अपना मन बना चुके हैं कि कांग्रेस के साथ खड़ा होना है. जहां तक इंडिया अलायंस की बात है. वह पहले भी मजबूत था और आज भी मजबूत है. सीट शेयरिंग में हम आपसी समझौते से आगे बढ़ते हैं. सब लोग बात व चर्चा करके आगे बढ़ते हैं. हमारा उद्देश्य है भाजपा व एनडीए को हराना.
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कल से मराठवाड़ा दौरे पर, संभालेंगे चुनावी कमान : उन्होंने कहा कि वे मंगलवार को मराठवाड़ा जा रहे हैं. जहां-जहां चुनाव हो रहे हैं. हमारा पूरा नेतृत्व मिलकर कैंपेन करेगा. उन्होंने राजस्थान उपचुनाव को लेकर कहा कि हम सातों जगह मजबूत हैं. हम चुनाव जीतेंगे. हर चुनाव निश्चित रूप से एक चुनौती होती है, लेकिन यह चुनाव सरकार के लिए चुनौती है कि इतनी जल्दी जनता का मोह भंग सरकार से हो जाए. ऐसा होता नहीं है. जल जीवन मिशन का काम था, ग्रामीण विकास के काम थे. वित्तीय संकट पैदा हुआ. सरकार में प्रशासन यहां खींच रहा है. बाबू वहां खींच रहे हैं और नेता अलग खींच रहे हैं. संगठन कुछ और बोल रहा है जनता कुछ और बोल रही है. इसमें लोग पिस रहे हैं और लोगो को नुकसान हो रहा है. हम उपचुनाव लड़ रहे हैं और मजबूती के साथ चुनाव जीतेंगे.
यह भाजपा की सरकार का टेस्ट : सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में सात सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को अपनी चिंता करनी चाहिए. भाजपा ने अब तक जो शासन किया है, उस पर और आंकड़ों पर चिंता करनी चाहिए. कांग्रेस सरकार ने कितना काम किया, कितना नहीं किया. उसका विवरण दें और अपनी सालभर की उपलब्धियां बताएं. ये बताएं कि 14 लाख करोड़ के एमओयू साइन किए हैं. एक एमओयू तीन-तीन बार साइन कर रहे हैं. धरातल पर कितने उतरेंगे. यह काम पहले वसुंधरा राजे ने भी किया था. लेकिन भाजपा सरकार की गवर्नेंस टेस्ट पर रहेगी. लोग मानस बन चुके हैं और आईना दिखाने का काम करेंगे. भाजपा नेता इस भ्रम में है कि वे अपनी गवर्नेंस के नाम पर जीत सकते हैं, तो उन्हें गलतफहमी है. कांग्रेस सातों सीटों पर चुनाव जीतेगी.