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डीएम ने किया CHC अगस्त्यमुनि का निरीक्षण, स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ की बैठक

DM inspected CHC Agastyamuni रुद्रप्रयाग के डीएम सौरभ गहरवार ने सीएचसी अगस्त्यमुनि का निरीक्षण किया. उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों का डाटा चेक किया और साफ-सफाई की व्यवस्था भी जांची.

rudraprayag dm
रुद्रप्रयाग डीएम
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 4, 2024, 3:19 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि बिना जांच किए किसी भी मरीज को हाई सेंटर रेफर न किया जाए.

जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों का डाटा चेक करते हुए कहा कि ओपीडी और इमरजेंसी की अलग-अलग पंजिका बनाई जाए. इसके अलावा भर्ती मरीजों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. बाहर से दवाइयां न लिखी जाए. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने चिकित्सालय में आवश्यक और अन्य मूलभूत सुविधाओं को निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिए. चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को उच्च सेंटर रेफर करने का स्पष्ट कारण और मरीज का मेडिकल से संबंधित विवरण अभिलेख रखने के भी निर्देश दिए.

इससे पूर्व जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर का निरीक्षण करते हुए आकस्मिक व बाह्य रोगी वार्ड में शिफ्ट वार तैनात चिकित्सकों का नाम और मोबाइल नंबर अंकित करने के निर्देश दिए. उन्होंने परिसर सहित सभी वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में निरंतर सफाई व्यवस्था रहनी अनिवार्य है. इसके लिए अतिरिक्त कार्मिक की तैनाती करने के निर्देश दिए. साथ ही परिसर में अव्यवस्थित ढंग से रखी सामग्री का उचित प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए.

जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में अतिरिक्त शौचालय पिट बनाए जान के साथ ही अतिरिक्त शौचालय निर्माण करने हेतु आंगणन प्रस्ताव उपलब्ध कराने को भी कहा है. इसके साथ ही चिकित्सालय परिसर की दीवारों का रंग रोगन, प्लास्टर व अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरस्त करने एवं स्टोर कक्ष में निष्प्रयोज्य सामग्री का एक सप्ताह के अंतर्गत निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को उचित माहौल एवं सुविधा उपलब्ध कराना चिकित्सालय प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से मिलकर उनका हालचाल भी पूछा और मिल रही सुविधाओं को लेकर उनसे फीडबैक भी लिया.

ये भी पढ़ेंः वर्ल्ड कैंसर डे: कुमाऊं में 13 साल में दोगुनी से अधिक हुई कैंसर रोगियों की संख्या, डरा रहे बढ़ते आंकड़े

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि बिना जांच किए किसी भी मरीज को हाई सेंटर रेफर न किया जाए.

जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों का डाटा चेक करते हुए कहा कि ओपीडी और इमरजेंसी की अलग-अलग पंजिका बनाई जाए. इसके अलावा भर्ती मरीजों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. बाहर से दवाइयां न लिखी जाए. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने चिकित्सालय में आवश्यक और अन्य मूलभूत सुविधाओं को निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिए. चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को उच्च सेंटर रेफर करने का स्पष्ट कारण और मरीज का मेडिकल से संबंधित विवरण अभिलेख रखने के भी निर्देश दिए.

इससे पूर्व जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर का निरीक्षण करते हुए आकस्मिक व बाह्य रोगी वार्ड में शिफ्ट वार तैनात चिकित्सकों का नाम और मोबाइल नंबर अंकित करने के निर्देश दिए. उन्होंने परिसर सहित सभी वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में निरंतर सफाई व्यवस्था रहनी अनिवार्य है. इसके लिए अतिरिक्त कार्मिक की तैनाती करने के निर्देश दिए. साथ ही परिसर में अव्यवस्थित ढंग से रखी सामग्री का उचित प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए.

जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में अतिरिक्त शौचालय पिट बनाए जान के साथ ही अतिरिक्त शौचालय निर्माण करने हेतु आंगणन प्रस्ताव उपलब्ध कराने को भी कहा है. इसके साथ ही चिकित्सालय परिसर की दीवारों का रंग रोगन, प्लास्टर व अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को दुरस्त करने एवं स्टोर कक्ष में निष्प्रयोज्य सामग्री का एक सप्ताह के अंतर्गत निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को उचित माहौल एवं सुविधा उपलब्ध कराना चिकित्सालय प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से मिलकर उनका हालचाल भी पूछा और मिल रही सुविधाओं को लेकर उनसे फीडबैक भी लिया.

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